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“बड़ा त्योहार राखी का”

कविता

“बड़ा त्योहार राखी का”

गीत

निशा”अतुल्य”

बड़ा ही प्यार है लाया,बड़ा त्योहार राखी का।
मिला सम्मान भाई से,बड़ा उपहार राखी का।।

सभी कुछ वारती बहना, बलाएं भी उतारे हैं।
करे सौ सौ जतन देखो,सभी को वो सँवारे हैं।

बनाती है नए रिश्ते,बड़ा आभार राखी का।
बड़ा ही प्यार है लाया, बड़ा त्योहार राखी का।।

तिलक रोली लगाती है,खिलाती वो मिठाई हैं ।
लगा कर माथ से राखी,सजाती फिर कलाई है।।

नज़र कोई न लग जाए,करे मनुहार राखी का ।
बड़ा ही प्यार है लाया, बड़ा त्योहार राखी का।।

हमेशा प्यार ही रहता, बहन की हर दुआओं में।
नज़र भर देखने से ही,लगे बैठी पनाहों में ।।

लगे दुनियां बहुत छोटी,बड़ा आकार राखी का।
बड़ा ही प्यार है लाया, बड़ा त्योहार राखी का।।

नहीं कुछ चाहिए भैया,फकत बस प्यार हो अपना।
रहे खिलता सदा से ही,हमारे साथ का सपना।।

बड़ा बंधन निभाना है, बहन बन प्यार राखी का ।
बड़ा ही प्यार है लाया,बड़ा त्योहार राखी का।।

निशा”अतुल्य”

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