उत्तराखण्ड
नैनी झील में गंदगी फैलने पर हाई कोर्ट ने किया अधिकारी को कोर्ट में तलब।
संवादसूत्र देहरादून/नैनीताल: नैनीताल में दो दिन से हो रही वर्षा से झील में फैली गंदगी का स्वतः संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने नैनीताल के एसडीएम. नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी व मल्लीताल कोतवाल कोर्ट में तलब किया। एकलपीठ ने झील में गंदगी साफ करने के लिए डाली गई मछलियों को पर्यटकों के बन और ब्रेड खिलाने पर भी गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने उसे तत्काल रोकने के निर्देश दिए हैं। साथ ही झील की सफाई के लिए तीनों से तीन मई बुधवार को पूरे प्लान के साथ कोर्ट में पेश होने को कहा है।
दो दिनों से हो रही बरसात के बाद नैनीझील में चारों तरफ खाली बोतलों, कूड़े और थैलियों का अंबार लग गया है। कूड़ा सीधे या नैनीताल के कैचमेंट के 62 नालों के माध्यम से नैनीझील तक पहुंच गया है। जिसकी वजह से झील पूरी तरह दूषित हो गयी है। प्रशासन इस मामले में बेपरवाह बना है और झील की देखरेख तक नही की जा रही है। झील में कूड़े का अंबार देखकर न्यायमूर्ति ने सरोवर नगरी की स्वच्छता के लिए की जा रही व्यवस्थाओं पर सवाल उठाते हुए स्वतः संज्ञान लिया। कोर्ट ने नैनीताल के एसडीएम.राहुल साह, नगर पालिका के ईओ.आलोक उनियाल और कोतवाल धर्मवीर सोलंकी को दोपहर बाद दो बजे न्यायालय में अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया। एकलपीठ ने सभी से गंदगी के निस्तारण के लिए किए जाने वाली कार्यवाही और प्लानिंग पूछी। जवाब से कोर्ट संतुष्ट नहीं होकर न्यायालय ने झील को साफ करने के लिए किए जा रहे कार्यों और उपायों के साथ बुधवार को फिर से उनको व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित होने को कहा है।