उत्तराखण्ड
मुस्लिम दंपति ने हिन्दू बेटी का किया हिन्दू रीतिरिवाज से ब्याह।
संवादसूत्र देहरादून/श्रीनगर गढ़वाल: अपनी हिन्दू बेटी को बचपन से ही पालपोसकर और अब पूरे हिन्दू रीतिरिवाज से उसका विवाह कर देहरादून उसके ससुराल विदा कर देने के बाद हिना खान और उसके पति सलीम खान को अपनी बेटी सुनीता के, दामाद सोनू के साथ उसके मायके आने का इंतजार भी है ।कक्षा 9 में रेनबो स्कूल में पढ़ने वाले हिना का बेटा भी अपनी दीदी और जीजाजी का इंतजार कर रहा है । सुनीता के निर्धन पिता प्यारे लाल की बेटी की शादी के लिए हिना की सास जरीना खातून और सलीम के भाई अमजद खान तसलीम, हमजाद ने भी बेटी सुनीता की शादी में कोई कमी नहीं होने दी ।शिवलाल के साथ ही टमटा मोहल्ले के अन्य लोगों ने भी विवाह संपन्न कराने में बढ़चढ़कर सहयोग दिया ।
जाति धर्म से हटकर इंसानियत को जीवन मे सबसे महत्वपूर्ण मानने वाली हिना,सलीम और उसके अन्य सभी परिजनो ने मेंहदी,हल्दीहाथ,बान सात फेरे सहित हिन्दू विवाह की सभी रस्में भी पूरी शान और शौकत के साथ पूरी कीं, जिसे देख शहर के लोग भी हिना खान जरीना खातून सलीम की भावनओं और सोच की जमकर तारीफ भी कर रहे हैं । इंसानियत और आपसी भाई चारे को सबसे बड़ा मानने वाली हिना खान ने बिड़ला परिसर श्रीनगर से ही2007 में बीए किया है ।पौड़ी में अपने समय के वरिष्ठ कांग्रेसी रहे मुहम्मद सिदिकी की पुत्री हिना और उसके परिवार वालों की हिन्दू मुस्लिम वाली सोच या भावना नहीं रही ।दीपावली ईद और अन्य त्योहारों में हिना और उसकी सहेलियां पूजा पिंकी व अन्य एक दूसरे के घर जाकर त्योहार में अवश्य शामिल भी होते रहे हैं ।
सुनीता की मां का निधन कई साल पहले हो गया था ।उसके पिता प्यारेलाल को रहने के साथही उसकेपुत्र पुत्री की देखभाल का जिम्मा भी हिना खान और सलीम ने एक मां बाप की तरह ही लिया । हिना की सास जरीना खातून बचपन मे स्वयं अंगुली पकड़कर सुनीता को स्कूल ले जाती रही,लेकिन सुनीता का मन पढ़ाई में नही लगता था,जिससे वह आगे नहीं पढ़ सकी ।