आलेख
चारदीवारी से चाँद तक..
राजीव नयन पाण्डेय ✍️
यह कोई मायने नहीं रखता हैं कि आप को सूक्ति “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र_देवता” का अर्थ मालूम है या नहीं मालूम.. आपको यह मालूम है कि नहीं मालूम कि यह सूक्ति क्यों कहा गया ? कब कहा गया ? किस संदर्भ में कहा गया ? यदि नहीं मालूम तो यह आपकी गलती नहीं और ना ही आप जिसके भक्त बने घुमंतू बन धूमकेतु बने फिरते हैं उसकी गलती है।
यह भी मायने नहीं रखता कि आप अपने आस-पास की महिला को किस नजर से देखते हैं और उनके प्रति नजरिया क्या है ? और ना ही यह मायने रखता है कि आप अपने घर की औरतों को, मुहल्ले की महिलाओं को सिर्फ घर बर्तन और बच्चों को संभालना लायक ही मानते हैं, तो फिर अपने मन मस्तिष्क का उपचार कराइए, क्यों का अब आपको अपनी सोच बदलनी ही होगी।
खैर जब जागो तभी सवेरा.. इसलिए अब यह मान ले कि दिनांक 23 #अगस्त 2023 “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता” सूक्ति सफलता पूर्वक #चन्द्रयान 3 के प्रक्षेपण में महती भूमिका निभाने वाली भारतीय संस्कृति की वीरांगनाओं के उत्साहवर्धन हेतु ही लिखा गया था।
जब आधुनिकता की #परिभाषा रूपी काव्य में अर्धनग्न वेशभूषा, फुहड़ता भरा अंग प्रदर्शन व दुअर्थी भाषाई और आंखों से सुनने वाले #रिल से सोशल मीडिया भरा हो, जहां सब कुछ आसानी से उपलब्ध हो.. जहां रातो रात वायरल बने का विशेष #कीड़े ने काटा हो… तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया लप्पू, झिंगूर, बाल्टी के साथ चार मग्गे जैसे जुमले ही #प्राईम टाईम में हो.. उसी बीच भारतीय संस्कृति के प्रतिनिधित्व रूपी सूती साड़ी, सिन्दूर, बिंदी व मंगलसूत्र पहने भारतीय अंतरिक्ष केंद्र की महिला वैज्ञानिकों ने स्वदेशी उपकरणों और तकनीकी से चारदीवारी से चांद तक का सफर कर डाला।
स्वघोषित आधुनिक विचारों वाले रिल बनाने वाली पीढियों के समझ भारतीय वैज्ञानिकों की टीम ने वाकई ऐसा रिल बना डाला जिसका अलग ही रिकार्ड बना।
पुनःश्च बधाई चारदीवारी से चांद तक के सफर संवारने के लिए ..और भारत के नाम गर्वानुभूति कराने के लिए….
जय हिन्द 🇮🇳
राजीव नयन पाण्डेय ✍️