आलेख
मैं भी 34% गणिंतज्ञ हूँ।
(व्यंग)
लेख : हरदेव नेगी
(सबसे पहले तो सभी गणित के विद्वानो को राष्ट्रीय गणिंत दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।)
अगर मुझे सबसे ज्यादा किसी विषय में विद्यालय में कूटा गया तो वो गणित है, क्योंकि मैने कभी भी गणित विषय में गुरुजी का कहा हुआ नहीं माना, गुरुजी बार -बार कहते थे कि X बराबर मान लो, पर मैने नहीं माना, गणित मेरे दिमाग से स्वां हवा की तरह गुजरती थी, पर फिर भी मैं खुद गणित का 34% गणितज्ञ समझता हूँ, क्यूंकि इसी जिद्दिपन की वजह से मुझे कक्षा 10 में गणित में 100 में से 34 नंबर मिले, अगर गुरुजी का कहना मान लेता तो शायद X का मान पता चलता, और विषयों में ठीक था, पर सदानी गणित में सपा चट रहा, पिताजी ने भी कूटा कि गणित कमजोर क्यूँ है तेरी? ट्यूशन फ्यूशन जाया कर, पर जाणां कैन छो, गुरुजी ने भी पिताजी को बताया की ये कुछ मानता ही नहीं है, समीरण इसके ठीक हैं ही नहीं। ताने सुन कर फिर मैंने स्ट्रीम ही बदल दी,
जहाँ X बराबर न मानने पर इतना कूटा जा रहा हो वहाँ , आगे और न जाने कितनी चीजों को न मानने पर थैंचा जाए, पर जब मैने व्यापार प्रबंधन विषय चुना तो फिर ये X पढ़ने को मिला, बिजनेस मैनेजमैंट में एक थ्योरी है थ्योरी X और थ्योरी Y, यह थ्योरी पर डौगलस मैकग्रेगर ने शोध किया है, उनका मानना है कि जो X प्रवृत्ति के लोग होते हैं वो निराशा वादी हैं ये हमेशा नकारात्मकता फैलाते हैं चाहे वो कहीं भी हों, उनका यह व्यवहार X कैटेगरी में आता है, मगर जो Y प्रवृत्ति के लोग होते हैं वो सकारात्मक व आशावादी विचारों के होते हैं, एक सकारात्मक व्यवहार रखते हैं हर चीज को लेकर, जब ये थ्योरी पढ़ी तो फिर मुझे पुराने दिन याद आ गये कि मैं सही था उस दिन, जब कक्षा 10 में मुझे X बराबर न मानने पर कूटा गया,
पर मेरा डाऊट पूरा तब हुआ जब एक दिन कॉलेज जाते समय एक दिन एक दोस्त ने दूसरे दोस्त को कहा , अरे भाई वो देख तेरी Ex जा रही, मैने उससे पूछा कि भाई तूने उसे ऐंसा क्यूँ कहा कि वो देखी तेरी X जा रही, फिर उसने कहा भाई इससे प्यार करती थी बल धोखा दे के चली गई।।। अब ये दोनों Ex हैं एक दूसरे के।।
फिर मैने मन ही मन सोचा कि ये X कितना नेगेटिव है, किसी का बचपन कुटवा देता है और किसी की जवानी ।।
हरदेव नेगी, गुप्तकाशी (रुद्रपयाग)