उत्तराखण्ड
फूलों की घाटी शीतकाल के लिए बंद।
संवादसूत्र देहरादून/ गोपेश्वर: विश्व धरोहर फूलों की घाटी के गेट गुरुवार दोपहर 12 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। अब पर्यटक अगले वर्ष एक जून से घाटी का दीदार कर पाएंगे। हालांकि, घाटी में वन्यजीवों और वन संपदा की सुरक्षा के लिए लंबी दूरी की गश्त जारी रहेगी।
पर्यटकों के लिए फूलों की घाटी हर वर्ष एक जून को खुलती है और 31 अक्टूबर को बंद कर दी जाती है।
चमोली जनपद के उच्च हिमालयी क्षेत्र में पुष्पावती नदी के दूसरे छोर पर स्थित फूलों की घाटी में इस वर्ष 19 हजार 436 पर्यटक पहुंचे। इनमें 330 विदेशी पर्यटक भी शामिल थे। इससे पार्क प्रशासन को 39 लाख 39 हजार 250 रुपये की आय प्राप्त हुई।
पार्क की वन क्षेत्राधिकारी चेतना कांडपाल ने बताया कि घाटी में दुर्लभ प्रजाति के वन्यजीवों और वन संपदा की सुरक्षा के लिए पांच स्थानों पर ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। इस साल वैली में पप्रकृति प्रेमी पर्यटक काफ़ी अच्छी तादाद में पहुंचे हैं। शीतकाल में पार्क प्रशासन की रेकी टीम भी समय-समय पर घाटी का निरीक्षण करने के लिए जाती रहेगी।