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जब मुझे कोई समस्या नहीं है तो मुझे दवा क्यों लेनी चाहिए: ओमिक्रॉन पॉजिटिव बिजनेसमैन।
संवादसूत्र देहरादून/दिल्ली: दिल्ली के एक युवा बिजनेसमैन ने आरोप लगाया है कि ओमिक्रॉन पॉजिटिव आने के बाद उसकी और परिवार की निगरानी के लिए प्रशासन ने घर पर 4 गार्ड तैनात कर दिए हैं। दुबई से बिजनेसमैन 4 दिसंबर को भारत लौटा। जैसे ही दिल्ली हवाई अड्डे पर फिर से जांच हुई तो वह कोविड पॉजिटिव निकला |
27 वर्षीय साहिल ठाकुर उस समय घबरा गए जब उन्हें बताया गया कि वो कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित हैं। हालांकि, तब तक वो होम आइसोलेशन में थे। दो दिन बाद ओमिक्रॉन रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर वह दंग रह गए। साहिल ने NDTV से बातचीत में कहा, “मैं हैरान रह गया था कि मैं ओमिक्रॉन संक्रमित कैसे हो सकता हूं? मैंने दोबारा जांच करने की रिक्वेस्ट की। “
साहिल ने बताया, “जब ओमिक्रॉन ने मुझे जकड़ा तो रातभर 4 गार्ड उत्तरी दिल्ली में घर के बाहर तैनात रहे, ताकि मैं घर से बाहर नहीं निकल पाऊं। यह एक तनावपूर्ण अनुभव था। मुझे और मेरे परिवार को होम क्वारैंटाइन करने के लिए अब भी घर के बाहर चार गार्ड दिन-रात तैनात हैं। फिर उन्होंने एक एम्बुलेंस भेजी और मुझे लोक नायक जय प्रकाश अस्पताल में भर्ती कर दिया गया।
हम अस्पताल में क्या कर रहे हैं साहिल ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उनके गले में खराश नहीं थी, एक भी दिन बुखार नहीं आया। वे यह भी नहीं बता सकते थे कि उन्हें कोरोना है। अस्पताल में 40 मरीज थे और उनमें से 30-35 में कोई लक्षण नहीं थे। सभी सोच रहे थे कि हम अस्पताल में क्या कर रहे हैं… हमें यहां क्यों रखा गया है। बिना लक्षण के उन्होंने कोई भी दवा लेने से मना कर दिया।
साहिल ने बताया, “मैंने कहा कि जब मुझे कोई समस्या नहीं है तो मुझे दवा क्यों लेनी चाहिए? डेल्टा इतना खतरनाक था, लेकिन ओमिक्रॉन इसका दसवां हिस्सा भी नहीं है। मेरे कारण परिवार में किसी को भी कोरोना नहीं हुआ। मुझे नहीं पता कि लोग क्यों कहते हैं कि यह तेजी से फैलता है। घबराने की कोई बात नहीं है। यह जानलेवा नहीं है। मैं 110% जानता हूं।”