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बजट सत्र हुआ शुरू, राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में रखे ये मुख्य बिंदु।

उत्तराखण्ड

बजट सत्र हुआ शुरू, राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में रखे ये मुख्य बिंदु।

संवादसूत्र देहरादून/गैरसैंण: विपक्षी दल कांग्रेस के भारी हंगामे के बीच राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह ने अपने अभिभाषण में भाजपा सरकार की बिकास योजनाओं का खाका खींचा।

सोमवार को 11 बजे शुरू हुए विधानसभा सत्र के पहले दिन कांग्रेस सदस्यों ने अंकिता भंडारी हत्याकांड, भर्ती घोटाले,महंगाई समेत अन्य मुद्दों को लेकर सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। अंकिता भंडारी मामले में वीआईपी का पता नहीं चलने पर कांग्रेस बेंच आक्रोश में दिखी।

कांग्रेस विधायक अंकिता भंडारी को न्याय दो..गरीबों का शोषण बन्द करो,,जुमलेबाजों की सरकार नहीं चलेगी.. नहीं चलेगी ..नारे लगा रहे थे। भारी शोरगुल के बीच राज्यपाल ने जोशोखरोश के साथ अभिभाषण पढ़ना जारी रखा। और सरकार की विकास योजनाओं को गिनाते चले गए। इस दौरान राज्यपाल ने पानी के घूंट भी पिये।

साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न सेक्टर में उत्तराखण्ड के बेहतर प्रदर्शन का अपने विशेष अंदाज में उल्लेख भी किया।

मैं आप सभी महानुभावों का पंचम विधान सभा वर्ष 2023 के प्रथम सत्र में हार्दिक स्वागत करता हूँ। देव भूमि उत्तराखण्ड को एक आदर्श एवं विकसित राज्य बनाये जाने में किये जा रहे प्रयासों एवं सहयोग के लिए मैं, समस्त विधान सभा सदस्यों तथा प्रदेश की जनता के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ, इसके साथ ही प्रदेश की उत्तरोत्तर संवृद्धि की भी कामना करता हूँ। मुझे विश्वास है कि हम आगामी वित्तीय वर्ष में जनआकांक्षाओं के अनुरूप विकास की नई ऊँचाइयों को प्राप्त करेंगे तथा आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के निर्माण के लिए कृत संकल्पित होकर अपना योगदान देंगे।

आजादी के अमृतकल में यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी के कुशल एवं प्रखर नेतृत्व में विश्वपटल पर 21वीं सदी के आत्मनिर्भर भारत का उदय हो रहा है। मा० प्रधानमंत्री जी का यह विश्वास की “21वीं शताब्दी का तीसरा दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा”, को साकार करने तथा राष्ट्र की 05 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु राज्य सरकार के 25 वर्ष पूर्ण होने तक पूंजीगत व्यय में वृद्धि दर के साथ आगामी पांच वर्षों में GSDP को दोगुना किया जायेगा ।

(1) नियोजन विभाग द्वारा राज्य योजना आयोग को युक्तिसंगतीकरण करके नीति आयोग, भारत सरकार की तर्ज पर उत्तराखण्ड में स्टेट इंस्टिटयूट फॉर एम्पावरिंग एण्ड ट्रांसफार्मिंग उत्तराखण्ड [State Institute for Empowering & Transforming Uttarakhand (SETU)] का स्वरूप प्रदान किया जा रहा है।

उत्तराखण्ड की आर्थिकी के उन्नयन एवं विकास में त्वरित गति हेतु “उत्तराखण्ड

अवस्थापना निवेश विकास बोर्ड” (UIDB) का गठन किया जा रहा है।

सशक्त उत्तराखण्ड की अवधारणा के अन्तर्गत वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने हेतु Sashakt Uttarakhand@25 पर कार्य किया जा रहा है। उत्तराखण्ड की प्रति व्यक्ति आय 2,05,840 रूपये है, जो अखिल भारतीय स्तर पर प्रचलित प्रति व्यक्ति आय 1,50,007 रूपये से 37 प्रतिशत अधिक है।

नीति आयोग द्वारा जून 2022 में जारी किया गया इंडिया इनोवेशन इंडेक्स 2021 में उत्तराखण्ड को नवाचार के मामलों में पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में दूसरे स्थान पर और पूरे देश में 5वें स्थान पर रखा है।

पुराने, कालातीत एवं अप्रासंगिक कानूनों को रद्द करने तथा वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप उन्हें संशोधित / युक्तिसंगत बनाने का कार्य किया जा रहा है। ऑन-लाइन अनुश्रवण हेतु राज्य में पी०एम० गति शक्ति पोर्टल तैयार किया जा रहा

है, जिसके माध्यम से विभिन्न योजनाओं एवं कार्यों का निरन्तर ऑन-लाइन अनुश्रवण

किया जायेगा ।

जिलाधिकारियों द्वारा जिलों में किये जा रहे नवाचारों को सम्पूर्ण प्रदेश में लागू किये जाने पर कार्य किया जा रहा 1

राज्य में नियोजन विभाग द्वारा हरियाणा सरकार की तर्ज पर “परिवार पहचान पत्र तैयार किया जा रहा है।

(2) कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग द्वारा राज्य सरकार जनता के द्वार, हमारा संकल्प भयमुक्त समाज, हमारा संकल्प अनुशासित प्रदेश निम्न संकल्पों एवं योजनाओं / कार्यक्रमों को

जनमानस तक पहुंचाने एवं उनकी समस्याओं का सरलीकरण, समाधान, निस्तारण, अनुश्रवण तथा प्रभावी क्रियान्वयन किये जाने के उद्देश्यों से मंडलायुक्तों / जिलाधिकारियों एवं मंडल / जिले के समस्त अधिकारियों के अतिरिक्त जनपद के प्रभारी मंत्रीगणों, प्रभारी सचिव गणों एवं शासन के विशेष कार्याधिकारियों को भी विभागीय बैठकों, ग्राम चौपालों एवं रात्रि प्रवासों के माध्यम से कार्यक्रमों / योजनाओं के सफल क्रियान्वयन की नई पहल की गयी है।

(3) वित्त विभाग के अन्तर्गत राज्य कर विभाग द्वारा खरीद पर बिल प्राप्त किए जाने की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित किये जाने के उद्देश्य से विभाग द्वारा “बिल लाओ – ईनाम पाओ’ योजना लागू की गयी है। जी०एस०टी० के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल रू0 5973.48 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ, जो गत वर्ष के सापेक्ष 34 प्रतिशत अधिक है।

(4) कार्मिक एवं सतर्कता विभाग द्वारा उत्तराखण्ड की महिलाओं को राजकीय सेवाओं में पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड लोक सेवा ( महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण) अधिनियम, 2022 ” लागू किया गया।

राज्याधीन सेवाओं के पदों पर भर्ती हेतु संचालित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार एवं प्रकटन पर प्रभावी अंकुश लगाने एवं अनुचित साधनों की रोकथाम हेतु एक विशेष कानून “उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा ( भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश, 2023 लाया गया है।

(5) कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 के क्रम में मिलेट फसलों को प्रोत्साहित करने तथा कुपोषण को दूर करने हेतु स्टेट मिलेट मिशन के संचालन पर कार्यवाही की जा रही है।

राष्ट्रीय प्राकृतिक कृषि मिशन के अर्न्तगत प्रदेश में 6400 है0 क्षेत्रफल को आच्छादित

किया जाने की स्वीकृति केन्द्र सरकार द्वारा प्रदान कर दी गयी है। राज्य स्तर पर “मुख्यमंत्री प्राकृतिक कृषि योजना” तथा “नमामि गंगे प्राकृतिक कृषि कोरिडोर योजना” भी प्रारम्भ की जा रही है एवं प्राकृतिक खेती कार्यक्रम के अनुश्रवण हेतु राज्य प्राकृतिक कृषि बोर्ड के गठन की कार्यवाही गतिमान है।

