उत्तराखण्ड
कालिंदी अस्पताल मेें खुला एक और फर्जीवाड़ा।
संवादसूत्र देहरादून: कालिंदी अस्पताल ने आयुष्मान योजना के नाम पर बड़ा खेल किया है। क्लेम आडिट में फर्जीवाड़े की परत-दर-परत खुल रही है। नया मामला अयोग्य एवं अपात्र डिप्लोमाधारी नर्स के मरीजों को एनेस्थीसिया देने का है। एनेस्थीसिया नर्स ने दिया और अस्पताल ने क्लेम में एनेस्थेसिस्ट डा. जीसी बौठियाल का नाम दे दिया। जिन्होंने किसी भी मरीज को एनेस्थीसिया देने से साफ इंकार किया है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने आडिट रिपोर्ट के आधार पर अस्पताल के 410 क्लेम निरस्त कर दिए हैैं। अभी तक अस्पताल के एक करोड़ 80 लाख रुपये का क्लेम निरस्त किए जा चुके हैैं। जिसकी वसूली की कार्रवाई जा रही है। वहीं, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ पुलिस में भी मुकदमा दर्ज कराया है। इसकी भी विवेचना चल रही है।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने बताया कि विकासनगर स्थित कालिंदी अस्पताल ने आयुष्मान योजना के तहत बड़े स्तर पर गड़बड़ी की है। प्रथम चरण में अस्पताल के 243 क्लेम में गड़बड़ी सामने आई थी। अस्पताल के क्लेम के दस्तावेज में जिस यूरोलाजिस्ट के नाम व हस्ताक्षर दर्शाए गए, वह न अस्पताल में कार्यरत हैं और न कभी यहां मरीजों का उपचार किया। जिस पर अस्पताल की सूचीबद्धता निरस्त कर दी गई थी। साथ ही अस्पताल के क्लेम का लगातार आडिट किया जा रहा है। बीती 10 अप्रैल को भी अस्पताल के 171 क्लेम निरस्त किए गए थे। जिसमें डाक्टर के बजाए नर्स ने एनेस्थीसिया दिया था। जबकि एनेस्थेसिस्ट में जिस चिकित्सक का नाम दर्शाया गया उन्होंने अस्पताल में सेवा देने से इंकार किया। वहीं, अब तीसरे चरण में 410 क्लेम निरस्त किए गए हैैं।