उत्तराखण्ड
ग्रुप डी भर्ती प्रक्रिया में अनियमिता के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई।
संवादसूत्र देहरादून/नैनीताल : हाई कोर्ट ने प्रदेश के जिला सहकारी बैंकों में ग्रुप डी (चतुर्थ श्रेणी) की भर्ती प्रक्रिया में अनियमिता के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने मामले में राज्य सरकार, रजिस्ट्रार कोआपरेटिव सोसायटी, हरिद्वार, नैनीताल, अल्मोड़ा, ऊधम सिंह नगर, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, उत्तरकाशी, चमोली, व देहरादून के जिला सहकारी बैंकों के सचिवों से चार सप्ताह के भीतर जवाब तलब कर लिया। अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी। याचिकाकर्ता ने सीबीआइ व सीआइडी को भी पक्षकार बनाया है।
हरिद्वार निवासी प्रियांशु त्यागी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि वर्ष 2020 में प्रदेश के सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के 423 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी हुई थी। भर्ती प्रक्रिया के दौरान कई अनियमितताएं सामने आईं। याचिकाकर्ता का कहना है कि अधिकारियों व नेताओं के रिश्तेदारों का मनमाना चयन किया गया। कई अभ्यर्थियों से भर्ती के लिए मोटी रकम भी ली गई। इसकी शिकायत ज्वालापुर हरिद्वार से तत्कालीन विधायक सुरेश राठौर ने मुख्यमंत्री से की। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। समाचार पत्रों में अनियमितता की खबर प्रकाशित होने के बाद मुख्य सचिव के निर्देश पर सचिव सहकारिता ने हरिद्वार में भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी। लेकिन नैनीताल, अल्मोड़ा, देहरादून व पिथौरागढ़ में इसके बाद भी भर्ती की गई। याचिका में पूरे मामले की सीबीआइ से जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई करने के आदेश पारित करने की प्रार्थना की है। प्रियांशु त्यागी के अधिवक्ता की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने रजिस्ट्रार कोआपरेटिव समेत सभी बैंक सचिवों से जवाब तलब कर लिया।