उत्तराखण्ड
पुलों के गिरने की घटनाओं को लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर बोला हमला।
संवादसूत्र देहरादून : उत्तराखंड में साल दर साल पुलों के गिरने की घटनाओं को कांग्रेस ने सरकार व सरकारी तंत्र की उदासीनता को लेकर जिम्मेदार ठहराया है। कांग्रेस ने राज्य सरकार पर हमला बोल दिया है । प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने शुक्रवार को अपने कैंप कार्यालय बल्लूपुर चौक में पत्रकारों से बातचीत की। कहा कि पिछले छह वर्षों में भाजपा शासनकाल में उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों में 39 पुल जमींदोज हो गए। उन्होंने कहा कि अकेले पिथौरागढ़ में 15 व राजधानी देहरादून में तीन पुल गिर गए जिनमें से एक पुल तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र डोईवाला के रानीपोखरी व दूसरा उनकी पुरानी विधानसभा क्षेत्र रायपुर के सौंग नदी का पुल था।
तीसरा पुल मुख्यमंत्री आवास से आधे किलोमीटर की दूरी पर बीरपुर में गिरा। श्री धस्माना ने कहा कि हल्द्वानी रानीबाग पुल जो हल्द्वानी को भीमताल,अल्मोड़ा व रानीखेत को जोड़ता है वो अगस्त 2021 में धराशायी हो गया था।
धस्माना ने दो दिन पूर्व कोटद्वार के भाबर इलाके को कोटद्वार से जोड़ने वाले मालन नदी के पुल के गिरने की घटना और उसके बारे में विधानसभा अध्यक्ष की आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा से बातचीत के वाइरल वीडियो के वार्तालाप को आधार बनाया। कहा कि विधानसभा अध्यक्ष स्वयं ये बता रही हैं कि पुल के गिरने की बड़ी वजह अवैध खनन और उसके बारे में बार-बार जानकारी देने के बावजूद खनन माफिया के खिलाफ कार्यवाही न होना बता रही हैं । धस्माना ने कहा कि सौंग नदी का पुल भी अवैध खनन की वजह से हुआ था और उसके बारे में स्वयं उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को बताया था किंतु कोई कार्रवाही नहीं हुई जिसके कारण अन्तोगत्वा सौंग नदी का पुल गिर गया था।
श्री धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में पिछले छह वर्षों में जितने भी पुल गिरे हैं , पुलों के गिरने के कारण, पुलों के गिरने के पीछे कारणों के लिए जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध क्या कार्रवाही की गई उस पर विस्तृत श्वेत पत्र जारी कर राज्य की जनता को जानकारी दे।