उत्तराखण्ड
राज्य में गोवंश के गोबर का प्रयोग बायो गैस व जैविक खाद के साथ-साथ पेंट बनाने में भी होगा।
संवादसूत्र देहरादून/हल्द्वानी : खेती से लेकर रसोई गैस में प्रयुक्त होने वाला गोबर अब आपके घरों को भी सुंदर और आकर्षक बनाएगा। यूसीडीएफ (उत्तराखंड दुग्ध सहकारी संघ) अब गोवंश के गोबर का प्रयोग कर बायो गैस व जैविक खाद बनाने के साथ-साथ पेंट बनाने में प्रयोग करेगा। राजस्थान और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर प्रदेश में बहली बार गोबर से पेंट बनाने का कार्य होगा। दूध उत्पादक गोबर भी बेच कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। अगर यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो यूसीडीएफ हरिद्वार में दूसरा प्लांट लगाएगा। पीपीपी मोड के संचालित होने जा रही इस योजना के लिए यूसीडीएफ ने टेंडर प्रक्रिया भी पूर्ण कर ली है। इस प्रक्रिया में पशुपालकों से एकत्र गोबर को प्रोसेस कर प्लांट में बायो गैस बनाएगी। इसके बाद इससे निकलने वाले अवशेष से पानी को अलग कर पेंट और जैविक खाद बनाई जाएगी। गोबर मिले पानी में केमिकल डालकर पेंट का बेस तैयार होगा। सितारगंज में बायो गैस प्लांट व पेंट प्लांट लगाने में करीब चार करोड़ का खर्च आएगा।