उत्तराखण्ड
मुख्यमंत्री ने समाज के प्रतिष्ठित लोगों को किया सम्मानित।
संवादसूत्र देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को आईएसबीटी रोड स्थित एक होटल में आयोजित अमर उजाला उत्कृष्टता सम्मान समारोह में समाज के प्रतिष्ठित लोगों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने जिन महानुभावों को उत्कृष्टता सम्मान से सम्मानित किया उनमें पद्मभूषण चण्डी प्रसाद भट्ट, पदमश्री बसन्ती बिष्ट, माधुरी बर्थवाल, प्रीतम भरतवाण, लाल बहादुर शास्त्री के पूर्व निदेशक संजीव चौपड़ा, निदेशक आईआईटी रूड़की प्रो0 अजीत कुमार चतुर्वेदी, समाजसेवी अनुप नौटियाल, कवि साहित्यकार अतुल शर्मा, योग की अम्बेसडर सुश्री दिलराज कौर सहित विभिन्न क्षेत्रों में समाज को दिशा देने वाले अन्य लोग शामिल थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस समारोह में अपने प्रयासों से समाज में उत्कृष्टता का कार्य करने वालों को सम्मानित करने से स्वयं को गोरवान्वित महसूस कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश की जनता ने इस बार चुनाव में इतिहास बनाया है। 5 वर्ष बाद सरकार बदलने के मिथक को तोडा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के विकास के लिये हमारे प्रयास निरन्तर जारी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन में हम प्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिये प्रयासरत है। प्रदेश में सड़कों की स्थिति बेहतर हुई है। हर क्षेत्र में बेहतर सड़कों से आवागमन के साथ ही प्रदेश के औद्योगिकरण में बढ़ावा मिलेगा। हमारा प्रयास उत्तराखण्ड में उद्योगों को बेहतर वातावरण प्रदान करना है। हमारे उद्यमी हमारे राज्य के ब्राण्ड अम्बेसडर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून से दिल्ली आना जाना एक्सप्रेस वे बनने से आसान हो जायेगा। हवाई जहाज से भी कम समय में यह दूरी तय होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की केदारनाथ के प्रति गहरी आस्था है। उनके मार्गदर्शन में भव्य केदारपूरी का निर्माण अन्तिम चरण में है। बद्रीनाथ का भी सौन्दर्यीकरण का कार्य शुरू कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को भ्रष्टाचार से युक्त करने के लिये 1064 एप लांच किया गया है। प्रदेश में समान नागरिक संहिता को लागू करने तथा बाहरी संदिग्ध लोगों के वेरिफिकेशन की पहल की गई है ताकि प्रदेश में शान्ति एवं कानून व्यवस्था बनी रहे। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास में बुद्धिजीवियों एवं विषय विशेषज्ञो की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये बोधिसत्व विचार श्रृंखला की शुरूआत की गई है।