उत्तराखण्ड
उत्तराखंड की प्रथम महिला ढोल वादक वर्षा बण्डवाल को मिला मां नंदा देवी सम्मान।
संवादसूत्र देहरादून/ऋषिकेश: लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा ने उत्तराखंड की पहली व सबसे कम उम्र की महिला ढोल वादक वर्षा बण्डवाल एवं उनके सहयोगी अनुज राणा को सम्मानित किया।इस अवसर पर महासभा के अध्यक्ष डा. राजे नेगी ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति की धूम आज पूरे विश्व में मची हुई है।
देशभर में मनाये जा रहे नवरात्र महोत्सव के बीच मात्रृशक्ति को नमन और वंदन करते हुए अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा ने देहरादून रोड़ स्थित एक होटल में कम उम्र में महिला ढोल वादक के रूप में अपनी खास पहचान बनाने वाली वर्षा बण्डवाल को सम्मानित किया। इस अवसर पर महासभा के अध्यक्ष डा. राजे नेगी ने कहा कि वर्षा उन तमाम महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जो अपनी प्रतिभा और योग्यता के दम पर कुछ अनूठा और नया करने में विश्वास रखती हैं। डा. राजे नेगी ने बताया कि चमोली जनपद के सीमांत क्षेत्र के गांव गडोरा पीपलकोटी में जन्मी वर्षा बण्डवाल छठवीं कक्षा से ही ढोल दमाऊ बजाना शुरू कर दिया था। उन्होंने यह विधा अपने गुरु रोशन बण्डवाल से प्रेरणा लेकर प्रारंभ की। वर्षा अब तक ब्लाक स्तर, जिला स्तर एवं राज्य स्तरीय कला उत्सव प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर विजेता एवं उपविजेता रह चुकी है। इससे पूर्व वर्षा बण्डवाल को अपनी पौराणिक लोक वाद्य यंत्रों लोक संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु स्मृति चिन्ह एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर महासभा की महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष सीता पयाल, महासचिव राजेस्वरी चौहान,उषा डोभाल, महासचिव उत्तम सिंह असवाल,मयंक भट्ट,वर्षा के पिता विनोद बंडवाल उपस्थित रहे।