उत्तराखण्ड
23 वर्षों बाद परंपरागत बिस्सू मेले का हुआ आयोजन।
संवादसूत्र देहरादून/ विकासनगर: कैलो खत के काइला थात में 23 वर्षों बाद परंपरागत बिस्सू मेले का जश्न मनाने को जौनसार-बावर के कई गांवों से बड़ी संख्या में लोग शनिवार को मेला स्थल में एकत्र हुए। जौनसार के बिस्सू मेले में विशेष आकर्षण का केंद्र ठोड़ा नृत्य की प्रस्तुति के लिए कैलो खत के लोगों ने भेड़ की ऊन से बने मोटे वस्त्र पहनकर धनुष बाण के साथ एक दूसरे के पैर में घुटने से नीचे तीर कमान से निशाना साध कर युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया। जौनसारी जनजाति समाज में पाषाण कालीन युद्ध कौशल का प्रतीक माने जाने वाले ठोड़ा नृत्य को देखने के लिए बाहर से पर्यटक आए हैं। काइला थात में बिस्सू का जश्न मनाने गाजे-बाजे के साथ पहुंचे ग्रामीणों व स्थानीय महिलाओं ने लोक नृत्य की प्रस्तुति से समा बांधा। मेला स्थल में देर शाम तक नाच गाने का दौर चलेगा।