उत्तराखण्ड
राज्य में कोरोना मामले में दून सबसे आगे।
सँवादसूत्र देहरादून: राज्य में पिछले एक सप्ताह मिले कुल कोरोना पॉजिटिव का पचास प्रतिशत मरीज केवल देहरादून में मिले हैं। इससे राजधानी देहरादून के एक बार फिर कोरोना हॉट स्पॉट बनने का खतरा पैदा हो गया है। राज्य में कोरोना की पहली और दूसरी लहर की शुरूआत दून से ही हुई थी। राजधानी में ही सबसे अधिक संक्रमण बढ़ा जिसके बाद सभी जनपदों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी।
इसके बाद अब कोरोना की तीसरी लहर भी राजधानी देहरादून से ही उभरती दिख रही है। पिछले एक सप्ताह के आंकड़े इस बात के संकेत दे रहे हैं। राज्य में पिछले एक सप्ताह के दौरान 304 नए मरीज मिले हैं। इसमें से 150 मरीज अकेले देहरादून जिले में हैं। विशेषज्ञों ने इस बात पर गहरी चिंता जताई है। पूर्व स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ आरपी भट्ट का मानना है कि देहरादून में मरीजों की तेजी से बढ़ती संख्या चिंता का विषय है और संक्रमण पर नियंत्रण के लिए गंभीर प्रयास किए जाने की जरूरत है।
दिल्ली के साथ ही देश के कई राज्यों से बड़ी संख्या में लोग राजधानी देहरादून पहुंचते हैं। जबकि राज्य के सभी जिलों का भी दून से जुड़ाव है। हर दिन बड़ी संख्या में लोग दून से इधर उधर के जिलों में जाते हैं। ऐसे में राजधानी का बढ़ता संक्रमण जल्द ही अन्य जिलों को भी अपनी चपेट में ले सकता है। ऐसे में राजधानी में संक्रमण रोकने के साथ ही संक्रमण अन्य जिलों में न फैले इस पर फोकस करने की जरूरत है। पूर्व स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ डीएस रावत का कहना है कि संक्रमण अन्य जिलों में न फैले इसलिए विशेष सावधानी बरतने और उपाय करने की जरूरत है।
चुनावी सरगर्मी से संक्रमण बढ़ने का खतरा।
राज्य में अगले एक दो महीनों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इस वजह से बड़ी संख्या में राजनैतिक रैलियां, जनसभाएं व अन्य आयोजन होने हैं।
इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना पड़ेगा। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ना तय है। ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग के लिए परेशानी बढ़ने वाली है। राज्य में कोविड कंट्रोल के लिए बनी एक्सपर्ट कमेटी पहले ही भीड़ पर नियंत्रण की सिफारिश कर चुकी है। हालांकि अभी तक सरकार ने बड़े कदम नहीं उठाए हैं।