उत्तराखण्ड
स्वर्गाश्रम 45 व्यापारियों को शाम छह बजे तक दुकानें खाली करने का आदेश।
संवादसूत्र देहरादून/ऋषिकेश: जनपद पौड़ी गढ़वाल के अंतर्गत स्वर्गाश्रम में भारत साधु समाज की 45 दुकानों में काबिज व्यापारियों को जिला प्रशासन ने शाम छह बजे तक न्यायालय के आदेश पर दुकानें खाली करने के आदेश जारी किए गए हैं। जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल और एसएसपी पूरी टीम लेकर क्षेत्र में मौजूद है। कई दुकानदारों ने दुकान खाली करनी शुरू कर दी है। इस आदेश से व्यापारियों में हड़कंप है।
भारत साधु समाज की संपत्ति पर निर्मित 45 दुकानों में काबिज दुकानदारों और भारत साधु समाज के मध्य न्यायालय में चल रहे विवाद के चलते उच्च न्यायालय के दुकानदारों को खाली किए जाने के पूर्व में जारी कर दिए गए थे। धरातल पर इनका अमल नहीं हुआ था। इस मामले में जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल पर न्यायालय में अवमानना का मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं।
जिला प्रशासन ने मंगलवार की शाम छह बजे तक दुकानदारों को दुकानों को खाली किए जाने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन की ओर से क्षेत्र में मुनादी भी करा दी गई है। प्रशासन के इस कदम के बाद संबंधित क्षेत्र का बाजार सुबह से बंद हो गया। कई व्यापारी या अपना सामान समिति में जुटे हैं।
जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल डा. आशीष चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे,उप जिलाधिकारी यम्केश्वर आकाश जोशी, अपर पुलिस अधीक्षक शेखर सुयाल क्षेत्र में पहुंच गए थे। यहां एक आश्रम में दोनों पक्षों के बीच बातचीत हुई। दुकानदारों ने हालांकि तीन दिन का समय मांगा लेकिन जिलाधिकारी ने न्यायालय के आदेश का हवाला देकर समय देने से इनकार कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि यह मामला वर्ष 1998 से न्यायालय में विचाराधीन था। जहां दुकानदार मुकदमे को हार गये हैं। जिसके बाद सभी दुकानदारों को 22 फरवरी 2023 को यम्केश्वर के तहसीलदार ने 10 दिन के अंदर अपना कब्जा हटा ले जाने के लिए आदेश देते हुए कहा था, कि यदि उनके द्वारा अपना कब्जा नहीं हटाया गया तो उनके विरुद्ध उचित बल प्रयोग कर निर्माण को हटा दिया जाएगा। जिसके खर्चा दुकानदार को देना होगा।
मौके पर उपस्थित संजय अग्रवाल अन्य व्यापारियों का कहना है कि इसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 12 मई को सुनवाई भी की जानी है, परंतु प्रशासन अपनी जिद पर अडा हुआ है। इस मामले में खसरा नंबर को लेकर भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है। प्रशासन को पहले यह स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।