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प्रतीक्षाओं के पल
08 Feb, 2021राकेश राज अच्छा सुनो ना…..यूँ तो प्रेम की सर्वोत्तम अनुभूतियों से लबरेज़ हैंतुम्हारे प्रतीक्षाओं के ये...
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मुझे माफ करना
03 Feb, 2021संजीव कभी तो आइना देखा करोकभी तो खुद से गुफ्तगू करोयूं ही लिबास तन से उतार...
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मनचाहा इतिहास
02 Feb, 2021मंजूषा बिष्ट हर शहर मेंकुछ जगह जरूर ऐसी छूट गयी होंगीजहाँ मनचाहा इतिहास लिखा जा सकता...
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निषिद्ध अनुनय
01 Feb, 2021मंजुला बिष्ट एकांत में रोने का सबसे अहमक तरीका यह हैचीखे इतनी जोर सेकि आत्मा न्यूनतम रीत...
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मेरी बेटी
29 Jan, 2021रत्नेश मेरी बेटीतुम जब से अपनी माँ के गर्भ में आयी थी,तब से मैंने सपने सजाए...
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प्रेम ग्रंथ सी तुम
28 Jan, 2021संजीव इक प्रेम ग्रंथ सी तुमअक्सर पढ़ता हूं तुमकोतन्हाई मैं…सपनों की रंगाई में…आइने सी तेरी परछाई...
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तुम चले आना
28 Jan, 2021हरदेव नेगी जब बंदिशों का हो ताना बाना,जब दिल का दिल से हो नजराना,तोड़कर सारी बंदिश...
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पश्मीना…प्रेम का💜
27 Jan, 2021राकेश राज तुम रोज चले आना यूँ हीमेरे प्रेम का पश्मीना …अपने काँधे लिए……!!! मैं वहीँ...
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पीठ पर बेताल
25 Jan, 2021मंजुला बिष्ट, उदयपुर (राजस्थान ) माँ कहती थीमृत्युप्रायः पिता को मुझे देखना भर थाबुबू राम नाम...