उत्तराखण्ड
नेपाल बॉर्डर से महिला करोड़ों की एमडीएमए ड्रग्स के साथ गिरफ्तार।

संवादसूत्र देहरादून: चंपावत जिले में पहली बार दो जिलों की पुलिस ने करोड़ों की मिथाइलीन डाइऑक्सी मेथैम्फेटामाइन (एमडीएमए) ड्रग की खेप जब्त की है। चंपावत पुलिस, एसओजी और पिथौरागढ़ एसओजी की टीम ने चेकिंग के दौरान 5.688 किग्रा ड्रग के साथ एक महिला को गिरफ्तार किया है। महिला के पति समेत दो आरोपी पहले ही भाग गए जिनकी पुलिस तलाश कर रही है। मुंबई में पकड़े गए एक आरोपी से पूछताछ में पहाड़ से ड्रग सप्लाई होने की जानकारी मिली थी। इसी आधार पर पुलिस ने यह कार्रवाई की।
एसपी अजय गणपति ने बताया कि शनिवार तड़के सीओ वंदना वर्मा के नेतृत्व में एसओजी प्रभारी लक्ष्मण सिंह जगवान और बनबसा थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह कोरंगा की टीम ने शारदा नहर क्षेत्र में चेकिंग अभियान चलाया। टीम ने एक महिला और पुरुष को संदिग्ध हालात में देखकर रुकने के लिए कहा लेकिन पुरुष मौके से भाग गया। पुलिस ने ईशा (22) निवासी पंपापुर बनबसा को पकड़ लिया। तलाशी लेने पर उसके बैगसे एमडीएमए बरामद हुआ। ईशा ने बताया कि भागने वाला उसका पति राहुल कुमार है।
पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ थाना बनबसा में एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया। एसपी ने बताया कि पुलिस महिला के पति राहुल कुमार और कुनाल कोहली निवासी टनकपुर की तलाश कर रही है। महिला से पूछताछ की जा रही है कि इतनी भारी मात्रा में ड्रग कहां और कैसे बनाई है। पुलिस के अनुसार अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 10,23,84,000 रुपये आंकी गई है।
एमडीएमए को मौली, एमडी, म्याऊ-म्याउ, वाइट पाउडर, एम केट, एक्स्टसी के नाम से भी जाना जाता है। यह एक सिंथेटिक ड्रग है जो मेथाम्फेटामाइन जैसे उत्तेजक पदार्थ के समान है। इसका प्रभाव कोकीन की तरह होता है। इसका उपयोग बड़े शहरों में और क्लबों में किया जा रहा है। महंगे ड्रग्स के विकल्प के रूप में इसका प्रयोग नशे के लिए काफी किया जा रहा है। बड़े और मेट्रो पोलिटन शहरों में इसकी मांग लगातार बढ़ रही है। यह ड्रग पश्चिमी देशों में युवाओं के बीच लोकप्रिय है। भारत में क्लब कल्चर में इसका उपयोग बढ़ रहा है।
एसपी अजय गणपति ने बताया कि पिथौरागढ़ जिले के थल के पास चंडिकाघाट की सड़क के पास एक मुर्गी फार्म में गुप्त प्रयोगशाला में ड्रग्स बनाई जा रही थी। पिछले माह 13 और 17 जून को मुर्गियों के वाहन में ड्रग्स लेकर वे निकले। इसके बाद 22 और 23 जून को उन्हाेंने ड्रग्स का निर्माण किया। 26 जून को मुंबई और थल पुलिस ने संयुक्त रूप से छापा मारकर प्रयोगशाला को नष्ट किया था लेकिन शातिर पुलिस के आने से पहले ही ड्रग लेकर भाग निकले थे। आरोपी राहुल ने अपनी पत्नी को ड्रग नदी में फेंकने के लिए 27 जून को सौंप दी थी।
एसपी अजय गणपति ने बताया कि हाल ही में महाराष्ट्र के ठाणे पुलिस ने पिथौरागढ़ में एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। इसके बाद आईजी कुमाऊं रिद्धिम अग्रवाल के निर्देश पर चंपावत, पिथौरागढ़ पुलिस की संयुक्त टीम ने सूचनाओं का आदान-प्रदान कर कार्रवाई की। मुंबई पुलिस ने 10 ग्राम एमडीएमए ड्रग के साथ एक आरोपी को पकड़ा था। पूछताछ में उसने पहाड़ से ड्रग्स की सप्लाई की बात बताई। इसके बाद मुंबई पुलिस थल पहुंची थी।
आरोपी ईशा ने बताया कि बैग में एमडीएमए उसके पति राहुल कुमार और उनके सहयोगी कुनाल कोहली ने 27 जून को पिथौरागढ़ से लाकर उसे दी थी। ठाणे मुंबई में पंजीकृत मुकदमे में कुनाल वांछित है। बताया कि पुलिस की सक्रियता को देखते हुए उसके पति राहुल के कहने पर वह 12 जुलाई को बरामद माल को शारदा नहर में फेंकने जा रही थी।
एसपी अजय गणपति ने बताया कि आरोपी कुनाल कोहली ने रसायन विज्ञान की पढ़ाई की है। वह मुंबई में रहता है। दूसरे आरोपी राहुल की टनकपुर में मोबाइल की दुकान है। वह मुंबई जाता रहता था। अनुमान लगाया जा रहा है कि कुनाल कोहली को प्रतिबंधित केमिकल से ड्रग बनाने की पूरी जानकारी थी। उसने इसे बनाना कैसे सीखा यह पुलिस के लिए जांच का विषय है। कुछ समय पहले कम मात्रा में यूएस नगर में एमडीएमए ड्रग पकड़ी गई थी।
प्रतिबंधित ड्रग्स पकड़ने पर आईजी कुमाऊं रिद्धिम अग्रवाल ने पुलिस टीम को 20,000 रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया है। पुलिस टीम में सीओ टनकपुर वंदना वर्मा, एसओजी प्रभारी लक्ष्मण सिंह जगवान, थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह कोरंगा, उप निरीक्षक सोनू सिंह, हेड कांस्टेबल गणेश सिंह बिष्ट, संजय शर्मा, कांस्टेबल नासिर, उमेश राज, सूरज कुमार, कुलदीप सिंह, मदन सिंह, जगदीश कन्याल, राकेश्वरी राणा और पिथौरागढ़ एसओजी प्रभारी प्रकाश पांडे, कांस्टेबल एसओजी कमल शामिल रहे।
वर्ष 2024 में चंपावत पुलिस ने 1.28 किलोग्राम स्मैक और 60.5 किग्रा चरस समेत चार करोड़ से अधिक की नशे की सामग्री बरामद की थी। वहीं, वर्ष 2025 में अब तक कुल 11 करोड़ से अधिक की ड्रग्स बरामद कर कई तस्करों को जेल भेजा है।
एसपी चंपावत अजय गणपति ने कहा कि गिरोह मुंबई समेत अन्य महानगरों में ड्रग्स की आपूर्ति करता था और इनके नेपाल व नाइजीरिया नेटवर्क की भी जांच की जा रही है। जांच में पता चला है कि पिथौरागढ़ जिले के थल क्षेत्र में इन तस्करों ने ड्रग्स तैयार करने के लिए एक लैब बनाई थी जिसे पिथौरागढ़ पुलिस ने हाल ही में सील कर उपकरण जब्त किए हैं। –