प्रदेश की स्थानीय फसलों को विशिष्ट पहचान दिलाने हेतु जियोग्राफिकल इन्डीकेशन टैग प्रदान कराये जाने की कार्यवाही गतिमान है। मुनस्यारी राजमा को जी० आई० टैग प्रदान किया जा चुका है तथा 11 फसलों हेतु कार्यवाही की जा रही है।

परम्परागत कृषि विकास योजना तथा नमामि गंगे योजनान्तर्गत संचालित जैविक क्लस्टरों में उत्पादित जैविक उत्पादों के विपणन हेतु जैविक आउटलेट को जनपदों में खोलने हेतु कार्यवाही गतिमान है।

(6) पशुपालन विभाग द्वारा राज्य में प्रथम बार विभिन्न योजनाओं के अभिशरण से पशुपालन के क्षेत्र में महत्वकांक्षी विशिष्ट परियोजना के संचालन हेतु गोट वैली की स्थापना की जा रही हैं तथा गढ़वाल मण्डल के 05 जनपदों में कुक्कुट वैली योजना संचालित की जा रही है।

उद्यमिता विकास हेतु राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजनान्तर्गत जनपद देहरादून के कालसी विकासखण्ड में विभाग द्वारा स्वदेशी गोवंशीय प्रजातियों हेतु उत्तर भारत में प्रथम बार भ्रूण प्रत्यारोपण उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किया गया है। उत्तराखण्ड राज्य में राजकीय क्षेत्र की देश की प्रथम लिंग वर्गीकृत वीर्य ( Sex Sorted Semen) प्रयोगशाला श्यामपुर – ऋषिकेश में स्थापित की जा चुकी है।

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माननीय प्रधान मंत्री जी के डिजीटल इण्डिया के लक्ष्य की ओर उत्तराखण्ड राज्य अग्रसर है एवं इस कड़ी में देश में प्रथम बार नेशनल डिजिटल लाइव स्टेक मिशन योजना पायलट के रूप में जनपद ऊधमसिंह नगर, चम्पावत देहरादून एवं हरिद्वार में संचालित की जा रही है।

(7) डेरी विकास विभाग द्वारा दुग्ध सहकारी समिति सदस्यों के दुधारू पशुओं को साईलेज एवं दुधारू पशु पोषण योजनान्तर्गत कॉम्पैक्ट फीड ब्लाक (भूसा भेली) पर 50 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।

गंगा गाय महिला डेरी योजना सम्बद्ध राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अन्तर्गत 03 एवं 05 दुधारू पशुओं की इकाई के साथ-साथ 02 दुधारू पशुओं की इकाई स्वीकृत करते हुए दुधारू पशु इकाई स्थापना हेतु अनुदान राशि 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत कर दी जाएगी।

दुग्ध उत्पादकों से गोबर क्रय करते हुए बायो सी०एन०जी० का कार्य पी०पी०पी०

मॉडल में संचालित किया जा रहा हैं। मत्स्य विभाग मात्स्यिकी क्षेत्र खाद्य और पोषण सुरक्षा के साथ-साथ मत्स्य पालकों की आर्थिक समद्धि और भलाई में योगदान देते हुए रोजगार सृजित कर रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों के सुदूर क्षेत्र जहां रोजगार हेतु सीमित संसाधन उपलब्ध हैं, में ट्राउट फार्मिंग एक बेहतर व्यवसाय के रूप में सृजित हुआ है। पर्वतीय क्षेत्रों में ट्राउट फार्मिंग के लाभ को दृष्टिगत रखते हुए वर्तमान में 40 से अधिक मत्स्य जीवी सहकारी समितियां कलस्टर आधारित ट्राउट फार्मिंग का कार्य कर रही हैं एवं इनको सशक्त किये जाने हेतु सरकार द्वारा विभिन्न कार्य किये जा रहे हैं।

( 9 ) गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग द्वारा पेराई सत्र 2022-23 हेतु खाण्डसारी नीति निर्गत की गयी है जिससे चीनी मिलों को आपूर्ति के उपरांत अवशेष गन्ने की कोल्हूओं को आपूर्ति से किसानों को उचित गन्ना मूल्य प्राप्त होगा, घटतौली पर अंकुश लगेगा साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

राज्य की बंद पड़ी सितारगंज चीनी मिल को आगामी पेराई सत्र से दीर्घकालिक लीज पर दिया गया है जिससे मिल संचालन पर प्रतिवर्ष होने वाला संभावित व्यय लगभग 37 करोड़ रूपये की बचत होगी वहीं लीज पर दिये जाने से राज्य सरकार को प्रतिवर्ष 5 करोड़ रूपये की आय प्राप्त होगी । किसानों की सुविधा एवं पारदर्शिता हेतु किसानों को गन्ने की पर्ची वितरण का कार्य

ऑनलाइन एवं एस०एम०एस० के माध्यम से किया जा रहा है।

( 10 ) वन विभाग द्वारा ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने एवं इससे अतिरिक्त आजीविका के अवसर उपलब्ध कराये जाने हेतु मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन की अध्यक्षता में एक प्रदेश स्तरीय समिति का गठन किया गया है। चम्पावत वन प्रभाग के अन्तर्गत जिम कार्बेट ट्रेल का विकास किये जाने की कार्यवाही गतिमान है।

भारतीय वन सर्वेक्षण (Forest Survey of India) की वर्ष 2021 की रिपोर्ट के अनुसार

वनावरण में 2 वर्ग किमी० की वृद्धि पायी गयी है। 241 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा रहा है।

वन क्षेत्र में वानिकी सेक्टर के माध्यम से वन क्षेत्र के अप्रयुक्त (Untapped) संसाधनों का चिह्नीकरण कर रोजगार एवं राजस्व में वृद्धि की सम्भावनाओं हेतु योजना एवं रणनीति तैयार की जायेगी ।

वन क्षेत्र के अप्रयुक्त (Untapped) संसाधनों का चिह्नीकरण करते हुए स्थानीय स्तर पर रोजगार एवं राजस्व में वृद्धि की सम्भावनाओं पर रणनीति तैयार की जायेगी । (11) पेयजल विभाग द्वारा जल जीवन मिशन के अन्तर्गत कुल 10,93,281 (73.16 प्रतिशत)

ग्रामीण परिवारों को पेयजल कनेक्शन प्रदान किया जा चुका है। राज्य में स्कूलों एवं आंगनवाडियों में लगभग 100 प्रतिशत नल संयोजन उपलब्ध कराये गये हैं।

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत 5638 परिवारों को व्यक्तिगत घरेलू शौचालय से आच्छादित किया गया तथा 4011 गांवो को ओ०डी०एफ० प्लस किया गया है ।

तीर्थ यात्रियों की सुविधा हेतु चारधाम यात्रा मार्गों पर 31 वॉटर ए०टी०एम० एवं 60

वाटर प्यूरीफायर (Water Purifier) अधिष्ठापित किये गये ।

सूखा प्रवण व सूखाग्रस्त क्षेत्रों के 109244 परिवारों को नलसंयोजन प्रदान किये गये । (12) सिंचाई विभाग द्वारा राज्य की छोटी नदियों एवं गाढ़ गधेरों में जल संवर्द्धन तथा जल

संरक्षण एवं अप्रत्यक्ष रूप से भूजल स्तर में वृद्धि के लिये चैक डैम / स्टॉप डैम के निर्माण

हेतु वृहद मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। राज्य में प्राकृतिक स्रोतों के पुनर्जीवीकरण एवं वर्षा जल का पेयजल तथा सिंचाई में प्रयोग को बढ़ावा देने हेतु कई जलाशयों के निर्माण कार्य प्रारम्भ कराये गये हैं। जिनमें पिथौरागढ़ शहर को पेयजल हेतु स्वच्छ जल उपलब्ध कराये जाने के लिए थरकोट बैराज एवं चम्पावत जिले के लोहाघाट शहर में कोलीढेक झील का निर्माण किया जा रहा है ।

