उत्तराखण्ड
महिला समानता और सशक्तीकरण की दिशा में सरकार का कदम,जेंडर बजट में की गई यह बढोत्तरी।
संवादसूत्र देहरादून: प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के जेंडर बजट में 617 करोड़ की बढ़ोतरी कर राज्य की आधी आबादी की मजबूती का संकल्प लिया है। महिला समानता और सशक्तीकरण की दिशा में सरकार ने एक और प्रभावी कदम बढ़ाया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तावित 89,230.07 करोड़ के बजट में 14,538 करोड़ के जेंडर बजट का प्रावधान किया गया है।
राज्य निर्माण के बाद जेंडर बजट में रिकॉर्ड वृद्धि गई है। जेंडर बजट का मुख्य उद्देश्य महिलाओं का सशक्तीकरण, समानता और विकास करना है। जेंडर बजटिंग महिलाओं को मुख्यधारा में लाने का एक तरीका है। इसमें महिलाओं की जरूरतों की पहचान करके, उनके अनुरूप योजनाएं बनाकर अलग से बजट की व्यवस्था की जाती है, जिससे महिलाओं का सशक्तीकरण हो और वे मुख्यधारा से जुड़ सकें।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में जेंडर बजट में 1377.31 करोड़ का प्रावधान था, जिसे पिछले वित्तीय 2023-24 में बढ़ाकर 13,920.13 करोड़ कर दिया गया था। इस बार प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए आम बजट में 14,538.05 करोड़ के जेंडर बजट का प्रावधान किया है। यह धनराशि महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, श्रम, रोजगार क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने में व्यय की जाएगी।इसके खर्च और उपयोगिता पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। जेंडर बजट का उपयोग दो तरह की योजनाओं के लिए किया जाएगा।
शत प्रतिशत महिलाओं के लिए पहली यह योजना बनाई गई हैं। दूसरी वह योजना जिसमें महिलाओं की 30 फीसदी भागीदारी होती है। प्रदेश सरकार का महिला सशक्तीकरण पर विशेष फोकस है।राज्य में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने के साथ ही मुख्यमंत्री नारी सशक्तिकरण योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना, मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तीलू रौतेली पुरस्कार योजना व नंदा गौरा योजना के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन धनराशि में भी बढ़ोतरी कर चुके हैं।
पुरुषों की जनसंख्या -5,138,203
महिलाओं की जनसंख्या -4,948,089
2024 में उत्तराखंड की अनुमानित जनसंख्या-11,700,099
पुरुषों की अनुमानित जनसंख्या -5,960,315
महिलाओं की अनुमानित जनसंख्या -5,739,784
वित्तीय वर्ष 2024-25 में जेंडर बजट में 14,538 करोड़ का प्रावधान
अनुपूरक पोषाहार कार्यक्रम के लिए 274.81 करोड़।
नारी शक्ति और महिला कल्याण के लिए 574 करोड़।
नंदा गौरा योजना के लिए 195.00 करोड़।
मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के लिए 30.00 करोड़।
मुख्यमंत्री बाल पोषण योजना के लिए 28.47 करोड़।
मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना में 14.88 करोड़।
मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना के लिए 10 करोड़ का प्रावधान।
गंगा, गाय, महिला डेरी विकास योजना के लिए पांच करोड़।
महिला उद्यमी प्रोत्साहन योजना के लिए पांच करोड़।
पीड़ित महिलाओं की सहायता के लिए 4.33 करोड़।