उत्तराखण्ड
संस्कृति और परंपराओं को आगे बढ़ाने में महिलाओं का अहम योगदान: अनुकृति।
संवादसूत्र देहरादून/कोटद्वार: उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराओं को यदि कोई गांव-गांव तक पहुंचा रहा है तो वो हमारे मंगल दल हैं। किसी भी संस्कृति और परंपराओं को आगे बढ़ाने में महिलाओं का अहम योगदान है। रिखणीखाल में आयोजित युवा महोत्सव में महिला उत्थान एवं बाल कल्याण संस्थान की अध्यक्ष अनुकृति गुसाईं ने यह बात कही। युवा महोत्सव में रिखणीखाल ब्लाक के 28 से ज्यादा महिला मंगल दलों से जुड़ी महिलाओं ने हिस्सा लिया।
रिखणीखाल ब्लाक के खंड विकास कार्यालय में विकासखंड युवा महोत्सव का आयोजन किया गया। महोत्सव में मंगल दलों से जुड़ी महिलाओं ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए। कार्यक्रम में महिलाएं पारंपरिक पोशाक में पहुंची थीं। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महिला उत्थान एवं बाल कल्याण संस्थान की अध्यक्ष अनुकृति गुसाईं ने सभी महिला मंगल दलों को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अपने गढ़वाल और कुमाऊं की संस्कृति को आगे बढ़ाने के लिए महिला मंगल दल अच्छा काम कर रहे हैं। हम देश-दुनिया में कहीं भी चले जाएं या किसी भी ओहदे में पहुंच जाएं, हमें अपने संस्कृति और परंपरा को नहीं भूलना चाहिए। अनुकृति ने कहा कि मुझे अपनी संस्कृति और परंपरा में गर्व है। अनुकृति ने महिला मंगल दलों को विश्वास दिलाया कि भविष्य में कोई भी मदद अगर वो कर पाएं तो अपनी परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए वे जरूर आगे आएंगे। कार्यक्रम के दौरान ब्लाक प्रमुख मनोहर लाल देवरानी, बीडीओ कलावती बिष्ट, जिला पंचायत सदस्य विनय पाल नेगी, प्रधान मोहित सुंदरियाल, रमेश रावत, प्रधान संघ के अध्यक्ष रघुवीर पटवाल भी मौजूद रहे।