(13) लघु सिंचाई विभाग द्वारा प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान योजना (PM KUSUM) के अधीन किसानों के डीजल संचालित पम्पसेटों को सोलरपम्पसेटों में परिवर्तित किये जाने का कार्य गतिमान है।

(14) ऊर्जा एवं वैकल्पिक ऊर्जा विभाग पिटकुल विद्युत पारेषण उपलब्धता 99.67 प्रतिशत, पारेषण हानियाँ (Line Loss) 1.02 प्रतिशत व क्रेडिट रेटिंग A+ के आधार पर देश की सर्वोत्तम पारेषण यूटिलिटी में से एक है। व्यासी- देहरादून लाइन, चीला – नजीबाबाद लाइन एवं पदार्था उपकेन्द्र का निर्माण इत्यादि तीन महत्वपूर्ण कार्यों पर कार्यवाही गतिमान है ।

मा० प्रधानमंत्री जी की अपेक्षानुसार वर्ष 2030 तक कुल 500 GW नवीकरणीय ऊर्जा एवं वर्ष 2070 तक Net Zero के लक्ष्यों के सापेक्ष राज्य में नई सोलर पॉलिसी पर कार्यवाही गतिमान है।

120 मे०वा० क्षमता की व्यासी जल विद्युत परियोजना परिचालित की जा चुकी है। 300 मेगावॉट की लखवाड़ परियोजना का कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। राज्य में जल विद्युत परियोजनाओं के त्वरित विकास एवं प्रोत्साहन, रोजगार एवं निवेश वृद्धि हेतु नई ऊर्जा नीति प्रभावी करते हुए सम्बन्धित विकासकर्ताओं को प्रक्रियात्मक एवं विभिन्न मदों में छूट अनुमन्य की गयी है। नई जल विद्युत परियोजनाओं के विकास हेतु टीएचडीसीआईएल एवं यूजेवीएन लिमिटेड के मध्य संयुक्त उपक्रम का गठन किया गया है। |

श्री केदारनाथ धाम को निर्बाध एवं बेहतर विद्युत आपूर्ति हेतु सोनप्रयाग में 2X3 MVA 33/11KV उपसंस्थान (2X3 MVA) की स्थापना की गयी है। ऑनलाइन भुगतान को बढ़ावा दिये जाने एवं समयबद्ध राजस्व वसूली हेतु निर्धारित अवधि में भुगतान पर उपभोक्ताओं को छूट प्रदान की जा रही है।

(15) कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग द्वारा Industry 4-0 के अनुरूप Curriculum/Infrastructural Up gradation तथा अन्य प्रदेशों में क्रियान्वित की जा रही Best Practices (कर्नाटक मॉडल) को राज्य के चिह्नित 20 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में विभिन्न उद्योगों / उद्योगसमूहों की सहायता से लागू किये जाने हेतु कार्यवाही की जा रही है।

विदेशों में उपलब्ध रोजगार के अवसरों से राज्य के युवाओं को जोड़े जाने हेतु विभाग द्वारा विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। विभाग द्वारा आई०टी०आई० उत्तीर्ण युवाओं को दुबई स्थित कम्पनी में सेवायोजन के अवसर प्रदान किये गये हैं। वर्तमान में विभाग द्वारा अन्य देशों में भी इस प्रकार के अवसरों हेतु प्रतिष्ठित संस्थाओं से प्रस्ताव आमंत्रित किया गया है, जिस पर कार्यवाही गतिमान है।

विश्व बैंक सहायतित उक्त उत्तराखण्ड वर्क फोर्स डेवलेपमेण्ट परियोजना के अन्तर्गत आच्छादित संस्थानों में Industry Linkage cell स्थापित तथा शेष संस्थानों में Industry Linkage cell की स्थापना किया जाना गतिमान है ।

विश्व बैंक पोषित परियोजना के माध्यम से राज्य के 24 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में आधारभूत सुविधाओं यथा सिविल, कार्यशाला, मशीन उपकरण, स्मार्ट क्लास आदि के उन्नयन के साथ ही समस्त फैक्लटी के उद्योगों / अधिष्ठानों में प्रशिक्षण, ट्रेसर स्टडी, Enterprise Resource Planning का क्रियान्वयन आदि कार्य किये जा रहे हैं।

प्रशिक्षण की गुणवत्ता एवं प्रशिक्षणार्थियों की रोजगारपरकता में वृद्धि किये जाने के उद्देश्य से लघु अवधिक कौशल प्रशिक्षण डोमेन एक्सपर्ट / विषय विशेषज्ञों के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किये जाने की कार्यवाही गतिमान है, इसके साथ ही आई०टी०, कृषि, ड्रोन तकनीक, सोलर, टूरिज्म, ब्यूटी वैलनेस, इलेक्ट्रॉनिक्स आदि क्षेत्रों में विषय विशेषज्ञों के माध्यम से प्रदान किये जा रहे हैं। काशीपुर में इलेक्ट्रिकल तथा हरिद्वार में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सम्बन्धित क्षेत्र की अग्रणी फर्म के माध्यम से Centre of Excellence की स्थापना की जा रही है।

केन्द्र पोषित Skills Strengthening for Industrial Value Enhancement (STRIVE) के अन्तर्गत औद्योगिक आस्थानों के समीप स्थित 4 संस्थानों यथा देहरादून, हरिद्वार, काशीपुर एवं दिनेशपुर के छात्रावासों को दूरस्थ क्षेत्र के प्रशिक्षणार्थियों को ऑन द जॉब ट्रेनिंग ( OJT) हेतु उनके ठहरने के लिये तैयार किया गया है। सहसपुर स्थित संस्थान को स्किल हब के रूप में विकसित किये जाने की कार्यवाही

गतिमान । स्किलहब के अन्तर्गत विदेश रोजगार प्रकोष्ठ, मॉडल कैरियर सेंटर,

विभागीय प्रशिक्षण केन्द्र, राज्य के युवाओं को Up skill & Reskill किये जाने के

उद्देश्य से इलैक्ट्रिकल, मैन्युफैक्चरिंग, आर०ए०सी०, इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन आदि छः महत्वपूर्ण सेक्टर में उद्योगों के सहयोग से अत्याधुनिक कार्यशाला / फिनिशिंग स्कूल स्थापित किया जायेगा, स्किलहब में सभी प्रशिक्षण आवासीय होंगे।

( 16 ) समाज कल्याण विभाग द्वारा राज्य के SC/ST आवास विहीन परिवारों को अटल आवास

योजनान्तर्गत आवास निर्माण हेतु दी जाने वाली आर्थिक सहायता को पर्वतीय क्षेत्र में 38,500 से बढ़ाकर 1,30,000 एवं मैदानी क्षेत्रों में 32,500 से बढ़ाकर 1,20,000 किया गया। समाज कल्याण विभागान्तर्गत वृद्धावस्था, दिव्यांग व विधवा पेंशन में 300 रूपये की वृद्धि करते हुए 1500 रूपये मासिक किया गया है। वृद्धावस्था पेंशन योजना में पति-पत्नी दोनों को पेंशन का लाभ अनुमन्य किया गया है। राज्य के SC/ST के व्यक्तियों की पुत्री तथा निराश्रित विधवाओं की पुत्रियों की शादी योजना में आय

सीमा को 1250 रूपये से बढ़ाकर 4000 रूपये मासिक किया गया है। | प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (PM-AJAY) के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य के जनपद नैनीताल के 05 ग्रामों को आदर्श ग्राम घोषित किया गया है।

( 17 ) अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा “मुख्यमंत्री हुनर योजना के अन्तर्गत अल्पसंख्यक समुदाय के आर्थिक विकास, कौशल विकास, रोजगार के अवसर उत्पन्न करने, उनके पारम्परिक कौशल का संरक्षण, पुनर्जीवीकरण एवं उन्नयन के उददेश्य अल्पसंख्यक समुदाय को लाभान्वित किया जा रहा है।

“मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजनान्तर्गत अल्पसंख्यक बालिकाओं की ड्राप आउटदर को कम करने तथा उनकी शिक्षा को बढ़ावा दिये जाने हेतु अधिकतम 25,000 रूपये तक का अनुदान दिया जा रहा है, योजनान्तर्गत कुल 1189 अभ्यर्थियों को अनुदान प्रदान किया गया है।

अल्पसंख्यक विभागान्तर्गत “मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक प्रोत्साहन योजनान्तर्गत” देश की विभिन्न प्रतिष्ठित प्रतियोगिता परीक्षाओं हेतु अल्पसंख्यक वर्ग के सफल अभ्यर्थियों को अधिकतम 75000 रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।

(18) ग्राम्य विकास विभाग द्वारा मिशन अमृत सरोवर के अन्तर्गत 1102 सरोवर निर्मित किये गये। अमृत सरोवरों को रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से 340 अमृत सरोवरों को मत्स्य पालकों को मत्स्य पालन हेतु दिया गया है। अमृत सरोवर के निर्माण में राज्य का देश में तृतीय स्थान है ।

आईफैड के वित्तीय सहयोग से ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना ( REAP) का शुभारम्भ किया गया जिसका मुख्य लक्ष्य ग्रामीण परिवारों की आय में वृद्धि करते हुये क्षेत्र में पलायन की समस्या को कम करना है। ग्राम वासियों की आवश्यकता एवं मांग आधारित “ग्राम पंचायत संतृप्तीकरण योजना “

तैयार कर ग्रामीण क्षेत्रों का समग्र एवं नियोजित विकास किया जायेगा । ( 19 ) पंचायती राज विभाग द्वारा ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के कार्यों में गति लाये जाने के उद्देश्य से समस्त 95 विकासखण्डों में प्रति विकासखण्ड 01 कॉम्पैक्टर की स्थापना की जा रही है।

(20) खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा अन्त्योदय अन्न योजना के राशन कार्ड धारकों को वर्ष में तीन गैस सिलेण्डर रिफिल निःशुल्क उपलब्ध करायी जा रही है। राज्य में प्रचलित समस्त राशन की दुकानों एवं राशनकार्डों का डिजिटलीकरण करने के उपरान्त बायोमैट्रिक के माध्यम से राशन वितरण किया जा रहा है।

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वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के अन्तर्गत एक राज्य से दूसरे राज्य में राशन की दुकान से आधार ओथेंटिकेशन के उपरान्त खाद्यान्न प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध है।

प्रधानमंत्री पोषण योजना के अन्तर्गत राज्य के दो जनपदों हरिद्वार तथा ऊधमसिंह नगर के सभी NFSA के लाभार्थियों को फोर्टिफाइड चावल का वितरण प्रारम्भ किया गया है । खाद्यान्न के दुरूपयोग को देखने के उद्देश्य को राज्य के मैदानी जनपदों में

खाद्यान्न गोदामों को जी०पी०एस० सक्षम डोर स्टेप डिलीवरी को 90 प्रतिशत कर

लिया गया है।

ई – खरीद पोर्टल तैयार कर पंजीकृत कृषकों से ही धान / गेहूं का क्रय कर कृषकों के खाते में पी०एफ०एम०एस० / आर०टी०जी०एस० के माध्यम से भुगतान की व्यवस्था की गयी है।

UN-WFP के माध्यम से स्थापित एक अन्नपूर्ति मशीन / ग्रेन ए०टी०एम० पॉयलट बेस

जनपद देहरादून में स्थापित किया गया है।

( 21 ) सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग द्वारा सैन्य धाम के रूप में शौर्य स्थल का निर्माण देहरादून के गुनियाल गांव में किया जा रहा है, जिसका 35 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है । पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों की सहायता हेतु नियुक्त ब्लाक प्रतिनिधियों के मानदेय

को 6 हजार रूपये से बढ़ाकर 8 हजार रूपये प्रतिमाह कर दिया गया है। प्रदेश के वीरता चक्र से अलंकृत सैनिकों को देय एक मुश्त अनुदान राशि में वृद्धि कर परमवीर चक्र व अशोक चक्र की राशि 30 लाख से बढ़ाकर 50 लाख, महावीर चक्र व कीर्तिचक्र की राशि 20 लाख से बढ़ाकर 35 लाख, वीर चक्र व शौर्य चक्र की राशि 15 लाख से बढ़ाकर 25 लाख, सेनामेडल (गैलेन्ट्री ) की राशि 7 लाख से बढ़ाकर 15 लाख व मेंशन-इन- डिस्पैच की राशि 3 लाख 50 हजार से बढ़ाकर 10 लाख कर दिया गया है। सैनिकों के लिये जनपद चम्पावत के टनकपुर में अत्याधुनिक सुविधायुक्त सैनिक

विश्राम गृह के निर्माण हेतु कार्यवाही गतिमान है। ( 22 ) पर्यटन विभाग द्वारा कुमाऊं मण्डल के अन्तर्गत मानसखण्ड मंदिर माला मिशन योजना के अन्तर्गत 48 प्रमुख ऐतिहासिक व पौराणिक मंदिरों को चिह्नित कर प्रथम फेज में 16 मंदिरों में अवस्थापना सुविधा विकसित किये जाने की कार्यवाही गतिमान है।

चारधाम यात्रा हेतु इस वर्ष ऑनलाइन पंजीकरण व्यवस्था के अन्तर्गत मोबाइल एप, टोल फ्री नम्बर, WhatsApp एवं कन्ट्रोल रूम में फोन के माध्यम से पंजीकरण किये जाने की व्यवस्था की गयी है, तथा दर्शन हेतु टोकन एवं स्लॉट बुकिंग की व्यवस्था की गयी है, ताकि यात्रियों को एक घंटे से अधिक प्रतीक्षा न करनी पड़े।

श्री जागेश्वर धाम एवं महासू देवता के मास्टर प्लान बनाकर आधारभूत संरचनायें विकसित करने की कार्य योजना तैयार की गयी।

साहसिक गतिविधियों के अन्तर्गत 20 नये स्थल चिन्हित किये गये है तथा जार्ज एवरेस्ट, मसूरी से हेलीकॉप्टर से हिमालय दर्शन सेवा प्रारम्भ की गयी 1

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जनपद उत्तरकाशी के अन्तर्गत यमुनोत्री रोप वे परियोजना का निर्माण पी०पी०पी० मोड में विकसित किये जाने की कार्यवाही गतिमान है।

हेमकुण्ड साहिब तथा केदारनाथ धाम की यात्रा को सुगम बनाने हेतु गोविन्द घाट से हेमकुण्ड साहिब तथा सोनप्रयाग से केदारनाथ रोप के निर्माण का कार्य गतिमान है। निवेश को बढ़ावा दिये जाने हेतु नई पर्यटन नीति तथा इको टूरिज्म पॉलिसी प्रख्यापित किये जाने की कार्यवाही गतिमान है।

मा० प्रधानमंत्री जी की परिकल्पना एवं दिशा-निर्देशों पर सम्पूर्ण केदारपूरी को भव्यता प्रदान किये जाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा श्री केदारनाथ धाम एवं श्री बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के अनुरूप अवस्थापना विकास एवं पुनर्निर्माण कार्य किये जा रहे हैं, जिसमें श्री केदारनाथ धाम में प्रथम चरण में कार्य पूर्ण कराये जा चुके हैं तथा दूसरे चरण में 21 परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है साथ ही यात्रियों की सुविधा के लिए Public Amenity Building का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।

श्री केदारनाथ धाम तीर्थ पुरोहितों के व्यवसायिक क्षतिपूर्ति हेतु नीति प्रख्यापित कर दी गयी है।

