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राज्यपाल के सम्बोधन से हुआ बजट सत्र का आगाज।
गैरसैण: उत्तराखण्ड राज्य के मा0 विधान सभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष एवं विधान सभा के मा० सदस्यगण
मैं आप सभी महानुभावो का वर्ष, 2021 में विधान सभा के प्रथम सत्र में हार्दिक स्वागत करती हूँ। देव भूमि उत्तराखण्ड राज्य को एक आदर्श राज्य के रूप में विकसित करने में दिये जा रहे सहयोग और आप के माध्यम से में प्रदेश की उत्तरोत्तर वृद्धि की भी कामना करती है।
मुझे आशा है कि हम आगामी वर्ष में विकास की नई ऊँचाइयों को प्राप्त करेगें ताकि प्रत्येक क्षेत्र में हम नया आयाम स्थापित कर सकें।
मेरी सरकार द्वारा राष्ट्रीय ई-गवर्नेस योजनान्तर्गत एकीकृत वित्तीय प्रबन्धन प्रणाली ifms सॉफ्टवेयर राज्य में लागू कर कोषागार स्तर पर ई-साईन के आधार पर मासिक लेखा एवं पेंशन प्रपत्रों को तैयार किया जा रहा है, शासकीय कार्य पूर्णतः पेपरलेस किये जाने की कार्यवाही गतिमान है।
पेंशनरों को जीवन प्रमाण-पत्र डिजिटल माध्यम से प्रदान करने हेतु एकीकृत वित्तीय प्रबन्धन प्रणाली (IFMS SOFTWARE) को विकसित कर जीवन प्रमाण प्रणाली के साथ एकीकृत कर दिया गया है।
जी.एस.टी. मित्र एवं व्यापारी बीमा योजना लागू की गयी है।
राज्य का सकल घरेलू उत्पाद दो लाख तिरपन हजार छः सौ छाछठ करोड़ है, स्थायी भाव पर आर्थिक विकास दर 4.2 प्रतिशत है और प्रचलित मूल्यों पर राज्य निवल घरेलू उत्पाद के आधार पर राज्य के लिए अनुमानित प्रति व्यक्ति आय दो लाख दो हजार आठ सौ पंचानबे है।
NBO के अन्तर्गत BRICKS सॉफ्टवेयर में श्रम मजदूरी भवन निर्माण सामग्री की कीमत जनपदों द्वारा फीड किये जा रहे है। ठब्ब्प् के अन्तर्गत 83 शहरों के आंकड़े एकत्र कर फीड किये गये है। भ्ैन्प् के अन्तर्गत आंकड़े एकत्रित कर फीडिंग का कार्य प्रगति पर है।
सतत् एवं सर्वांगीण विकास के लिये राज्य में नियोजन प्रणाली को सुदृढ़ करने हेतु विशेषज्ञों की सेवाओं का उपयोग किया गया है। वित्तीय संसाधनों को जुटाने एवं उनका बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बाह्य सहायतित परियोजना प्रकोष्ठ का गठन किया गया है।
निर्माण से सम्बन्धित परियोजनाओं के कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिये म्थ्ब् व ज्।ब् प्रकोष्ठ स्थापित किया गया है। सूचना विज्ञानिकों की अद्यतन विधाओं का लाभ विकास एवं नियोजन प्रक्रिया के अन्तर्गत हिमालयी प्रकोष्ठ का गठन किया गया है।
पर्वतीय राज्य की विशिष्ट समस्याओं के समाधान हेतु ठोस नियोजन प्रक्रिया प्रारम्भ की गयी है।
अवस्थापना सुविधाओं के सृजन हेतु अधिकाधिक निजी निवेश आमंत्रित करने तथा निजी क्षेत्र की कुशलता एवं दक्षता का उपयोग सार्वजनिक क्षेत्रों में सुनिश्चित करने हेतु पी०पी०पी० नीति-2019 प्रख्यापित की गयी है।
बाह्य सहायतित परियोजनाओं के बेहतर अनुश्रवण व ई.ए.पी. पोर्टल तैयार किया गया है।
पौड़ी गढ़वाल, ऊधमसिंहनगर एवं हरिद्वार के 4500 ग्रामों में ड्रोन सर्वे के माध्यम से आबादी क्षेत्रों में स्वामित्व योजना के अन्तर्गत भूमि के स्वामित्व अधिकार पत्र तैयार करवाने की कार्यवाही गतिमान है।
राज्य में लागू स्वामित्व योजना के अन्तर्गत पौड़ी के 10 गांवों ऊधमसिंहनगर के 40 गांवों के कृषकों को प्रथम चरण में कुल 6804 स्वामित्व कार्ड डिजिटल के माध्यम से प्रधानमंत्री जी द्वारा वितरित किये गये हैं।
कृषि बागवानी, जड़ी-बूटी उत्पादन, बेमौसमी सब्जियों, औषधीय पादपों एवं सुगन्धित पुष्पों, मसालों का उत्पादन, वृक्षारोपण, पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन, मुर्गी पालन तथा पशुधन प्रजनन, मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन, कृषि एवं फल प्रसंस्करण, चाय बागान एवं प्रसंस्करण तथा वैकल्पिक ऊर्जा परियोजनाओं के लिए किसी संस्था, समिति न्यास फर्म, कम्पनी एवं स्वयं सहायता समूह को पट्टे पर शर्ते निर्धारित करते हुए पट्टा किराया सहित अधिकतम 30 वर्षों का पट्टा दिये जाने का प्राविधान किया गया है।
दिव्यांगजनों को आवास एवं कृषि कार्यों के लिए भूमि आवंटन में दिव्यांग महिलाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
जौनसार क्षेत्र में सरकार द्वारा आवंटित पट्टे के आधार पर निवासरत परिवारों को उन्हें उस भूमि का मालिकाना हक न दिये जाने के कारण सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त नहीं हो पा रहा था, सरकार द्वारा भूमि का मालिकाना हक ऐसे परिवारों को दिया गया है।
राज्याधीन सेवाओं, शिक्षण संस्थाओं में दिव्यांगों के लिये 3 प्रतिशत आरक्षण को बढ़ाकर 4 प्रतिशत किया गया है।
जन सामान्य को सुविधा प्रदान किये जाने के दृष्टिगत शासकीय कार्यो में स्व-प्रमाणित अभिलेखों को स्वीकार किये जाने की व्यवस्था की गयी है।
लोक सेवा आयोग द्वारा निष्पक्षता, पारदर्शिता और दक्षता के मानकों के अनुरूप गत वर्ष एकाधिक चयन प्रक्रिया पूर्ण कर ली गयी हैं। विभिन्न विभागों में रिक्त पदों के सापेक्ष 905 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। 1002 रिक्त पदों के सापेक्ष विज्ञापन प्रकाशित किये गये हैं।
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से समूह ग के 4346 रिक्त पदों पर चयन की कार्यवाही प्रारम्भ की गई है।
राज्य में सुराज एवं सुशासन की स्थापना हेतु सरकारी तंत्र में पारदर्शिता के साथ-साथ सरकारी कार्य शैली में गुणवत्ता को बढ़ाते हुए एक सहभागी एवं जवाबदेही व्यवस्था का निर्माण एवं आम जनता की शिकायतों, समस्याओं एवं परिवादों का निस्तारण हेतु मुख्यमंत्री हेल्पलाइन योजना (1905) प्रारम्भ की गई हैं।
ऽ विभिन्न विभागों को ड्रोन की बेसिक जानकारी, ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण तथा इसके तकनीकी ज्ञान आई.टी.डी.ए. में स्थापित पीएमसी द्वारा किया गया है राज्य के लगभग
507 पॉलिटेक्निक छात्र-छात्राओं तथा विभागीय कर्मियों को ड्रोन सम्बन्धी क्रियाकलापों का प्रशिक्षण दिया गया है।
क्षेत्रीय विस्तार नेटवर्क के अन्तर्गत (UKSWAN) स्वतंत्र सरकारी नेटवर्क स्थापित कर ळ2ब् एवं ळ2ळ सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है। स्वान के अन्तर्गत 1585 कार्यालयों को होरिजेन्टल कनेक्टिविटी प्रदान की जा चुकी है। न्ज्ञैॅ।छ अपग्रेडेशन के अन्तर्गत राज्य मुख्यालय सहित पाँच जिला मुख्यालय तथा उनके तहसील, ब्लॉक मुख्यालय में उपकरणों के उच्चीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
स्टेट डाटा सेन्टर में 47 एप्लिकेशन होस्ट कर लाइव की जा चुकी है एवं 111 एप्लिकेशन का कार्य गतिमान है स्टेट डाटा सेन्टर हेतु डिजास्टर रिकवरी स्थापित किये जाने की प्रक्रिया गतिमान है।
डिजिटल माध्यम से नागरिक सेवाएं प्रदान करने हेतु ग्यारह हजार एक सौ पचहत्तर देवभूमि जन सेवा केन्द्र पंजीकृत किये गये हैं, छः हजार आठ सौ अट्ठानबे केन्द्र कार्यशील है तथा तीन हजार एक सौ बयासी केन्द्र ई-डिस्ट्रिक्ट की सेवायें प्रदान करने हेतु कार्यशील है। प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान में तीन लाख सत्तासी हजार एक सौ निन्यानवे व्यक्तियों का पंजीकरण कर तीन लाख आठ हजार तीन सौ अस्सी को प्रशिक्षण दिया गया है।
