उत्तराखण्ड
महाराज ने नदियों के चैनेलाइजेशन एवं ड्रेजिंग के कार्य को प्राथमिकता पर करने के दिये निर्देश।
संवादसूत्र देहरादून: जमरानी बांध परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत स्वीकृति हेतु प्रभावी कार्यवाही की जाए और सौंग बांध परियोजना को “महत्वपूर्ण राष्ट्रीय परियोजना” के अंतर्गत पूंजीगत व्यय के प्रावधान के लिए भारत सरकार से किये गये अनुरोध पर विभागीय स्तर पर आगे की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।
उक्त बात प्रदेश के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने शनिवार को यमुना कालोनी स्थित सिंचाई भवन में सिंचाई विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कही। उन्होने वर्ष 2022-23 के लिए विभिन्न मदों में प्राविधानित बजट की स्थिति, निर्माणाधीन योजनाओं की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति के साथ-साथ उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड राज्य के मध्य सिंचाई विभाग की परिसंपत्तियों के स्थानांतरण संबंधी कार्यों की भी समीक्षा की। श्री महाराज ने अधिकारियों से कहा कि जमरानी बांध परियोजना को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत स्वीकृति हेतु प्रभावी कार्यवाही की जाए क्योंकि 18 अक्टूबर को भारत सरकार नई दिल्ली में आयोजित बैठक में इसकी स्वीकृति मिलनी प्रस्तावित है।
श्री महाराज ने सौंग बांध परियोजना को “महत्वपूर्ण राष्ट्रीय परियोजना” के अंतर्गत 1774.00 करोड़ पूंजीगत (Special Assistant of State for Capital Expenditure) व्यय के प्रावधान के लिए भारत सरकार से किये गये अनुरोध पर विभागीय स्तर पर आगे की कार्यवाही सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिये।
प्रदेश के सिंचाई, पर्यटन, लोक निर्माण, पंचायती राज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने समीक्षा बैठक में विभागीय अधिकारियों को कहा कि नई तकनीकों की जानकारी एवं और उसके आदान-प्रदान हेतु सभी तकनीकी विभागों द्वारा एक सेमिनार आयोजित किया जाए। उन्होंने नदियों के चैनेलाइजेशन एवं ड्रेजिंग के कार्य को प्राथमिकता पर कराए जाने एवं संदेश संवेदनशील क्षेत्रों को चिन्हित करते हुए उनकी छोटी-छोटी फिल्में तैयार करने के भी आदेश विभागीय अधिकारियों को दिए।
सिंचाई मंत्री ने मानसून के दौरान हुई क्षति की सूचना संकलित करते हुए नदियों से होने वाले नुकसान को रोकने हेतु कार्य योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां चैनेलाइजेशन अथवा ड्रेजिंग की आवश्यकता है उन स्थानों को भी तत्काल चिन्हित किया जाए और इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि पुलों के नीचे किसी भी स्थिति में खनन न हो।
सिंचाई मंत्री श्री महाराज ने नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट (NHP) के अंतर्गत लगाए जा रहे उपकरणों को चीन से आ रही नदियों पर सुरक्षा की दृष्टि से लगाए जाने के भी निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने भीमताल के Dam Saftey Study के अनुसार कार्य शीघ्रता से कराए जाने और भीमताल में हो रहे रिसाव को रोकने के लिए तत्काल Study किए जाने को भी कहा।
सिंचाई मंत्री ने विभाग में रिक्त पदों को भरने हेतु शीघ्र कार्यवाही किए जाने के साथ-साथ नहर एवं नलकूपों के लिए आवश्यक सींचपाल एवं नलकूप चालकों के पदों हेतु प्रस्ताव उपलब्ध कराने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए।
समीक्षा बैठक में अपर सचिव उमेश नारायण पांडे, संयुक्त सचिव जे.एल. शर्मा, प्रमुख अभियंता दिनेश चंद्रा, मुख्य अभियंता जयपाल सिंह सहित सभी जनपदों के सिंचाई अधिकारी मौजूद थे।
सिंचाई विभाग की समीक्षा बैठक के पश्चात सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों की एक बैठक में उनकी समस्याओं पर भी गंभीता से मंथन किया गया।
बैठक के दौरान सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने सिंचाई कर्मचारियों 23 सूत्री मांगों को विस्तार से सुनने के पश्चात कहा कि वह कर्मचारियों की समस्याओं का प्राथमिकता से समाधान करेंगे।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कर्मचारियों की समस्याओं का समय से निस्तारण किया जाए और सभी आवश्यक मांगों पर तत्काल कार्यवाही की जाए।
इस दौरान बैठक में सिंचाई विभाग कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष पूर्णानंद नौटियाल, संरक्षक हरीश चंद्र नौटियाल, महामंत्री राकेश रावत, मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन सिंचाई विभाग अध्यक्ष के भुनेश्वर प्रसाद बडोनी, ड्राइवर संघ के प्रदेश अध्यक्ष निशंक सिरोही, मेट संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप शर्मा, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के प्रांतीय महामंत्री जग्मू प्रसाद, राजस्व संघ के प्रदेश अध्यक्ष भगत दर्शन सिंह नेगी, वैयक्तिक सहायक संघ से प्रदेश अध्यक्ष बी.एस. चौहान, वाहन चालक संघ के प्रदेश अध्यक्ष साबर सिंह रावत, मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के प्रांतीय सलाहकार गजे सिंह, सिंचाई राजस्व संघ के प्रदेश अध्यक्ष जयप्रकाश यादव एवं रिंकू सिंह आदि उपस्थित थे।