श्री बद्रीनाथ धाम को एक Smart Spiritual Hill Town के रूप में विकसित किये जाने के उद्देश्य से मास्टर प्लान के अन्तर्गत अवस्थापना विकास की 15 परियोजना

पर कार्य किया जा रहा |

भारत सरकार द्वारा स्वदेश दर्शन-2 योजना के अन्तर्गत पिथौरागढ़ एवं चम्पावत में

पर्यटन विकास कार्यों की कार्यवाही गतिमान है।

GMVN तथा KMVN की परिसम्पतियों का विनिवेश तथा निगमों द्वारा यथावश्यक नये पर्यटन क्षेत्र का (New Tourist Destinations) विकास किया जायेगा । (23) आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विभाग द्वारा उत्तराखण्ड पुनर्वास नीति, 2011 व संशोधित नीति,

2017 / 2021 के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023 तक कुल 97 ग्रामों के 1584 परिवारों का

पुनर्वास किया गया है।

जनपद चमोली के जोशीमठ शहर में हो रहे भू-स्खलन / भू-धंसाव के कारण प्रभावित परिवारों के लिये राहत शिविरों, अस्थायी पुनर्वास, भोजन व पशुओं के चारे के भुगतान के लिये मानक निर्धारित करते हुए 55 करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त की गयी।

प्रभावित परिवारों के विद्युत व जल के बिल 6 माह हेतु माफ करने का निर्णय लिया गया साथ ही प्रभावितों के बैंक ऋण की वसूली एक वर्ष स्थगित करने हेतु निर्णय लिया गया।

राज्य में मौसम सम्बन्धित पूर्वानुमान तंत्र के सुदृढ़ीकरण हेतु पूर्व में मुक्तेश्वर में स्थापित डॉप्लर रडार के अतिरिक्त सुरकण्डा में डॉप्लर रडार की स्थापना की गयी है।

(24) सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग द्वारा राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में कर्त्तव्य पथ पर “मानसखण्ड” विषय पर आधारित राज्य की झांकी का प्रदर्शन किया गया, जिसे देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।

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उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के माध्यम से राज्य में फिल्मों की शूटिंग के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार किया गया है। राज्य सरकार द्वारा फिल्म निर्माताओं की सुविधाओं के दृष्टिगत आकर्षक फिल्म नीति लागू की गई है जिसके तहत राज्य शूटिंग हेतु कोई भी शुल्क नहीं लिया जा रहा है। इस वर्ष 2022-23 में फिल्म शूटिंग हेतु सिंगल विन्डो के माध्यम से लगभग 150 फिल्म निर्माताओं को अनुमति दी गई ।

( 25 ) विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा कक्षा 1 से 8 तक के 7 लाख 42 हजार छात्र – छात्राओं जो कि राजकीय एवं राजकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों एवं मान्यता प्राप्त एवं राज्य सरकार द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम को लागू करने वाले मदरसों में अध्ययनरत् हैं, को निःशुल्क पुस्तकें दी गयी ।

कक्षा 1 से 8 तक के राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत् सभी बालिकाओं, एस०सी०/ एस०टी० एवं बी०पी०एल० बालकों (कुल 7 लाख 14 हजार ) को निःशुल्क गणवेश या इससे सम्बन्धित धनराशि डी०बी०टी० के माध्यम से दी गयी।

राजकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में अध्ययनरत् कक्षा 01 से 08 तक के 6 लाख 98 हजार छात्र-छात्राओं को निःशुल्क जूता एवं बैग क्रय किये जाने हेतु डी०बी०टी० के माध्यम से उनके बैंक खातों में धनराशि हस्तान्तरित की गयी ।

प्रदेश में पहली बार शैक्षिक सत्र 2022-23 में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 09 से 12 तक अध्ययनरत् 3,19,015 छात्र – छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें प्रदान की गयी। वित्तीय वर्ष 2023-24 से राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के साथ-साथ अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में कक्षा 09 से 12 तक अध्ययनरत् समस्त छात्र – छात्राओं को भी निःशुल्क पाठ्य-पुस्तकें प्रदान की जायेंगी।

राज्य में शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं के Real time attendance, child tracking, child achievement tracking, online teacher transfer, tracking of out of school children, के साथ ही विद्यालयों में शिक्षण एवं शिक्षणेत्तर गतिविधियों से सम्बन्धित आंकड़ों के संग्रहण एवं ऑनलाइन अनुश्रवण के लिए विद्या समीक्षा केन्द्र स्थापित किया जा रहा है।

(26) उच्च शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 को अग्रणी राज्य के रूप में उत्तराखण्ड में लागू • किया गया। राज्य के 20 उच्च शिक्षण संस्थानों को शोध एवं शिक्षण के Center of Excellence के रूप में स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।

उच्च शिक्षण संस्थानों में E-Governance को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सभी शासकीय महाविद्यालयों को समर्थ पोर्टल में ऑनबोर्ड कर लिया गया है तथा आगामी शैक्षणिक सत्र से समस्त महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया समर्थ पोर्टल के माध्यम से कराये जाने का लक्ष्य है।

उद्यमिता एवं कौशल विकास में उपलब्ध संभावनाओं के दृष्टिगत देश के विभिन्न संस्थानों के साथ अनुबंध किये गये, जिसमें ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से छात्रों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

( 27 ) संस्कृत शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के जनपद चमोली के किमोठा तथा जनपद बागेश्वर के भैन्तोला गांव को संस्कृत ग्राम घोषित किया गया है।

( 28 ) तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन करते हुए विभिन्न पॉलिटेक्निक संस्थाओं एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों में रोजगार परक एवं इमरजिंग टेक्नोलॉजी के अन्तर्गत नये पाठ्यक्रमों का संचालन प्रारम्भ किया गया।

वीर माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में रक्षा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए जनरल विपिन रावत डिफेंस टेक्नोलॉजी लैब की भी स्थापना की गयी है । इसके अतिरिक्त Indian Military Academy (IMA) के साथ समझौता किया गया, जिसमें भारत वर्ष एवं अन्य मित्र राष्ट्रों के Gentleman cadets को तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

नियामक संस्थाओं के मानकानुसार रोजगार परक गुणवत्ता प्रदान करने हेतु विभिन्न 13 पॉलिटेक्निक संस्थानों में अवस्थापना सुविधायें विकसित करने हेतु भारत सरकार Scheme for Special Assistance to State for Capital Investment for 2022-23 योजना गतिमान है।

(29) चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के पर्वतीय एवं दूरस्थ क्षेत्रों में उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व देखभाल हेतु महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के छात्रावास एवं वन स्टाप सेन्टर्स का उपयोग चिकित्सा विभाग द्वारा Birth Waiting Home के रूप में किया जा रहा है, जिससे मातृ-शिशु मृत्यु दर कम करने, सुरक्षित संस्थागत प्रसव तथा बार-बार आवागमन के क्रम में होने वाले व्यय से छुटकारा मिलेगा।

राज्य में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को दूर किये जाने के उद्देश्य से “You Quote We Pay” योजना द्वारा विशेषज्ञ चिकित्सकों को दूरस्थ राजकीय चिकित्सालयों में सेवा प्रदान करने तथा Medical Teachers Deficiency Compensatory Scheme द्वारा दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में स्थापित राजकीय मेडिकल कॉलेजों में संकाय सदस्यों / फैकल्टी की उपलब्धता हेतु उनके मानदेय में 50 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है।

नैदानिक स्थापना अधिनियम (Clinical Establishment Act) में 50, अथवा कम, शैय्यायुक्त नर्सिंग होम के निःशुल्क रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गयी है, जिससे / 17 छोटे नर्सिंग होम्स की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा।

दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच बढ़ाने हेतु टेलीमेडिसिन के माध्यम से 04 राजकीय मेडिकल कॉलेजों को 400 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से जोड़ा जा रहा है। साथ ही राज्य के प्रत्येक जनपद के दूरस्थ क्षेत्रों को संतृप्त करने के उद्देश्य से NHM के अन्तर्गत कुल 17 मोबाइल हैल्थवैन / यूनिट, जो चिकित्साधिकारी तथा जांच की सुविधाओं सहित हैं, संचालित की जा रही हैं।

