उत्तराखण्ड
ओमिक्रॉन की रफ्तार जितनी तेज होगी, खतरनाक वैरिएंट आने की आशंका उतनी ही बढ़ेगी:विश्व स्वास्थ्य संगठन।
- ओमिक्रॉन से भी मौतें हो रही हैं। इसकी तेज संक्रमण दर चिंताजनक है। यह किसे पता कि अगला वैरिएंट कितना घातक होगा
सँवादसूत्र देहरादून/दिल्ली: कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट का संक्रमण दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि ओमिक्रॉन जितनी तेजी से फैलेगा, उतनी ही जल्दी वायरस के नए वैरिएंट के आने की आशंका है। WHO की सीनियर इमरजेंसी ऑफिसर कैथरीन स्मॉलवुड का कहना है कि ओमिक्रॉन की तेज संक्रमण की दर का उल्टा असर पड़ सकता है।
‘ओमिक्रॉन घातक है, संक्रमण से मौत की आशंका ‘ कैथरीन का कहना है, ‘ओमिक्रॉन इस समय भी घातक है, इसके संक्रमण से मौत हो सकती है। मौत की दर डेल्टा से कुछ कम रह सकती है, लेकिन किसे पता है कि अगला वैरिएंट कितना घातक होगा। नए खतरनाक वैरिएंट के आने से इनकार नहीं किया जा सकता।’
यूरोप में कोविड इंफेक्शन का बढ़ता ग्राफ हालांकि ओमिक्रॉन को पहले मिले कोविड वैरिएंट्स की तुलना में कम घातक माना जा रहा है। ऐसे में महामारी के खत्म होने और जन-जीवन के सामान्य पटरी पर उतरने की उम्मीद जागी है, लेकिन यूरोप में कोरोना संक्रमण के अब तक 10 करोड़ से ज्यादा मामले आ चुके हैं। 2021 के आखिरी हफ्ते में यहां 50 लाख से अधिक केस मिले हैं। कोविड इंफेक्शन का बढ़ता ग्राफ चिंता बढ़ाने वाला है।
संक्रमितों की संख्या को लेकर हालात चिंताजनक WHO ऑफिसर ने कहा कि हम काफी खतरनाक फेज में हैं। पश्चिमी यूरोप में इंफेक्शन रेट बहुत तेजी से बढ़ रहा है। यह कितना घातक होगा, इसके बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है। हालांकि, डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन संक्रमितों के अस्पताल में भर्ती होने की दर बहुत कम है। फिर भी, संक्रमितों की संख्या को लेकर हालात चिंता के हैं।
भारत में 2 हजार से ज्यादा ओमिक्रॉन मरीज भारत में ओमिक्रॉन संक्रमितों का आंकड़ा मंगलवार को 2,000 पार पहुंच गया। अब तक देश में कुल 2,220 ओमिक्रॉन संक्रमितों की पुष्टि हुई है। वहीं, पिछले 24 घंटे में 272 नए मामले सामने आए। ओमिक्रॉन संक्रमण देश के 24 राज्यों सहित केंद्र शासित प्रदेशों में फैल चुका है।
महाराष्ट्र में नए वैरिएंट के सबसे ज्यादा 653 केस महाराष्ट्र में नए वैरिएंट के सबसे ज्यादा 653 संक्रमित मिले हैं। दिल्ली 382 संक्रमितों के साथ दूसरे नंबर पर है। इसके अलावा केरल, कर्नाटक और राजस्थान में ओमिक्रॉन के ज्यादातर केस मिले हैं।