उत्तराखण्ड
हाई कोर्ट ने पारित किया अहम आदेश,सरकारी आवासों के कब्जेदार हटाएं जाएं।
संवादसूत्र देहरादून/नैनीताल: हाई कोर्ट ने टिहरी में सरकारी आवासों के मामले में सुनवाई करते हुए सरकार को सरकारी आवासों में अवैध रूप से रह रहे लोगों को आवास खाली करने के लिए चार सप्ताह का नोटिस देने के साथ ही उनसे किराया भी वसूलने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि अगर इसके बाद भी आवास खाली नहीं किए जाते है तो याचिकाकर्ता को यह छूट दी है कि वह फिर से कोर्ट की शरण ले सकता है। कोर्ट ने जनहित याचिका निस्तारित कर दी है।
गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में टिहरी निवासी सुनील प्रसाद भट्ट की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें कहा गया है कि 1976 में टिहरी पूल्ड हाउसिंग सोसाईटी के तहत सरकारी कर्मचारियों व अधिकारियों कोआवास आवंटित किए गए थे, तब से अब तक इन आवासों में रह रहे कई कर्मचारियों का स्थानांतरण हो चुका है, कई रिटायर हो चुके और कई कर्मचारियों की मृत्यु भी हो चुकी है लेकिन तब से अब तक उनके द्वारा आवास खाली नही किए गए, जो आवास खाली थे, उन पर बाहरी लोगों ने कब्जा कर रखा है। अभी तक सरकार ने ना तो आवास खाली कराए, ना ही उनसे कोई किराया वसूला। याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि अवैध रूप से रह रहे लोगो से आवास खाली कराए जाएं और उनसे पूरा किराया भी वसूला जाय।