क्षयरोग उन्मूलन सम्बन्धित निःक्षय मित्र योजना के अन्तर्गत राज्य को राष्ट्रीय स्तर पर द्वितीय स्थान एवं राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत विद्यालयों में “हैल्थ एण्ड वेलनेस एम्बेसडर’ कार्यक्रम के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य को Best Engagement का पुरस्कार प्राप्त हुआ है ।

भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय को “नोडल ट्रेनिंग सेंटर फार मर्म चिकित्सा घोषित किया गया है, जिसमें देश के लगभग चार लाख आयुष चिकित्सकों को मर्म चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया जायेगा ।

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30 ) लोक निर्माण विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में माह जनवरी, 2023 तक लोक निर्माण विभाग द्वारा 491 कि०मी० लम्बाई में मार्गों का नवनिर्माण, 1076 कि0मी0 लम्बाई में मार्गों का पुनर्निर्माण एवं 15 नं0 सेतुओं का निर्माण पूर्ण करते हुए 50 ग्रामों को सड़क से संयोजकता प्रदान की गयी है। इसके अतिरिक्त पूर्व निर्मित मार्गों की 853 कि०मी० लम्बाई में नवीनीकरण कार्य करते हुये सतह सुधार किया गया।

जनपद टिहरी गढ़वाल के विधानसभा क्षेत्र नरेन्द्रनगर के अन्तर्गत वर्ष 1929 में निर्मित लक्ष्मणझूला सेतु के समीप 132.30 मीटर स्पान के वैकल्पिक सेतु (बजरंग सेतु) का निर्माण कार्य, देहरादून शहर में जोगीवाला – रायपुररोड – सहस्त्रधारा क्रॉसिंग होते हुए खैरीमान सिंह मार्ग का चौड़ीकरण / सौंदर्यीकरण, आई०एस०बी०टी० से अजबपुर क्रॉसिंग तर्क मार्ग का 04 लेन में चौड़ीकरण, ऋषिकेश में गीतानगर चौक से चंद्रभागा तक 04 लेन चौड़ीकरण, हरिद्वार में रूड़की – लक्सर – बालावाली मार्ग का चौड़ीकरण, सुआखोली – भवान – अलमस – नगुणमोटर मार्ग का सुदृढ़ीकरण, जनपद ऊधमसिंह नगर में गदरपुर – दिनेशपुर – मदकोटा मार्ग का चौड़ीकरण, नगला – किच्छा (राज्यमार्ग संख्या – 44 ) के चौड़ीकरण कार्य प्रगति पर है।

कॉरपारेट सोशियल रिस्पोंसिबिलिटी के अन्तर्गत श्री केदारनाथ धाम में 21 कार्य

स्वीकृत हैं तथा श्री बद्रीनाथ धाम में कुल 20 कार्य स्वीकृत हैं। भारत-नेपाल सीमा के अन्तर्गत जनपद – पिथौरागढ़ में काली नदी पर छारछुम नामक

स्थान में 110 मी0 डबल लेन मोटर सेतु का कार्य गतिमान है। भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश के राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए एन०एच० ( ओ० ) परियोजना में 224.75 कि0मी0 लम्बाई 18 कार्यों को स्वीकृत किया गया है। इस

परियोजना में 49 स्थानों पर भूस्खलन क्षेत्रों का भी उपचार सम्मिलित है।

(31) आवास विभाग के अन्तर्गत समस्त विकास प्राधिकरणों में कार्य के त्वरित निष्पादन एवं पारदर्शिता हेतु ऑनलाइन सिस्टम-ईएप तैयार किया गया है तथा राज्य के सभी प्राधिकरणों हेतु इण्ट्रीग्रेड सिस्टम लागू किया गया है।

देहरादून में ग्राम तरलानागल, सहस्त्रधारा रोड स्थित हैलीड्रोम के सम्मुख 12.45 है0

भूमि सिटीपार्क / सिटीफारेस्ट के निर्माण की योजना तैयार की गयी है ।

भारत सरकार द्वारा अमृत उपयोजना के अन्तर्गत प्रस्तावित एल०ए०पी० टी०पी०एस० परियोजना के अन्तर्गत सम्पूर्ण देश में प्रथम चरण में 25 शहरों का चयन किया गया है, जिसके अन्तर्गत देहरादून शहर भी सम्मिलित है, उक्त परियोजना हेतु सर्वे एवं

नियोजन की कार्यवाही गतिमान है।

राज्य में शहरों के सुनियोजित विकास के दृष्टिगत Uttarakhand Transit Oriented Development Policy-2022 (TOD Policy) Uttarakhand Transferable Development Rights Policy – 2022 (TDR Policy) अधिसूचित की गयी है।

देहरादून में इन्दिरा मार्केट को विकसित किए जाने के दृष्टिगत कुल 1658 वर्गमीटर भूमि पर इन्दिरा मार्केट पुनर्विकास परियोजना का कार्य प्रारम्भ किया गया है तथा साथ ही 1050 वाहनों के पार्किंग का निर्माण भी परियोजना के अन्तर्गत सम्मिलित हो जायेगा ।

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत आवासहीन परिवारों को आवासीय सुविधा से लाभान्वित किए जाने के दृष्टिगत आवास विभाग के अन्तर्गत 21 आवासीय परियोजनायें निर्माणाधीन हैं, जिसमें कुल 17,304 ई0डब्ल्यू0एस0 आवासों

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का निर्माण प्रस्तावित है, जिसके क्रम में शिकारपुर – रूड़की आवासीय परियोजना के अन्तर्गत 768 लाभार्थियों को आवास आवंटित किए गये हैं।

( 32 ) शहरी विकास विभाग द्वारा गंगा टाउन हेतु निर्धारित स्वच्छता रैंकिग 2022 में प्रदेश के नगर निकाय, हरिद्वार ने पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। साथ ही 100 से कम नगर निकायों वाले राज्यों की स्वच्छता रैंकिग 2022 में उत्तराखण्ड राज्य ने तृतीय स्थान प्राप्त किया है। इस वर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण – 2022 में राज्य को 6 पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।

किरायेदारों तथा मकानमालिकों के हितों की सुरक्षा हेतु हमने दिनांक 31 जनवरी, 2022 से “उत्तराखण्ड किरायेदारी अधिनियम, 2021 को प्रदेश में लागू कर दिया है

स्मार्ट सिटी योजना के अन्तर्गत देहरादून शहर में दून इंटिग्रेटेड कमान्ड एण्ड कन्ट्रोल रूम ” सदैवदून की स्थापना की गयी है साथ ही योजनान्तर्गत देहरादून शहर में तीस नग इलेक्ट्रिक बसें संचालित की जा रही हैं। शहरी क्षेत्रों के पार्कों, सड़कों, दुकानों, पर्यटन क्षेत्रों का स्थानीय / पहाड़ी शैली में

सौन्दर्यकरण किया जायेगा ।

( 33 ) उत्तराखण्ड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण द्वारा राज्य में हवाई सम्पर्क का विस्तार करते हुए विविध सेवायें प्रदान किये जाने हेतु हैलीपोर्टस एवं हैलीपैड के निर्माण एवं क्षेत्रीय उड़ान योजना के अन्तर्गत प्रदेश के दुर्गम स्थानों को भी हैली सम्पर्क के माध्यम से जोड़े जाने हेतु विशेष प्रयास किये गये हैं।

राज्य में इन्हीं प्रयासों को आगे बढ़ाते हुये मुनस्यारी हैलीपैड का हैलीपोर्ट के रूप में उन्नयन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। क्षेत्रीय सम्पर्क उड़ान योजना के अन्तर्गत तेरह हैलीपोर्ट में से तीन हैलीपोर्ट यथा चिन्यालीसौंड (उत्तरकाशी), गौचर (चमोली), कोटी कॉलोनी (टिहरी गढ़वाल) में निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है, जिसके संचालन की प्रक्रिया गतिमान है ।

