उत्तराखण्ड
गढ़भोज कार्यक्रम के अन्तर्गत आयोजित की गई विभिन्न प्रतियोगिताएँ।
संवादसूत्र देहरादून: राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मालदेवता रायपुर,में गढ़भोज कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया।
गढ़ भोज कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तराखंड के पारंपरिक भोज्य पदार्थों को जनमानस से परिचित करा ,उन्हें संरक्षित तथा संवर्द्धित करना था ।कार्यक्रम के अंतर्गत निबंध,पोस्टर,त्वरित भाषण ,प्रतियोगिता तथा उत्तराखण्ड के पारंपरिक भोज्य पदार्थ , प्रतियोगिताएं आयोजित की गई
निबंध प्रतियोगिता का विषय” स्वास्थ्य लाभ के लिए पारंपरिक भोज्य पदार्थ की भूमिका “ था ।पोस्टर प्रतियोगिता का विषय “उत्तराखंड के पारंपरिक खाद्य पदार्थ “था ।छात्र छात्राओं द्वारा विभिन्न पारंपरिक खाद्य पदार्थ बनाये गये ।
उक्त प्रतियोगिता में प्रतिभाग के लिए छात्र छात्राओं का उत्साह दर्शनीय था सभी प्रतिभागियों द्वारा विभिन्न खाद्य पदार्थ जैसे झंगोरे की खीर, तिल की चटनी , रोटाना ,, उड़द के पकौड़े , कंडाली की साग, पिंडालू के पत्तों की काफ़ली ,कोदे की रोटी, पहाड़ी राजमा की दाल, लाल चावल का भात, आलू तिल की चटनी , पहाड़ी नूण , पहाड़ी कद्दू का रायता, घुघुते ,खजूरें मंडवे की रोटी आदि पारंपरिक भोज्य पदार्थ बनाये तथा उनके पौष्टिक तत्वों के विषय में विस्तार से बताया ।इसी क्रम में त्वरित भाषण प्रतियोगिता के अंतर्गत छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न पारंपरिक खाद्य पदार्थों को बनाने की विधि तथा उनकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला l
पारंपरिक भोज्य पदार्थ प्रतियोगिता में आरती ,अनुष्का ,नंदन एवं पूजा को क्रमशः प्रथम , द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। निबंध प्रतियोगिता में नंदन सिंह गोनिया, पूजा, अर्चिता को क्रमशः प्रथम द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।
पोस्टर प्रतियोगिता में अर्चिता अमोली, कुशाग्र कंसल तथा अनन्या प्रथम तथा द्वितीय तथा तृतीय स्थान पर रहे ।
त्वरित भाषण प्रतियोगिता में नंदन सिंह गोनिया ,दीक्षा भंडारी एवं पूजा को क्रमशः प्रथम द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त हुआ ।
प्राचार्य प्रो .वी. पी अग्रवाल ने छात्र छात्राओं को प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने के लिए प्रोत्साहित किया ।
कार्यक्रम का संचालन डॉ.अनीता चौहान द्वारा किया गया। अंत में कार्यक्रम संयोजक डॉ. डिंपल भट्ट द्वारा सभी का धन्यवाद प्रेषित किया गया।
गढ़भोज कार्यक्रम समिति के सदस्य डॉ. अनीता चौहान, डॉ .कविता काला, श्रीमती पूजा रानी, श्रीमती रेखा चमोली, डॉ सुमन गुसाई द्वारा कार्यक्रम में सहयोग प्रदान कर कार्यक्रम को सफल बनाया गया ।
उपरोक्त कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकों के द्वारा प्रतिभाग किया गया ।