उत्तराखण्ड
महापौर ने अपरिहार्य कारण का हवाला देते हुए बोर्ड बैठक की स्थगित।
संवादसूत्र देहरादून/ रुड़की: नगर निगम की बोर्ड बैठक को अचानक स्थगित कर दिया गया है। जिससे बोर्ड बैठक के स्थगित होने से निगम बोर्ड में चल रहा अंतरकलह एक बार फिर सामने आ गया है। महापौर और पार्षदों के बीच आरोप प्रत्यारोप शुरू हो गया है। पार्षदों ने बोर्ड बैठक को स्थगित करने को महापौर की मनमानी करार दिया है।
नगर निगम बोर्ड की बैठक मंगलवार को प्रस्तावित थी बैठक को लेकर सारी तैयारियां पूरी की जा चुकी थी। बोर्ड बैठक का एजेंडा भी पार्षदों तक पहुंचाया जा चुका था लेकिन बोर्ड बैठक से ऐन वक्त पहले महापौर ने बोर्ड बैठक को स्थगित करने के लिए नगर आयुक्त विजय नाथ शुक्ला को एक पत्र लिखा जिसके बाद बोर्ड बैठक को स्थगित कर दिया गया है। क्या पहला मौका नहीं है जब इस तरह से महापौर गौरव गोयल ने बोर्ड बैठक स्थगित की हो इससे पहले भी बोर्ड बैठक इसी तरह से स्थगित की जा चुकी है। महापौर गौरव गोयल का कहना है कि अपरिहार्य कारणों से बोर्ड बैठक स्थगित की गई है। नगर निगम के पार्षद दल के नेता राकेश गर्ग का कहना है कि बोर्ड बैठक को इस प्रकार से स्थगित नहीं किया जा सकता है। यह नियम विरुद्ध है केवल आपात स्थिति में ही बोर्ड बैठक को स्थगित किया जाता जा सकता है। पूरी तरह मनमानी की जा रही है उन्होंने बताया कि कल शाम को एक पूरा कैलेंडर महापौर की ओर से भिजवाया गया जबकि कम से कम 48 घंटे पहले पूरा का एजेंडा दिया जाना चाहिए यही नहीं देर रात उन्होंने बोर्ड बैठक स्थगित करने के लिए नगर आयुक्त को पत्र लिखा मंगलवार सुबह बोर्ड बैठक के शुरू होने से करीब 2 घंटे पहले नगर आयुक्त की ओर से आधिकारिक रूप से बोर्ड बैठक स्थगित किए जाने की सूचना पार्षदों को दी गई है। उन्होंने कहा कि अधिकारों का दुरुपयोग किया जा रहा है शहर के विकास को बाधित किया जा रहा है। महापौर अपनी कमियां छिपाने के लिए उल्टा पार्षदों को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उन पर आरोप लगा रहे हैं। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बता दें कि इस बार की बोर्ड बैठक में निगम का बजट पास होना था। इसके सहित 60 से अधिक प्रस्ताव एजेंडे में शामिल किए गए थे। इससे पहले बोर्ड बैठक 8 जनवरी को हुई थी।