उत्तराखण्ड राज्य में नये रूट पर हैली सेवायें संचालित की जा रही हैं। इसमें देहरादून – श्रीनगर, देहरादून – गौचर, देहरादून – हल्द्वानी हल्द्वानी – पिथौरागढ़, हल्द्वानी – अल्मोड़ा, अल्मोड़ा – पिथौरागढ़, अल्मोड़ा-हल्द्वानी पर हेली सेवायें संचालित की जा रही हैं।

वर्तमान में क्षेत्रीय संपर्क योजना के अंतर्गत सहस्त्रधारा एवं मसूरी (देहरादून), रामनगर छोई, खुर्पाताल एवं हल्द्वानी (नैनीताल), जोशीमठ (चमोली), धारचूला (पिथौरागढ़), हरिद्वार, श्रीनगर (पौड़ी गढ़वाल), फलसीमा टाट्रिक (अल्मोड़ा) हैलीपोर्ट का निर्माणकार्य गतिमान है ।

मा० मुख्यमंत्री घोषणा के अन्तर्गत धनोल्टी (टिहरी), स्यालदे (अल्मोड़ा), नटिन भटवाड़ी (उत्तरकाशी), गोजियाणा (टिहरी), गैरसैंण भराड़ीसैंण (चमोली) एवं ननपापोडीडीहाट (पिथौरागढ़) में हैलीपैड निर्माण कार्य गतिमान है। ( 34 ) परिवहन विभाग के अन्तर्गत वाहन पंजीकरण, वाहन परमिट, वाहन चालन अनुज्ञा आदि

सेवाओं को त्वरित, गुणवत्तापूर्ण एवं Faceless करने हेतु पूर्व से चल रही 13 ऑनलाइन

सेवाओं के अतिरिक्त 06 अन्य सेवाओं को भी ऑनलाइन किया गया है।

उपभोक्ताओं को विविध सेवाएं समयबद्ध रूप से सुलभ कराने 43 प्रकार की सेवाओं को “सेवा के अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत अधिसूचित भी किया गया है।

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उत्तराखण्ड परिवहन निगम के बस अड्डों एवं कार्यशालाओं को बेहतर सुविधाओं से सुसज्जित करने तथा यात्रियों के लिए सुविधाजनक बनाने हेतु ट्रांसपोर्ट नगर, देहरादून में बस डिपो / कार्यशाला और रामनगर एवं टनकपुर में आई.एस.बी.टी. की नवीन वृहद परियोजनाएं स्वीकृत की गयी हैं ।

सड़क सुरक्षा की दृष्टि से जहां एक ओर प्रवर्तन दलों के लिए इंटरसेप्टर, स्पीडोमीटर, अल्कोमीटर आदि सुविधाएं दी गयी हैं, वहीं दूसरी ओर वाहनों में Vehicle Location Tracking Device (VLTD) लगायी जा रही है और तकनीक की सहायता से बेहतर प्रवर्तन हेतु 11 स्थानों पर Automated Number Plate Recognition (ANPR) कैमरों की स्थापना का कार्य गतिमान है।

• सड़क दुर्घटना की स्थिति मृत्यु की दशा में आश्रित को देय मुआवजाराशि एक लाख रूपये से बढ़ाकर दो लाख रूपये कर दी गयी है तथा सड़क सुरक्षा कोष में जमा की जाने वाली धनराशि को भी कुल जमा प्रशमन शुल्क का 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है ।

वाहनों की फिटनेस जांच के बेहतर पर्यवेक्षण रूद्रपुर एवं देहरादून में निजी क्षेत्रान्तर्गत Automated Testing Station निर्मित एवं चालू कर लिए गए हैं तथा ऋषिकेश एवं कोटद्वार में सरकारी Automated Testing Station का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।

प्रदूषण की रोकथाम हेतु परिवहन निगम के बस बेड़े में बी. एस. 6 श्रेणी के 100 नये बस क्रय करने का निर्णय लिया गया है तथा अनुबन्ध के आधार पर सी. एन. जी. एवं इलेक्ट्रिक बसों को शामिल किया गया है। इसके साथ ही इलेक्ट्रिक वाहनों को

बढ़ावा देने हेतु ई-वाहन नीति भी तैयार की जा रही है। (35) उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना के अन्तर्गत कीवी की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

सेब की अति सघन बागवानी को बढ़ावा देने हेतु मिशन एप्पल योजना वर्ष 2022-23 में 04 करोड़ रूपये की प्राविधानित धनराशि को बढ़ाकर 28 करोड़ रूपये तक व्यय करने की कार्यवाही गतिमान है। साथ ही उद्यान विभाग, उद्योग विभाग, एवं सहकारिता विभाग की योजनाओं के अभिसरण से सेब के 500 बगीचों (05 नाली प्रति बगीचा) की स्थापना हेतु सी०एस०आर० योजना स्वीकृत की गयी है ।

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजनान्तर्गत राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों हेतु 25 प्रतिशत (अधिकतम रू0 5.00 लाख प्रति इकाई) अनुदान दिये जाने की योजना स्वीकृत की गयी है।

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के Per Drop More Crop घटक के सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली स्थापना को बढ़ावा देते हुए लघु एवं सीमान्त कृषकों हेतु अनुमन्य 55 प्रतिशत एवं सामान्य कृषकों हेतु अनुमन्य 45 प्रतिशत अनुदान के दोनों श्रेणी के कृषकों को राज्य सरकार द्वारा 25 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान प्रदान किया जा रहा है ।

रानीखेत स्थिति चौबटिया उद्यान को आयुष हब के रूप में विकसित किया जायेगा। ( 36 ) सूचना प्रौद्योगिकी, सुराज एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आई०टी० आधारित पब्लिक को बढ़ावा देते हुए 554 नागरिक सेवाओं को अपणि सरकार पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है।

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राज्य के सचिवालय एवं 204 कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली शासकीय कार्यों में पारदर्शिता हेतु लागू की गयी है। भविष्य में राज्य के समस्त कार्यालयों / संस्थाओं में ई-ऑफिस प्रणाली लागू कर सरकारी कार्यों को पेपर लेस किये जाने पर काम किया जायेगा ।

ड्रोन आधारित प्रणालियों के क्षेत्र में अपार सम्भावनाओं के दृष्टिगत राज्य द्वारा “ड्रोन

नीति तैयार किये जाने के साथ-साथ “राज्य डाटा नीति” तथा “ई-वेस्ट नीति” भी

तैयार की जा रही है। राज्य में विज्ञान प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार के सहयोग से झाझरा, देहरादून में साइंस सिटी की स्थापना तथा अल्मोड़ा में उप-क्षेत्रीय विज्ञान

केन्द्र की स्थापना की जा रही

( 37 ) जलागम प्रबन्धन विभाग द्वारा विश्व बैंक वित्त पोषित “उत्तराखण्ड जलवायु अनुकूल बारानी कृषि परियोजना के तहत “राज्य के चयनित भू-भाग में वर्षा आधारित पर्वतीय कृषि प्रणाली को जलवायु अनुकूल उत्पादन प्रणाली में विकसित करने का लक्ष्य रखा है” ।

(38) खेल युवा कल्याण विभाग द्वारा नई खेल नीति 2021 के अन्तर्गत राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मैडल प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को दी जाने वाली नगद धनराशि में 30 से 100 प्रतिशत की वृद्धि की गई है ।

राज्य में खेल एवं खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार के प्रयास से आगामी 38 वें राष्ट्रीय खेल आयोजन की जिम्मेदारी भारतीय ओलम्पिकसंघ ने उत्तराखण्ड राज्य को दी है, जो कि वर्ष 2024 में प्रस्तावित हैं जिसकी तैयारियां अपने उच्च स्तर पर हैं।

