उत्तराखण्ड
कथित मारपीट मामले में मंत्री के साथ हेड कांस्टेबल भी नामजद।
संवादसूत्र देहरादून/ऋषिकेश: वित्त एवं शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और स्थानीय युवक सुरेंद्र सिंह नेगी के मध्य हुए विवाद के मामले में युवक की ओर से दर्ज कराई गई रिपोर्ट में आरोपित के रूप में पुलिस के हेड कांस्टेबल दीपक नेगी को भी नामजद किया गया है। युवक की पत्नी दमयंती नेगी की ओर से मांगी गई सूचना में जानकारी दी गई कि इस मामले में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, उनके पीआरओ कौशल बिजल्वाण और गनर गौरव राणा पहले से नामजद है।
हरिद्वार मार्ग पर बीते मंगलवार की दोपहर सड़क पर लगे जाम के दौरान कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल और शिवाजी नगर ऋषिकेश निवासी सुरेंद्र सिंह नेगी व धर्मवीर प्रजापति के बीच विवाद हो गया था। यह विवाद सरेराह मारपीट में तब्दील हो गया था, मारपीट का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर काफी वायरल हुआ। इस मामले में कैबिनेट मंत्री के गनर गौरव राणा की ओर से सुरेंद्र सिंह नेगी के खिलाफ लूट, सरकारी कार्य में बाधा, मारपीट आदि धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया था। जबकि सुरेंद्र सिंह नेगी की ओर से इस मामले में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल उनके पीआरओ कौशल बिजल्वाण उनके गनर गौरव राणा सहित अन्य छह-सात व्यक्तियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में पुलिस की ओर से मुख्य आरोपित के रूप में कौशल बिजल्वाण का नाम शामिल किया गया था युवक पक्ष के लोग इस मामले में मंत्री उनके गनर व अन्य लोग को भी मुख्य आरोपी बनाने की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे थे। हालांकि मामला दर्ज होने के बाद डीआइजी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलिप सिंह कुंवर स्पष्ट कर चुके थे कि संबंधित मामले में मंत्री और उनके गनर का भी नाम शामिल है।
रविवार को नगर में प्रदर्शन करने के पश्चात कोतवाली का घेराव करने पहुंचे नागरिकों ने यह सभी सवाल पुलिस के अधिकारियों के समक्ष उठाए। इस मामले में सुरेंद्र सिंह नेगी की पत्नी दमयंती नेगी ने लोक सूचना अधिकारी कोतवाली ऋषिकेश से चार बिंदुओं पर सूचना मांगी। जिस पर लोक सूचना अधिकारी प्रभारी निरीक्षक कोतवाली केआर पांडेय ने अवगत कराया कि संबंधित मामले में प्रेमचंद अग्रवाल, कौशल बिजल्वाण, और गौरव राणा तीन लोग नामजद किए गए थे। उक्त अभियोग में एक अन्य आरोपित हेड कांस्टेबल दीपक नेगी का नाम भी प्रकाश में आया, इसे भी नामजद किया गया है। सूचना में यह भी अवगत कराया गया कि सुरेंद्र सिंह नेगी की ओर से एम्स पुलिस चौकी में जो तहरीर बाद में दी गई थी उसे भी अभियोग में समायोजित किया गया है। एक अन्य सूचना के जवाब में लोक सूचना अधिकारी ने बताया कि घटना के रोज सुरक्षा को देखते हुए सुरेंद्र सिंह नेगी को पुलिस सुरक्षा में बैठाया गया था। सुरेंद्र नेगी ने तत्काल समय में ऐसा कोई कारण भी नहीं बताया कि जिससे उनका तत्काल मेडिकल कराया जाता।