उत्तराखण्ड
नर्सिंग अधिकारी के पद पर वर्षवार ज्येष्ठता के आधार पर होगी नियुक्ति।
संवादसूत्र देहरादून/नैनीताल : संविदा एवं बेरोजगार स्टाफ नर्सेज महासंघ का 12 साल का संघर्ष रंग लाया। सरकार ने उनकी नियमित सेवा की मांग स्वीकार करते हुए शुक्रवार को नैनीताल हाई कोर्ट में शपथ पत्र देकर बताया कि प्रदेश में नर्सिंग अधिकारी के रिक्त पदों पर वर्षवार ज्येष्ठता के आधार पर नियुक्ति की जाएगी। सरकार इसके लिए नियमों में संशोधन के लिए भी तैयार हो गई है। सरकार के इस निर्णय से करीब 650 संविदा नर्सिंग अधिकारी एवं 11, 500बेरोजगार जीएनएम व बीएससी नर्सिंग बेरोजगारों की नियमित नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। वहीं, सरकार के शपथ पत्र के बाद कोर्ट ने महासंघ की समस्त याचिकाओं को अंतिम रूप से निस्तारित कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ में संविदा एवं बेरोजगार स्टाफ नर्सेज महासंघ के अल्मोड़ा निवासी गोविंद रावत व अन्य की याचिका पर सुनवाई हुई। इसमें कहा गया कि प्रदेश में करीब दो दशक से स्टाफ नर्स और नर्सिंग अधिकारी पद पर भर्ती नहीं की गई। पहले परीक्षावार नियुक्ति होती थी। नर्सिंग अधिकारी पद पर सालों से लोग संविदा पर काम कर रहे हैं। उन्हें नियमित नहीं किया जा रहा। नियमों में मनमाना संशोधन कर भर्तियों को विवादित बना दिया गया है। नर्सिंग अधिकारी के पद बड़े पैमाने पर रिक्त होने से अस्थायी व स्थायी तौर पर काम कर रहे कार्मिकों पर काम का बोझ बढ़ गया है।