उत्तराखण्ड
शैक्षिक संवाद में शिक्षकों ने साझा किए अपने अनुभव।
संवादसूत्र देहरादून: अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की ओर से शनिवार को यूट्यूब पर लाइव शैक्षिक संवाद का आयोजन किया गया। शैक्षिक संवाद में उत्तराखंड के विभिन्न जनपदों के शिक्षकों ने प्रतिभाग कर स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता पर चर्चा की। शिक्षकों ने बताया कि कैसे कक्षा में छात्रों के साथ घुलमिल कर उनकी अभिरुचियों को पहचाना जा सकता है, ताकि बच्चों के जीवन के विकास की सारी संभावनाएं खुल सकें। इस दौरान राजकीय प्राथमिक विद्यालय गहड़ पौड़ी गढ़वाल शिक्षिका संगीता फरासी ने संवाद में शामिल शिक्षकों के साथ कक्षा से जुड़े अनुभवों के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि कुरौना काल में बच्चों की पढ़ाई काफी प्रभावित हो गई थी लेकिन इस दौरान भी उन्होंने बच्चों के साथ बराबर संवाद बनाकर शिक्षा के स्तर को और बेहतर करने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि कक्षा में प्रत्येक बच्चे से उनका टच होता है और यही कोशिश होती है कि हर बच्चे की अभिरुचि को पहचान कर उसकी शिक्षा को नई दिशा देने का काम कर पाएं। उन्होंने कहा कि शैक्षिक संवाद से स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के नए अवसर प्रदान होते हैं। नवाचार के आयाम खुलते हैं और नए अनुभवों से स्कूली बच्चों के बीच शिक्षा के स्तर को बेहतर करने का मौका मिलता है। यूट्यूब पर लाइव टेलीकास्ट के दौरान उन्होंने कहा कि शिक्षकों को बच्चों के साथ तटस्थ संवाद बनाने की आवश्यकता है। शैक्षिक संवाद कार्यक्रम में रुद्रप्रयाग से शिक्षक सत्येंद्र भंडारी, चमोली से मंजू पांगती, टिहरी से अमित चमोली, पैनलिस्ट के तौर पर अभिषेक शुक्ला उप शिक्षा अधिकारी दुगड्डा पौड़ी गढ़वाल, भुवनेश्वरी चंदानी आदि ने भी अपने अनुभव साझा किए।