उत्तराखण्ड
प्रदेश को जल्द मिलेंगे 1564 नर्सिंग अधिकारी।
संवादसूत्र देहरादून: नर्सिंग भर्ती का इंतजार कर रहे प्रशिक्षित युवाओं के लिए अच्छी खबर है। शासन ने नर्सिंग सेवा नियमावली का शासनादेश जारी कर दिया है। प्रदेश को जल्द ही 1564 नर्सिंग अधिकारी मिलेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे। प्रभारी स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि उत्तराखंड अधीनस्थ नर्सिंग (अराजपत्रित) सेवा (संशोधन) नियमावली की अधिसूचना जारी कर दी गई है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में नर्सिंग अधिकारी के 1564 रिक्त पद शीघ्र भरे जाएंगे।
बताया कि नियमावली के अनुसार नर्सिंग अधिकारी के रिक्त पदों को चयन वर्ष 2022—23 हेतु एक बार के लिए वर्षवार योग्यताक्रम में जैसा कि अभ्यर्थी द्वारा डिग्री/डिप्लोमा में प्राप्त अंकों से प्रकट हो, के आधार पर आरक्षण रोस्टर का अनुपालन करते हुए भरा जाएगा। संशोधित नियमावली में वर्ष 2022—23 हेतु नर्सिंग अधिकारी के रिक्त पदों पर 80 फीसद महिला अभ्यर्थी व 20 फीसद पुरुष अभ्यर्थी का चयन किया जाएगा। इसके अलावा चयन हेतु कुल उपलब्ध रिक्त पदों में से 70 फीसद पद नर्सिंग में डिप्लोमा धारक अभ्यर्थियों तथा 30 फीसद पद नर्सिंग में डिग्री धारक अभ्यर्थियों में से वर्षवार योग्यताक्रम के आधार पर चयन किया जाएगा। नियमावली में संशोधन के बाद सीधी भर्ती उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड द्वारा संपादित की जाएगी। चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड राज्य की अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछडा वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग तथा अन्य श्रेणियों के अभ्यर्थियों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कर आवेदन पत्रों की जांच करेगा। अभ्यर्थियों के डिप्लोमा/डिग्री परीक्षा में प्राप्त अंकों के प्रतिशत के बराबर ही अंक देय होंगे। चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड डिप्लोमा/डिग्री अभ्यर्थियों द्वारा प्राप्त अंकों के अनुसार सूचियां तैयार करेगा। यदि दो या अधिक अभ्यर्थी समान अंक प्राप्त करें तो जिस अभ्यर्थी की जन्मतिथि पहले हो उसका नाम पहले के आधार पर योग्यता क्रम में रखा जाएगा। सूची के नामों की संख्या रिक्तियों की संख्या से अधिक किंतु 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। प्रभारी सचिव ने बताया कि नर्सिंग अधिकारियों के रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरे जाने की कोशिश की जा रही है। ताकि चिकित्सा इकाईयों में रिक्त पदों पर नियुक्ति हो और मरीजों को और बेहतर इलाज व देखभाल की सुविधा मिल सके।
अस्पतालों में दूर होगी नर्सिंग स्टाफ की कमी
प्रदेश में वर्ष 2011 के बाद से नर्सिंग भर्ती नहीं हुई है। जिस कारण सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कालेजों में नर्सिंग स्टाफ की कमी है। वर्ष 2019 में सरकार ने पहली बार नर्सिंग भर्ती की सेवा नियमावली बनाई थी, जिसमें नर्सिंग भर्ती के लिए लिखित परीक्षा का प्रावधान किया गया था। इस नियमावली से दिसंबर 2020 में सरकार ने उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद के माध्यम से 2621 पदों की भर्ती निकाली थी। जिसमें लगभग 1 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया। संविदा बेरोजगार नर्सों के विरोध के बाद सरकार ने भर्ती प्रक्रिया स्थगित कर उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से कराने का निर्णय लिया। 27 जुलाई 2020 को कैबिनेट में नर्सिंग भर्ती वर्षवार करने का निर्णय लिया गया था। 21 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने सरकार को नर्सिंग नियमावली में संशोधन की अनुमति दी। पर कैबिनेट के निर्णय और हाईकोर्ट की अनुमति पर भी नियमावली की फाइल शासन में घूम रही थी। अब इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है।