उत्तराखण्ड
हिल स्टेशन में कर्फ्यू लगाने पर विचार करें सरकार : हाई कोर्ट
कोविड नियमों के उल्लंघन पर हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार
साथ ही चारधाम यात्रा का मामला सुप्रीम कोर्ट में होने के चलते नही पारित किया कोई आदेश
संवाद सूत्र नैनीताल:एक बार फिर सरकार और लोगों की लापवाही ने हाई कोर्ट को सख्त निर्णय लेने को बाध्य किया है, हाई कोर्ट ने नैनीताल में बिना आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट के पर्यटकों को एंट्री देने और कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ा रहे पर्यटकों के बेरोकटोक आवागमन को गंभीरता से लिया है। कोर्ट ने सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए वीकेंड पर हिल स्टेशनों में कर्फ्यू लगाने पर विचार करने को कहा है। कोर्ट ने चारधाम यात्रा मामला सुप्रीम कोर्ट में होने का हवाला देते हुए किसी तरह का आदेश पारित करने से मना कर दिया। सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर की ओर से चारधाम के गर्भगृह से पूजा अर्चना की लाइव स्ट्रीमिंग को शास्त्र सम्मत नहीं होने का जिक्र किया तो कोर्ट ने कहा कि उस शास्त्र की जानकारी दो।बुधवार को अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली, सच्चिदानंद डबराल, अनु पंत की जनहित याचिकाओं पर चीफ जस्टिस आरएस चौहान व जस्टिस आलोक वर्मा की खंडपीठ में सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि नैनीताल ज्यूडिशियल राजधानी है, यह समझना चाहिए। माल रोड में भी कोविड नियमों का उल्लंघन हो रहा है। कोर्ट ने विस्तृत निर्देश देते हुए 28 जुलाई तक रिपोर्ट फाइल करने को कहा है। साथ ही मुख्य सचिव को वीकेंड टूरिज्म के बारे में लिए गए निर्णय के संबंध में कोर्ट को अवगत करवाने को कहा।निम्न हिदायतों के साथ सरकार को निम्न निर्देश दिए गए…
- सप्ताहांत में पर्यटकों के लिए दी गयी छूट पर पुनर्विचार करें और कोर्ट को बताएं।
- डेल्टा प्लस वैरिएंट की जांच के लिए जो सैंपल भेजे गए हैं, उनकी रिपोर्ट का विवरण दें।
3- जहां सैम्पल लिए गए हैं, उन जिलों के अधिकारियों ने सावधानी के लिए क्या निर्णय लिए हैं ? - राज्य के कितने सरकारी व निजी अस्पतालों में एमआरआइ जांच सुविधा है और कितनों में नहीं है इसकी रिपोर्ट दें।
- राज्य कितने पीडियाट्रिक (बाल रोग) वार्ड और बेड हैं?
- कितनी सीएचसी में डॉक्टर उपलब्ध हैं और कहाँ नहीं हैं इसकी लिस्ट दें।
7-प्रतिदिन कितना वैक्सिनेशन प्रदेश में हो रहा है, कितनों को फर्स्ट डोज लग गयी है। प्रतिदिन का हिसाब बताएं। - कितने बुजुर्ग व्यक्तियों और विकलांगों को अब तक वैक्सीन लग चुकी है । जिन्हें नही लगे हैं उनके लिए राज्य सरकार ने क्या कदम उठाए?
- क्या नियर टू होम वैक्सीनेशन क्लिनिक के बारे में सरकार ने कोई विचार किया है?
- उत्तराखंड में इंटर्न चिकित्सकों को 7500 रुपये मानदेय दिया जा रहा है। राज्य सरकार मानदेय बढ़ाने के बारे में विचार करे। एक ओर सरकार कहती है कि हमारे पास चिकित्सक नहीं है और दूसरी ओर इंटर्न चिकित्सकों का मानदेय इतना कम होना चिंताजनक है।