उत्तराखण्ड
ऑनलाइन टिकट बुक कराने वालों को ही मिलेगी रोडवेज बसों में सीट।
संवादसूत्र देहरादून: उत्तराखंड परिवहन निगम ने यात्रियों की सुविधा का हवाला देकर आनलाइन टिकट बुकिंग साफ्टवेयर तो अपग्रेड कर लिया, लेकिन इसके चलते उन यात्रियों को परेशानी आ रही, जिन्होंने अपना टिकट एक मार्च से पहले बुक किया हुआ है। एक मार्च से नए साफ्टवेयर पर आनलाइन टिकट बुकिंग की जा रही।टिकट मशीन में नहीं दिख रहा यात्रियों का रिकार्ड।
ऐसे में पुराने साफ्टवेयर पर टिकट बुक करा चुके यात्रियों का रिकार्ड टिकट मशीन में नहीं दिख रहा। जिस पर परिचालक ऐसे यात्रियों को सीट देने से इन्कार कर रहे।इसकी लगातार शिकायत मिलने पर परिवहन निगम मुख्यालय ने शनिवार को आदेश जारी किए कि पुराने साफ्टवेयर पर टिकट बुक करा चुके यात्रियों को प्राथमिकता के आधार पर सीट उपलब्ध कराई जाए। मुख्यालय ने ऐसे यात्रियों की सूची सभी डिपो को उपलब्ध करा दी है।परिवहन निगम के महाप्रबंधक दीपक जैन की ओर से जारी आदेश में बताया गया कि परिचालक बस अड्डे पर उसी सूरत में टिकट बनाएं, जब आनलाइन टिकट के यात्री बस में बैठ चुके हों।
दरअसल, अभी तक परिवहन निगम वर्जन-3 साफ्टवेयर पर आनलाइन टिकट बुकिंग कर रहा था, लेकिन एक मार्च से साफ्टवेयर अपग्रेड कर इसे वर्जन-4 कर दिया गया। इसके कारण 25 मार्च से 28 मार्च तक आनलाइन टिकट बुकिंग सेवा भी ठप रही।इस पर निगम मुख्यालय की ओर से सभी डिपो के सहायक महाप्रबंधकों व केंद्र प्रभारी को पुराने साफ्टवेयर पर टिकट बुक करा चुके यात्रियों की सूची उपलब्ध करा दी गई। आदेश दिए गए कि सभी चालकों को डिपो व बस सेवा के हिसाब से सूची उपलब्ध करा दी जाए। यदि किसी यात्री की आनलाइन बुकिंग का विवरण उपलब्ध नहीं है तो यात्री को टिकट बुकिंग से जुड़ा साक्ष्य उपलब्ध कराना होगा।
वीआइपी सीट देने के आदेशनिगम मुख्यालय ने आदेश दिया है कि अगर नए-पुराने साफ्टवेयर के चलते दो यात्रियों ने एक ही सीट बुक कराई तो उनमें से एक को बस में रिजर्व में रहने वाली वीआइपी सीट एक या दो नंबर आवंटित की जाए। यह आदेश भी दिया गया कि आनलाइन टिकट बुकिंग से जुड़ी बस सेवा में केवल तभी मेनुअल टिकट बनाए जाएं, जब आनलाइन टिकट बुक कर चुके सभी यात्री आ जाएं।