उत्तराखण्ड
कांग्रेस ने सदन में स्वास्थ्य विभाग में बजट न होने का मामला उठाया।
संवादसूत्र देहरादून: आज विधानसभा में नियम 58 पर शुरू हुई चर्चा,काजी निजामुद्दीन ने नियम 58 में उठाया स्वास्थ्य विभाग में कम बजट का मामला।
ग्राम्य विकास का बजट स्वास्थ्य विभाग में लगाया गया,एम्बुलेंस में तेल के पैसे नहीं है विभाग के पास, वेंटिलेटर चलाने के लिए टीम नहीं है विभाग के पास, बिना विशेषज्ञों के कैसे चलेगा वेंटिलेटर,डॉक्टरों की कमी से प्रदेश जूझ रहा है।
नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कोरोनो की तीसरी लहर के आने से पहले राज्य में चाक चौबंद हो सारी ब्यवस्था,विधायकों ने जो धन उपलब्ध कराया स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सरकार बताए उसे कहाँ खर्च किया गया,सरकार समय से समुचित बवस्थाएँ करे, वर्तमान में स्वास्थ्य सेवाओं की दयनीय स्थिति,संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर ने सदन में रखा सरकार का पक्ष।
सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया है…..351 नए डॉक्टरों ने ज्वाइन किया है।वर्तमान में 67 ऑक्सीजन प्लांट हैं। 22420 ऑक्सीजन सिलेंडर हैं।2 हजार से अधिक ऑक्सीजन बेड उपलब्ध हैं।वर्तमान में 1400 वेंटिलेटर चालू हालत में हैं,259 एम्बुलेंस चालू हालत में उपलब्ध हैं,खराब एम्बुलेंसों को दिखाया जागेगा,152 पद सर्जिकल स्टाफ के लिए सृजित किये हैं,हल्द्वानी व ऋषिकेश में 500-500आईसीयू बेड के अस्पताल उपलब्ध हैं,कोरोनो के नए वेरियंट को लेकर सजग और तैयार है
काजी निजामुद्दीन ने कहा वेंटिलेटर के आंकड़ों को गुमराह कर रही है सरकार,सरकार बताए 1400 वेंटिलेटर चला कौन रहा है,1400 वेंटिलेटर चलाने के लिए कितने विशेषज्ञ हैं ..?
संसदीय कार्यमंत्री नहीं बता पाए कितने विशेषज्ञ डॉक्टर हैं उपलब्ध।