व्यंग्य
चकड़ेत बिरजु का पिताजी Got Married (भाग -1)
“हरदेव नेगी“
“व्यंग”
चकड़ेत बिरजु का मास्टर पिताजी रुद्रप्रयाग जनपद के दूरस्थ क्षेत्र में तैनात थे, माँ भी तैं जमना की सांइस में पढ़ी लिखी थी और बीटीसी पास थी व अपर स्कूल में हेड मास्टरणीं थी,, बिरजु ब्वे के साथ ही रहता था इसलिए ब्वे की ममता में ज्यादा चकड़ेत हो गया था,, अजकाल बिरजु के पिताजी घौर आ रखे थे,,, बिरजु की ब्वे के पास स्मार्टफ़ोन देखकर उनके दिल में भी कबळाट होने लगा और स्मार्टफ़ोन लेने की जिज्ञासा जगी,, दोफरा का भात खाते बगत बिरजु के पिताजी ने बिरजु से कहा बिरजु एक सस्तु – मस्तु स्मार्टफ़ोन मुझे भी ला दे सैमसुंग का 10,000 या 12,000 से ज्यादा जिसकी कीमत न हो बस,, इतना कहने पर बिरजु की माँ ने बिरजु के पिताजी को टोका,, जो फोन हाथ में है वो क्या ख़राब है,, यु बंटण वाळु फोन दूध कम देंणु व्हे स्मार्टफ़ोनन् जादा देंण,, किलै कर रहे हो रुपया खर्च,, चकड़ेत बिरजु के पिताजी ने कहा अरे यार तु भी हर बात पर टौंट मार देंदि,, त्येरु भि स्मार्टफ़ोन रख्यूं चा मिन कुछ ब्वोलि,,, चकड़ेत बिरजु की ब्वे तुम क्व व्हेन ब्वन वाळा, अपड़ी कमै मा चा लिन्यू,,, तो मैं भी कौन सा तेरी कमाई से ले रहा हूँ अपनी कमाई से ले रहा हूँ।। द्वी झंणों का झगड़ा देख बिरजु मस्त हो रखा था,,, शाम को बिरजु बाजार गया और पिताजी के लिए फोन लाया….! अरे बिरजु फोन तो ला गया पर इसकी स्यटिंग – वटिंग ठीक कर ले।। और मुझे भी सिखा दे, और हाँ न्यट कैसें चलाते हैं वो भी बता दे,, वहाँ मैं अकेले बोर हो जाता हूँ यार,, फिर अजकाल स्मार्टफ़ोन भी कम्पलसरि हो गया बल,, कब तक बटन दबाता रहूँगा,, मै भी कुछ-ट्च वच कर दूँ ,, कल सुबेर मैने चले जाना है, फिर किससे पूछुंगा वहाँ, वहाँ के लड़के तो बड़े ही लुंडलोफर हैं, ठीक चा पिताजी,,,,,,,,,,,,,,,,,, !
दिन के समय चकड़ेत बिरजु के पिताजी घाम पर बैठे थे, तब तक द्वी चा लड़के कहीं से आ रहे थे, बल मास्टर जी प्रणाम, प्रणाम रे मेरा लाटों कख बटि आ रहे हो तुम,,, बस इधर से ही, किरकेट खेलने गये थे,, अच्छा बेटों जरा मेरा एक काम कर दो, यार कल लड़के से ट्यच वाला फोन लिया था तो उसने इसकी स्यटिंग – वटिंग सब ठीक कर दी थी, पर मुझसे न जाने क्या टच हो गया,, बार – बार टिंग वाली घंटी बज रही है मेरे तो कुछ समझ नहीं आ रहा।।। ठीक चा मास्टर जी हम कर देते हैं ठीक,, उनमे से एक लड़के को मास्टर जी ने फोन दिया,, वो चैक कर रहा था,, अरे! मास्टर जी समस्या कुछ नहीं है वो आपके उसमें आपके बच्चे ने आपका फेसबुक आइडी बनाई होगी तो सब उसके नोटिफिकेसन आ रखे हैं, बल कन नोटिफिकेसन,, मास्टर जी आपके जानने वालों ने आपको फिरेंड रिक्वेस्ट भेजी है और कुछ ने पोस्ट शेयर की है,, तो मैं आपके दोस्तों की फिरेंड रिक्वेस्ट एक्सप्ट कर दूँ, हाँ कर दे यार,, ये झंझट ही खत्म कर दे और मुझे भी सिखा दे बार -बार किससे पूछना,, मास्टर जी आपके यहाँ भैंजी साब की भी फिरैंड रिक्वेस्ट आई और इसमें आपकी जानकरी पूरी भरने का नोटिफिकेसन भी आया है,,, हाँ उसकी फिरेंड रिक्वेस्ट भी एक्सप्ट कर दे, वही तो मेरी असली फिरैंड है,, और जानकारी भी भर दे………………..!………….!
