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मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से विभिन्न योजनाओं में आ रही परेशानियों एवं उनके निस्तारण के लिये सुझाव।

उत्तराखण्ड

मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों से विभिन्न योजनाओं में आ रही परेशानियों एवं उनके निस्तारण के लिये सुझाव।

सभी विभाग तैयार करेंगे ट्रेनिंग मॉड्यूलः मुख्य सचिव

अच्छे प्रोजेक्ट्स को नहीं होने दी जाएगी फंड्स की कमी

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु ने सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों एवं आयुक्तों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव द्वारा लगभग 02 सप्ताह पूर्व एक पत्र के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों से विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही परेशानियों एवं उनके निस्तारण के साथ ही आमजन को सहूलियत देने हेतु और क्या किया जा सकता है, इस पर सुझाव मांगे थे। लगभग 03 घन्टे से अधिक चली इस बैठक में सभी जिलाधिकारियों से बहुत से सुझाव प्राप्त हुए।
मुख्य सचिव ने कहा कि जनता की उम्मीदों में खरा उतरने के लिए जनता के बीच जाना होगा। सभी जिलाधिकारी जनता से रूबरू होकर जनता की समस्याओं को हल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों को क्षेत्र में दौरा करने का पूर्ण समय मिल सके इसके लिए अधिकारियों द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए सप्ताह में कोई दिन नियत कर लिया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि नये अधिकारियों कर्मचारियों को सिस्टम और उसके कार्यों की उचित जानकारी न होने के अभाव में कार्यों में अनावश्यक विलम्ब होता है। इसको दूर करने के लिए फॉर्मल ट्रेनिंग कराने के साथ ही, विभिन्न श्रेणी के कर्मचारियों का प्रशिक्षण करने हेतु सभी विभाग अपना ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार करेंगे, जिसे पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।

मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को अच्छे प्रोजेक्ट्स तैयार करने को कहा जिससे आमजन को स्वरोजगार से जोड़ा जा सके और सुविधाएं प्रदान की जा सकें। निश्चित रूप से ऐसे प्रोजेक्ट्स को किसी प्रकार से धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। यदि आपके पास एक अच्छा प्रोजेक्ट है, परन्तु विशेषज्ञ नहीं हैं तो प्रोजेक्ट की सफलता के लिए विशेषज्ञ भी उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बहुत से ऐसे प्रोजेक्ट्स होते हैं जो बहुत अच्छे होते हैं, परन्तु किसी पुराने नियम जो तत्कालीन परिस्थितियों के अनुरूप सही रहा हो परन्तु आज की परिस्थितियों के लिए अनुपयोगी हो, और उस नियम की वजह से प्रोजेक्ट्स के लिए स्टेट लेवल पॉलिसी में संशोधन की आवश्यकता है तो निश्चित रूप से पॉलिसी में सुधार पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें सॉल्यूशन फाईंडर की भूमिका निभानी है। बहुत सी ऐसी समस्याएं होती हैं जिनका सॉल्यूशन ऑफिस में बैठ कर नहीं निकाला जा सकता, परन्तु उस समस्या का हल उस क्षेत्र के नागरिक को पता होता है, कि उसे कैसे हल किया जा सकता है। क्षेत्र विशेष की समस्याओं के निस्तारण के लिए उस क्षेत्र के लोगों से भी सुझाव लिए जाने चाहिए ताकि उस समस्या का उचित हल निकाला जा सके।
मुख्य सचिव ने जीरो पेंडेंसी पर भी विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि पोर्टल बेस्ड मॉनिटरिंग शीघ्र शुरू की जाएगी। इसके लिए सिस्टम डेवेलप किया जा रहा है।
जिलाधिकारियों द्वारा मेडिकल टैक्सी शुरू करने, प्रदेश में कृषि क्षेत्र में अपना सीड सर्टिफिकेशन सिस्टम विकसित करने, जनपदों की विभिन्न विभागों द्वारा तैयार की जाने वाली सड़कों के लिए एक नोडल अधिकारी नामित किए जाने एवं फील्ड मशीनरी को ज्यादा दुरूस्त करने सहित आमजन को जारी किए जाने वाले सर्टिफिकेट्स की प्रक्रिया को सुगम बनाए जाने जैसे अच्छे सुझाव आए। मुख्य सचिव ने कहा कि इस प्रकार की बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाएंगी ताकि अच्छे सुझाव प्राप्त हो सकें और हम आमजन को सहूलियत देने में अधिक से अधिक सफल हो सकें। उन्होंने अपने सुझावों पर एक विस्तृत नोट तैयार कर शासन सहित मुख्य सचिव कार्यालय को भेजे जाने की बात भी कही।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती मनीषा पंवार, श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, श्री एल. फैनई सहित सभी सचिव एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयुक्त गढ़वाल एवं कुमाँऊ सहित सभी जनपदों से जिलाधिकारी उपस्थित थे।

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