उत्तराखण्ड
क्रशर निर्माण पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, राज्य सरकार व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मांगा जवाब।

संवादसूत्र देहरादून/नैनीताल: हाई कोर्ट ने रामनगर के शिवपुर टांडा में स्वीकृत बाबा गुरुदित्ता स्टोन क्रशर के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए स्टोन क्रशर निर्माण पर अग्रिम आदेश तक रोक लगाते हुए राज्य सरकार, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई को 23 जुलाई की तिथि नियत की है।
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में रामनगर निवासी रोहन चंद्रावती की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार व पीसीबी ने इसी साल फरवरी में नियमों को ताक पर रखकर शिवपुर टांडा में स्टोन क्रशर लगाने की अनुमति दी है। 2021 में राज्य सरकार ने बिना पीसीबी को साथ लिए इस जगह की जांच राजस्व विभाग के अधिकारियों से कराई और फरवरी 2023 में क्रशर लगाने की संस्तुति दे दी जबकि जहां पर स्टोन क्रशर लगाया जा रहा है, वह क्षेत्र नदी से 500 मीटर से कम दूरी पर है, इसलिए इसपर रोक लगाई जाए। नवम्बर 2022 में हाई कोर्ट ने देवेंद्र सिंह अधिकारी के केस में निर्णय दिया था कि बिना पीसीबी की जांच के जितने भी स्टोन क्रशर लगाए गए है, वह अवैध है, इसलिए पीसीबी सभी स्टोन क्रेशरों की जांच करे। इस मामले में पीसीबी से जांच नही कराई गई। एनजीटी ने भी कहा है कि स्टोन क्रशर नदी व नालों से 500 मीटर की दूरी पर हो। राज्य सरकार ने नदी से 500 मीटर व नालों से 50 मीटर का मानक रखा है, जो गलत है।

