उत्तराखण्ड
छेड़खानी की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने पर महिला पर होगी प्राथमिकी।
संवादसूत्र देहरादून/नैनीताल: न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने छेड़छाड़ के मामले में दर्ज मुकदमे को समझौते के आधार पर निरस्त करने के मामले में दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की। कोर्ट ने झूठी प्राथमिकी दर्ज कराने पर शिकायतकर्ता के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश सीजेएम ऊधम सिंह नगर को देते हुए दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट भी तलब कर ली।
ऊधम सिंह नगर जिले के नानकमत्ता थाने में एस कौर ने अपने सगे देवर बलजीत के विरुद्ध 16 जुलाई 2020 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि नशे में बलजीत सिंह व सुरेंद्र सिंह ने घर में घुस कर इज्जत लूटने एवं जान से मारने की कोशिश की। कपडे भी फाड़ दिए। मुकदमे को समझौते के आधार पर निरस्त करने के मामले में दायर कंपाउंडिंग प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए जब कोर्ट ने शिकायतकर्ता से पूछा कि जो मुकदमा दर्ज कराया गया क्या वह सही है? इसपर एस कौर ने कहा कि उसने ऐसे ही लिखवा दिया था। आरोपितों से बस झगड़ा हुआ था। इस पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि शिकायतकर्ता की इस गलती की वजह से दोनों लोग सलाखों के पीछे बिना जुर्म के सजा काट रहे होते। औरत होने का फायदा इस तरह से उठाना गलत है। कोर्ट ने शिकायतकर्ता पर झूठी प्राथमिकी दर्ज कराने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश सीजेएम ऊधम सिंह नगर को देते हुए रिपोर्ट भी तलब कर ली।