उसने अपने मन मर्जी से जानकारी भर दी, 52 साल के मास्टर जी कि उम्र 30 साल कर दी,, और रिलेशनशिप में Got Married कर दिया और पब्लिक शेयर कर दिया, जैंसे Got Married का नोटिफिकेसन लोगों तक पहुँचा सब जानने वालों ने Congratulations & बहुत शुभकामनाएं कमेंट में लिखने लगे,, गुरुजी भी बड़ी नादानी से बसको धन्यवाद टाइप करने लगे,, ब्याखुनि के बगत जैंसे स्कूल से लौटकर बिरजु की मास्टरणीं ब्वे कुरसी पर बैठकर चाय पी रही थी और फेसबुक चलाने लगी, उनको भी बिरजु के पिताजी का आज की तारीख का Got Married वाला पोस्ट दिख गया और लोगों के बधाई संदेश और बिरजु के पिताजी का रिप्लाई भी दिख गया।। और कहने लगी ब्यो तो हमरा 25 बाल पहले हो गया तो ये क्यूँ लिखा इन्होनें, मुझे भी टैग नहीं किया, बिरजु की ब्वे का कपाळ तच गया,,,,,,,,,,,,,!,,,,,,,
और बिरजु के पिताजी को फोन लगाया, और फोन लगाते ही महाभारत शुरु…………! क्वोच स्या छानि, कैं दगड़ा व्हेग्या तुम Got Married? आज मि गंठ्योंदु तुमथैं,,😬। तभी लिया तुमने स्मार्टफ़ोन,, कर दी मेरी मवासी सून।। कैक दगड़ा तुमुन अपड़ू गौळु गंठ्येलि? क्व छै स्या जैं दगड़ा तुमुन ब्यो कैर्यालि? तभी हैं लोग तुमको बधाई दे रहे, चकड़ेत बिरजु का पिताजी अरे यार क्य छै तु बक – बक कनी,किलै कन मिन हैंकु ब्यो? तुझे ही झेल रहा हूँ मैं यही काफी है, कन पागल जनानि छैं तु,, कुछ भी बोल रही है।। अच्छा मि झेल छौं हाँ, अब झुलौंदु मि तुम संणि।।
तब तक बिरजु भी आ जाता है माँ को गुस्सा देख पूछने लगता है क्या व्हे माँ क्यूँ गुस्सा कर रही है, अरे गुस्सा नि कन मिन, तेरे पिताजी ने दूसरा ब्यो कर दिया,, कन हेकु ब्यो? तभी पिताजी इतने सालों से वही हैं, और तो और माँ वो तो वैडिंग डेस्टिनेसन भी है, अब पता चला पिताजी की रियल डेस्टिनेसन का,, उधर पिताजी गुस्से से चिल्लाते हैं 😬😬। अरे तुम द्वी पागल हो क्या? तैं बिरजु के पास फोन दे, बिरजु फोन पकड़ते ही, पिताजी Congratulations 💐😎,, अबे Congratulations का बच्चा अपड़ा बुबा जी दगड़ा मजाक कनू छैं, अरे मिन ब्यो किलै कन तेरि ब्वे का दिमाग मा यु बैम कैन बूति? जरा समझा उसको खामखाँ मुंडारु कर दिया,, पर माँ तुझे किसने बताया? किसने बताना फेसबुक पर खुशी का माहौल है तेरी पिताजी की शादी को लेकर, सब बधाई संदेश दे रहे हैं,, जरा मुझे फोन देखने दे और फेसबुक चैक करने दें,,,,,,,,,, ,,,,,,,,!
अरे हाँ मा सच्चि बोल रही है तू,,,,,,,,,,,,,,,.,,,,,!,,,,
पिताजी ने तो Got Married का पोस्ट शेयर कर रखा है, 👨❤️👨।
गौं वाले क्या बोलेंगे अब? ये तो पिताजी ने नौ धरोण्याँ छ्वीं कर दी अपनी ढलकदि जवानी में।।। उधर चकड़ेत बिरजु के पिताजी और गुस्सा करते हुए बोलते हैं अरे बिरजु तू क्या भी अपड़ी ब्वे की तरह सुनपट हो रखा है दिमाग से, पता नहीं किसने बनाया इसको मास्टरणीं,, अरे बात सुन, हाँ अब सुनने को क्या रह गया पिताजी,,, अरे पागल, सुन मेरि बात,, दिन में न जाने क्या टच हो गया था मुझसे, फिर कुछ लड़के आये तो मैने उनसे कहा कि थौड़ा ये फोन चैक कर लो तो उन्होंने कर दिया, और वो बोला कि आपकी जानकारी भरने का नोटिफिकेसन आ रखा है, तो मैने बोला भर दो,,, उन्होंने पता नहीं क्या अंट संट भर दिया,, शायद तभी तेरि माँ गुस्सा कर रही है, अरे तो ऐंसा बोलो ना पिताजी,,, अरे बोलना कहाँ से है फोन करते ही तेरि ब्वे बाग बंण गई है,,,।।।
माँ तू भी खामखाँ पिताजी पर सक कर रही है, ढंग से सोचती नहीं है तुमने तो घपरोल मचा रखा है,,अरे पिताजी को फेसबुक चलाना नहीं आया बल दिन में तो वहाँ के लड़कों को फोन दिया था, तब उन्होंने ही जानकारी गलत भर दी,, और पिताजी कम से कम पिताजी Relationship स्टेटस पर माँ को तो टैग रखते, तुम Got Married शेयर करो और जिससे हो रखी है शादी उससे टैग ना करो तो सक होगा ही ना,, और नादान इतने की लोगों के बधाई हो कमेंट पर धन्यवाद भी रिप्लाई कर रहे हो,,,,,
तुमने तो आज गाँव वालों को पुंड़खी और कौकटैल खिला पिली दी तु? अपनी माँ को समझा बस यख मुंडारा हो गया, एक हाफ परसों का बच्चा है आज पूरा करना पड़ेगा,, मन नहीं था पर तेरि ब्वे ने मन बना दिया।।
दो घुटकी पीने के बाद चकड़ेत बिरजु के पिताजी सु बंटण वाळु फोन हि ठीक छो क्वे मुंडारु त् नि छो,, दो दिन हुए नहीं स्मार्टफ़ोन लिए और रियल जिंदगी की स्मार्टनेस खरोल दी।
हरदेव नेगी, गुप्तकाशी (रुद्रप्रयाग)