उत्तराखण्ड
हर्षिल घाटी में रिवर राफ्टिंग हुई शुरू।
संवादसूत्र देहरादून/ उत्तरकाशी : हर्षिल घाटी में रिवर राफ्टिंग शुरू हो गई है। अब हर्षिल घाटी में पर्यटक और तीर्थयात्री रिवर राफ्टिंग के साथ हर्षिल घाटी के नैसर्गिक सौंदर्य का आनंद ले रहे हैं। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की आरे से अलकनंदा एक्सपिडीशन रुद्रप्रयाग की राफ्टिंग कंपनी को अनुमति दी गई है। राफ्टिंग कंपनी ने हर्षिल में राफ्टिंग का संचालन शुरू कर दिया है। यह अनुमति 30 जून तक दी गई है।
हर्षिल घाटी में वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत भागीरथी (गंगा) में जांगला पुल से लेकर झाला पुल के बीच रिवर राफ्टिंग के तीन डेस्टिनेशन चुने गए हैं। इसके अलावा उत्तरकाशी में तिलोथ पुल से लेकर जोशियाड़ा पुल तक और देहरादून जनपद में यमुना नदी में हथ्यारी गांव से कालसी पुल तक के क्षेत्र रिवर राफ्टिंग के लिए चिन्हित किए गए हैं। हर्षिल घाटी में राफ्टिंग शुरू हो चुकी है। राफ्ट कंपनी की ओर से बुधवार को हर्षिल घाटी के स्थानीय निवासियों को निशुल्क राफ्टिंग कराई गई। इसके साथ ही कई पर्यटकों और तीर्थयात्रियों ने भी धराली, हर्षिल व झाला के बीच राफ्टिंग की। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की ओर से अभी एक राफ्टिंग कंपनी को अनुमति दी गई। अन्य राफ्टिंग कंपनी व व्यक्तियों से पंजीकरण के लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं। जिससे हर्षिल घाटी में बेहतर ढंग से संचालन हो सके। इसके लिए कम से कम दो राफ्ट होनी जरूरी है। प्रत्येक राफ्ट के लिए में एक गाइड, एक प्रशिक्षु गाइड, रेस्क्यू क्याक, राफ्टिंग के समस्त उपकरण, हाईपोथर्मिया से बचाव के लिए उचित उपकरणों की अनिर्वायता रखी गई है। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कर्नल अश्विनी पुंडीर ने कहा कि जांगला पुल से लेकर झाला पुल के बीच रिवर राफ्टिंग की आदर्श स्थिति हैं। इसके साथ ही हर्षिल घाटी काइलाका प्रकृति सौंदर्य से भरपूर है। हर्षिल घाटी में इन दिनों चारधाम यात्रा के तीर्थयात्री भी पहुंच रहे हैं। पर्यटकों के साथ तीर्थयात्री भी रिवर राफ्टिंग का आनंद ले सकते हैं