राज्य में साहसिक खेल एवं गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये इस वर्ष धारचूला में पर्वतारोहण दीवार तथा मुनस्यारी में एन0आई0एम0 की तर्ज पर पण्डित नैन सिंह सर्वेयर माउन्टेनेरिंग की स्थापना की गयी है। एथलीटों और खिलाड़ियों आदि के लिये उच्च ऊंचाई (High Altitude) वाले प्रशिक्षण

कार्यक्रम तथा साहसिक खेलों हेतु पर्वतीय क्षेत्रों में केन्द्र विकसित किये जायेंगे । (39) गृह विभाग द्वारा NCRB Crime in India 2021 के अनुसार लूटी, चोरी सम्पत्ति बरामदगी का राष्ट्रीय औसत 30.2 प्रतिशत है। सभी प्रदेश / केन्द्र शासित प्रदेशों में लूटी, चोरी सम्पत्ति की बरामदगी में 68 प्रतिशत के साथ उत्तराखण्ड राज्य का प्रथम स्थान है।

NCRB Crime in India के अनुसार उत्तराखण्ड सीनियर सिटीजन के प्रति सबसे कम अपराधों में सभी राज्य केन्द्र शासित प्रदेशों में चौथे स्थान पर है। इसी प्रकार साइबर अपराधों में अपराधियों के विरूद्ध कार्यवाही करके सर्वाधिक आरोप पत्र प्रेषित करने में छठे स्थान पर है।

नीति आयोग द्वारा सतत् विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals) के इंडिया सूचकांक 2020-21 की रिपोर्ट के आधार पर सूचकांक नम्बर-16 में कानून एवं शान्ति व्यवस्था, न्याय एवं सुदृढ़ संस्थानों के विकास में उत्तराखण्ड पुलिस प्रथम स्थान पर है।

राष्ट्रीय ई-शासन योजना एवं जन सुविधा हेतु सामग्री, अभिलेखों की गुमशुदगी तथा वाहन चोरी के प्रकरणों में e-FIR पंजीकृत करनें हेतु साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून को e-Thana अधिकृत कर ऑनलाइन एफआईआर की सुविधा प्रदान की गयी ।

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उत्तराखण्ड को नशामुक्त करने हेतु (Drugs Free Devbhoomi By 2025 ) के अन्तर्गत त्रिस्तरीय एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) का गठन किया गया।

अपराध पीड़िता की थाना स्तर पर शिकायत सुनने तथा अग्रेत्तर विधिक कार्यवाही सुनिश्चित कराये जाने हेतु प्रत्येक थाने में “महिला डेस्क की स्थापना तथा पारिवारिक एवं वैवाहिक मामलों में काउसलिंग हेतु प्रत्येक जनपद में “महिला काउसलिंग सैल” का गठन किया गया है। सीमान्त जनपदों में इनर – लाइन पास हेतु ऑनलाइन सिस्टम को सुनिश्चित किया

जायेगा |

( 40 ) कारागार विभाग द्वारा कारागारों में बन्दी कल्याणकारी व्यवस्था का सरलीकरण करते हुए Cashless Smart Canteen Management System संचालित किये गये | e-prison प्रणाली के अन्तर्गत बन्दियों से सम्बन्धित अभिलेख ऑनलाइन रखे गये हैं तथा बन्दी अपने परिजनों, कानूनी सलाहकार, अधिवक्ताओं से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से वार्तालाप कर रहे हैं।

( 41 ) औद्योगिक विकास / सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग द्वारा ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के अन्तर्गत वर्ष 2021 की कार्यों की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स की श्रेणी में है । राज्य सरकार निवेशकों के अनुकुल वातावरण सृजन की दिशा में तत्परता से कार्यवाही कर रही है।

स्टार्टअप नीति के अन्तर्गत राज्य में 139 स्टार्टअप को मान्यता प्रदान की जा चुकी है तथा 33 स्टार्टअप को वित्तीय प्रोत्साहन भी उपलब्ध कराया जा चुका है। राज्य में 13 इन्क्यूबेटर की स्थापना हेतु सरकार द्वारा अनुमति जारी की जा चुकी है।

वर्ष 2022 में नेटल (बिच्छू घास), पिछौड़ा, नैनीताल की कलात्मक मोमबत्ती, जनपद चमोली से मुखौटा एवं रूद्रप्रयाग से मन्दिर प्रतिकृति के जी०आई० आवेदन फाइल कर दिये गये हैं। भौगोलिक संकेतांक (जी०आई०) प्राप्त होने से इन उत्पादों को राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में पहुंच बनाने एवं उत्पादों के बेहतर मूल्य प्राप्त करने में सहायता होगीं।

( 42 ) भूतत्व एवं खनिकर्म इकाई द्वारा प्रदेश में अवैध खनन, अवैध परिवहन की प्रभावी रोकथाम एवं राजस्व वृद्धि हेतु Development and Maintenance of Mining Digital Transformation and Surveillance System (MDTSS) विकसित किये जाने तथा खनिज परिवहन / खनन सर्विलांश हेतु प्रचलित ई- रवन्ना वैब एप्लीकेशन के सुचारू रूप से क्रियान्वयन के दृष्टिगत ई- रवन्ना पोर्टल को उच्चीकरण / सुदृढ़ीकरण का कार्य गतिमान है ।

(43) राजस्व विभाग द्वारा अपणि सरकार पोर्टल के माध्यम से 17 सेवायें ऑन-लाइन प्रदान की

जा रही हैं।

जनपद टिहरी गढ़वाल में “अपणो स्कूल, अपणू प्रमाण एक नवीन प्रयास के अन्तर्गत इंटरमीडिएट उत्तीर्ण / अध्ययनरत 6485 छात्र / छात्राओं को प्रतियोगी / अन्य परीक्षाओं हेतु आवश्यक स्थायी / जाति / आय आदि प्रमाण पत्र उनके विद्यालयों में ही कैम्प लगा कर निर्गत किये जाने का अभिनव प्रयोग किया गया।

( 44 ) आबकारी विभाग द्वारा बाहरी प्रदेशों से शराब तस्करी एवं अवैध शराब के व्यवसाय पर प्रभावी रोक लगाने हेतु ट्रैक एण्ड ट्रैस प्रणाली की कार्यवाही गतिमान है।

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( 45 ) श्रम विभाग द्वारा कारखाना अधिनियम, 1948 के अन्तर्गत वर्ष 2022 में कारखानों में महिलाओं को राज्य में रात्रि पाली (रात्रि 07:00 बजे से प्रातः 06:00 बजे तक) में कार्य करने की छूट एवं दुकान एवं प्रतिष्ठान में कार्यरत कर्मकारों को कार्य के दौरान बैठने का अधिकार भी दिया गया है।

( 46 ) सहकारिता विभाग द्वारा राज्य के 04 जनपदों में संचालित मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना की सफलता को देखते हुये उक्त योजना को राज्य के अन्य 11 जनपदों में भी • विस्तार किया गया है।

( 47 ) महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रसवोपरान्त गर्भवती महिला एवं उसके नवजात शिशु की देखभाल एवं पोषण हेतु मुख्यमन्त्री महालक्ष्मी योजना में 40,000 लाभार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के अन्तर्गत कोविड- 19 महामारी एवं अन्य बीमारियों से माता / पिता / संरक्षक की मृत्यु के कारण प्रभावित 6,319 बच्चों को प्रतिमाह प्रति बालक तीन हजार रूपये की आर्थिक सहायता उनके खातों में पी०एफ०एम०एस० के माध्यम से डिजिटल हस्तान्तरित की जा रही है ।

पी०एम० केयर योजना में 44 बच्चों को लाभान्वित किया जा रहा है। देख-रेख एवं आवश्यकता की श्रेणी के 742 बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना से लाभान्वित किया जा रहा है।

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