उत्तराखण्ड
लाॅकडाउन में राज्य में फलफूल रहा है शराब का अवैध करोबार।
संवादसूत्र संवाददाता : उत्तराखंड में लॉक डाउन है लेकिन शराब की तस्करी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। आबकारी विभाग तक कह रहा है कि शराब की पूर्ण बंदी है,लेकिन पुलिस द्वारा की गई कार्रवाही कुछ और बयां कर रही है।ही
भले ही राज्य में लॉक डाउन के दौरान सब कुछ बंद है, लेकिन शराब के तस्कर लॉकडाउन में सक्रिय हैं। लॉक डाउन के बाद एक महीने में प्रदेश की पुलिस पाँच करोड़ से ज्यादा की शराब पकड़ी है, गौरतलब है कि राज्य में शराब की दुकानें ही नहीं बल्कि शराब के सभी गोदाम भी पूर्ण रूप से सील किये गये हैं, अब सवाल ये उठना लाज़मी है कि जब शराब का कारोबार भी लॉक डाउन है तो शराब की तस्करी हो कहां से रही है। ये भी चौकन्ने वाला ही प्रश्न है।
लेकिन राज्य में शराब तस्करी के आंकड़े बयां करते हैं कि भले ही अन्य चीज़ें बंद हैं लेकिन अवैध शराब का कारोबार तीव्र गति से फलफूल रहा है। लॉक डाउन में खूब शराब बेची जा रही है, शराब के ठेकों पर सील लगी हुई है, गोदाम बंद हैं लेकिन ये चौंकाने वाली बात है कि पकड़ी गई शराब बाहरी राज्यों से भी आई और उत्तराखंड मार्क की भी है, यानी की कहीं ना कहीं दाल में कुछ काला ज़रूर है। हालांकि पुलिस ने सख़्ती के साथ ऐसे तस्करो पर मुक़दमें दर्ज और गिरफ्तारी भी कर रही है।
लॉकडाउन में राज्य के सभी 13 जनपदों में अवैध शराब पकड़ी गई है और अभी तक 5 करोड़ से भी ज्यादा की अवैध शराब को पुलिस जब्त कर चुकी है। साथ ही लगातार कार्रवाई भी की जा रही है। लेकिन शराब तस्करी के आका अभी गिरफ्त से बाहर है। राज्य में अवैध शराब के तस्करों को लॉक डाउन से कोई फर्क नहीं है, ये बात आंकड़े और पुलिस की कार्रवाई साफ तौर पर दर्शाती है। पुलिस तो कार्रवाई कर रही है। जब शराब का पूरा कारोबार बंद किया गया है तो ये अवैध शराब कहां और कैसे लाई जा रही है।
यह बात आबकारी विभाग पर एक बड़ा सवाल ज़रूर खड़ा करती है। गांव देहात क्षेत्रों में भी कच्ची शराब के बनाने वालो की पौबारह हो रखी है। प्रदेश में शराब की दुकानें ही नहीं बल्कि गोदाम भी सभी पूरी तरह से बंद हैं। लेकिन यहां सवाल ये है कि जब सब बंद है तो शराब के तस्कर शराब आखिर ला कहां से रहे हैं।