उत्तराखण्ड
क्षेत्र पंचायत सदस्यों का दो दिवसीय प्रशिक्षण।
संवादसूत्र देहरादून: राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत विकास खंड चकराता के क्षेत्र पंचायत सदस्य एवं रेखीय विभागीय क्रमिकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम राजकीय गुलाब सिंह महाविद्यालय पुरोडी में प्रारंभ हुआ । कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य प्रशिक्षक डा सुभाष चन्द्र पुरोहित ने उपस्थित सभी प्रतिभागियों को जानकारी दी कि 9 अप्रैल 2021 से उत्तराखंड के सभी 13 जनपदों के 95 विकासखंडों की 7791 ग्राम पंचायतों के पंचायत प्रतिनिधियों को उनकी क्षमता विकास के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में क्षेत्र पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान, पंचायतों के वार्ड सदस्य, ग्राम स्तर पर स्वयं सहायता समूह के सदस्य, समितियों के सदस्य एवं रेखीय विभागीय क्रमिक प्रतिभाग कर रहे हैं।
विकास खंड चकराता की 9 न्याय पंचायतों में से तीन न्याय पंचायतों में न्याय पंचायत भुनाड, न्याय पंचायत बृनाड बास्तिल , न्याय पंचायत रंगेऊ में पंचायत प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न होने चुका है, शेष 6 न्याय पंचायतों में प्रशिक्षण कार्यक्रम 12 अगस्त तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
प्रशिक्षक भरत सिंह बिष्ट ने 73वें संम्विधान संशोधन की बारीकियों को समझाते हुए बताया कि 73वें संविधान संशोधन के तहत पंचायतों को संवैधानिक अधिकार दिए गए। पंचायतों में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण का प्रावधान किया गया, जबकि उत्तराखंड सरकार द्वारा महिलाओं को 50 प्रतिशत पंचायतों में भागीदारी सुनिश्चित कीमत गयी। पंचायतों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए वित्त आयोग का गठन किया गया। गांव की खुशहाली एवं समृद्धि में हर पंचायत प्रतिनिधि की महत्वपूर्ण भूमिका है, सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र के विकास में पूर्ण निष्ठा के साथ भागीदारी करनी चाहिए। सहायक खंड विकास अधिकारी राजेश नेगी ने उपस्थित सभी क्षेत्र पंचायत सदस्यों से आह्वान किया कि सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को गांव के हर परिवार तक पहुंचाने में क्षेत्र पंचायत सदस्य अपनी जिम्मेदारी सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर ग्राम विकास अधिकारी अखिलेश कुमार, ग्राम विकास अधिकारी प्रविन्द्र , ग्राम विकास अधिकारी हिमांशु नेगी, क्षेत्र पंचायत सदस्य महेंद्र सिंह, श्याम दत्त शर्मा, रमेश, वनीता, जगवीर सिंह, रीता देवी, हिमांशु सैनी , कैलाश चन्द्र , ए पी सेमवाल आदि मौजूद रहे।