उत्तराखण्ड
राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में हुआ दीक्षारम्भ कार्यक्रम का आयोजन।
संवादसूत्र देहरादून/अगस्त्यमुनि: राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में बी. ए.,बी. एस -सी., बी. कॉम. प्रथम सेमेस्टर के छात्र छात्राओं के लिए महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. पुष्पा नेगी के निर्देशन में दीक्षारम्भ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रोग्राम के माध्यम से महाविद्यालय में स्नातक प्रथम सेमेस्टर में प्रवेश लेने वाले छात्र – छात्राओं को कॉलेज, यहां की पढ़ाई, पाठ्यक्रम और एग्जाम पैटर्न सहित नई शिक्षा नीति 2020 एवं अन्य विषयों से अवगत कराया गया।
दीक्षारंभ कार्यक्रम के अवसर पर प्राचार्य प्रो. पुष्पा नेगी ने कहा कि दीक्षारंभ (स्टूडेंट इंडक्शन )प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य कॉलेज में एडमिशन लेने वाले नए छात्र-छात्राओं को यहां के माहौल और नए वातावरण में सहज और समायोजित महसूस करवाना है. इंडक्शन प्रोग्राम का उद्देश्य केवल छात्रों को कॉलेज या यहां की पढ़ाई से अवगत कराना ही नहीं है बल्कि महाविद्यालय को, प्रदेश को और साथ ही देश को आगे बढ़ाने में वह कैसे योगदान दे सकते हैं, इस बारे में भी अवगत कराना होता है।नई शिक्षा नीति 2020 पर प्रकाश डालते हुए प्रो. पुष्पा नेगी ने कहा कि नई शिक्षा नीति,मानव चेतना के सतत ऊर्ध्व गामी विकास का आधार है। तथा आत्मनिर्भरता, हर हाथ को कौशल का हुनर ,आत्म मूल्यांकन में निपुण बनाने की कोशिश की पहल है। इस अवसर पर डॉ दलीप सिंह बिष्ट ने कहा कि नई शिक्षा नीति परंपरागत ज्ञान,नैतिक शिक्षा एवं अपने परिवेश की शिक्षा का ज्ञान करवाती है यह सर्वांगीण विकास के साथ-साथ स्व- रोजगार परक शिक्षा को बढ़ावा देती है।इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राध्यापिका डॉ. दीपाली रतूड़ी ने नई शिक्षा नीति पर प्रकाश डालते हुए कौशल विकास पाठ्यक्रमों के चयन एवं महत्व पर प्रकाश डाला।इस अवसर पर डॉ.ममता भट्ट तथा डॉ. राजेश कुमार द्वारा वाणिज्य विषय में रोजगार की संभावना पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई ।इस अवसर पर डॉ. हरिओम शरण बहुगुणा, डॉ. जी. पी. रतूड़ी, डॉ. रुचिका कटियार आदि प्राध्यापकों के साथ साथ शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे।