उत्तराखण्ड
पार्षद शौकत अली से खाली करवाया सरकारी आवास, 7 साल से था अवैध कब्जा।
संवादसूत्र देहरादून/ऋषिकेश: उत्तराखंड जल विद्युत निगम की टीम ने पार्षद शौकत अली के सरकारी आवास को पुलिस की मदद से खाली करा दिया। सेवा निवृत्त होने के बाद भी पार्षद सरकारी आवास पर छह साल से काबिज था। विधवा के साथ मारपीट के आरोप में नामजद पार्षद आठ माह से फरार है।
बताते चलें कि आठ जुलाई 2021 को बैराज कालोनी ऋषिकेश निवासी विधवा बबीता देवी ने के घर में घुसकर मारपीट और उसकी पुत्री की गर्भस्थ शिशु की मौत के मामले में भाजपा पार्षद शौकत अली सहित पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा किया गया था। घटना के बाद से सभी लोग फरार थे। बाद में पार्षद को छोड़कर अन्य सभी लोग ने न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। आठ दिसंबर को न्यायालय के आदेश पर बैराज कालोनी स्थित पार्षद के सरकारी आवास सी- 24 पुलिस ने कुर्की की थी। इस घटना के बाद भाजपा संगठन की ओर से शौकत अली को संगठन से निष्कासित कर दिया गया था।
जल विद्युत निगम के सहायक अभियंता अतुल यादव ने बताया कि वर्ष 2016 विभाग में कार्यरत लाइनमैन शौकत अली जल विद्युत निगम से सेवानिवृत्त हो गया था। जिसके बाद सी – 24 बैराज कालोनी स्थित आवास मनोज कश्यप के नाम अलाट हो गया था। लेकिन शौकत अली ने सरकारी आवास से अपना कब्जा नहीं छोड़ा था। इस दौरान उसने बैराज स्थित नेहरू ग्राम में अपना नया मकान बना लिया था। विभाग को इस बात की जानकारी मिली की शौकत अली की ओर से फिर से सरकारी आवास पर कब्जा कर लिया गया था आवाज को कब्जा मुक्त कराने के लिए उप जिलाधिकारी ऋषिकेश के यहां विभाग ने आवेदन किया था। पर उन्होंने पुलिस को विभागीय कार्रवाई में प्रयोग करने के निर्देश जारी किए थे।
मंगलवार को सहायक अभियंता अतुल यादव एवं पुलिस चौकी प्रभारी शिवराम सहित पुलिस फोर्स को लेकर बैराज कालोनी स्थित उक्त सरकारी आवास पर पहुंचे। जहां पर घर के भीतर रखा सारा सामान निकाल कर बाहर कर दिया गया। सामान की सुपुर्दगी के लिए पार्षद की पत्नी को मौके पर बुलाया गया।