भारत सरकार द्वारा पोषित ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना से जन केन्द्रीय सेवाओं को कम्प्यूटरीकृत किया गया है विभिन्न विभागों की 32 सेवायें ई-डिस्ट्रिक्ट केन्द्रों एवं देव भूमि जन सेवा केन्द्रों के माध्यम से सभी जिलों में प्रदान की जा रही है।
सेवा का अधिकार के अधीन अधिसूचित 2 विभागों की 242 सेवाओं से जनमानस को लाभान्वित किए जाने हेतु ई डिस्ट्रिक्ट-2 परियोजना आरम्भ की गयी है।
डिजिटल लॉकर के माध्यम से दस्तावेज संरक्षित कर उनके ऑनलाइन उपयोग की प्रक्रिया गतिमान है। तीन लाख एक हजार डिजिटल लॉकर का पंजीकरण किया जा चुका है। सत्रह लाख एक्यासी हजार प्रमाण पत्र डिजिटल लॉकर के माध्यम से प्रदान किये जा चुके हैं।
बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन एवं एम्स ऋषिकेश को देश के डिजिटल लॉकर के रूप में एकीकृत (पदजमहतंजमक) किया गया है।।
मेरी सरकार भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से झाझरा में 134 करोड़ की लागत से सांइस सिटी की स्थापना कर रही है।
फोटोयुक्त निर्वाचक नामावलियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण तथा शत् प्रतिशत मतदाताओं के फोटो पहचान-पत्र बनवाये जाने का कार्य कर रही है।
संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के शत-प्रतिशत वित्तीय सहयोग से छः करोड़ की लागत से अल्मोड़ा में उप क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्र की स्थापना का कार्य प्रगति पर है।
विज्ञान घाम परियोजना के अन्तर्गत आंचलिक विज्ञान केन्द्र, देहरादून का सफल संचालन किया जा रहा है आतिथि तक लगभग एक लाख पचीस हजार आगन्तुको, छात्र-छात्राओं द्वारा केन्द्र का भ्रमण किया गया है।
माध्यमिक विद्यालयों को पर्यावरणीय शिक्षा से जोड़ने तथा गांव के आस-पास के पर्यावरणीय समस्याओं को समझने तथा उनके प्रति जन-जागरुकता हेतु 65 स्मार्ट इको क्लब की स्थापना की गई है।
SCIENCE OF REVIVAL OF RIVERS नदियों के पुनरुद्धार विज्ञान कार्यक्रम के अन्तर्गत यूसर्क द्वारा नदियों एवं नौलो के पुनर्जीवीकरण हेतु जल गुणवत्ता का अध्ययन एवं अन्य वैज्ञानिक अध्ययनों हेतु प्रयोगशाला की स्थापना की गयी है।
2500 लाभार्थियों की व्याख्यान, कार्यशाला, प्रशिक्षण एवं जागरूकता, वैज्ञानिक जानकारियां, प्राकृतिक आपदाओं के बचाव की जानकारी, जन जागरण एवं जागरुकता हेतु विभिन्न आउटरीच कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है।
मेरी सरकार अपराध एवं कानून व्यवस्था के दृष्टिगत कुँमाऊ परिक्षेत्र में साइबर थाने की स्थापना उत्तरकाशी में रिपोर्टिंग पुलिस चैकी आराकोट की स्वीकृति तथा फायर यूनिट डोईवाला को उच्चीकृत किया गया है।
राज्य आपदा प्रतिवादन बल द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में धार्मिक यात्रियों, साहसिक पर्यटकों एवं ट्रैकर्स की यात्रा को सुरक्षित, सुगम व सुविधाजनक बनाने तथा आपदा, सड़क दुर्घटना आदि में सहायता प्रदान करने हेतु मेरी यात्रा एप्प की लॉचिंग की गयी है।
जिला कारागार देहरादून, हरिद्वार एवं उप कारागार रूड़की में क्लोज सर्किट टेलीविजन (CCTV) लगाये जाने की प्रक्रिया गतिमान है।
मेरी सरकार ने राज्य आपदा प्राधिकरण (यू.एस.डी.एम.ए.) व जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण को पूर्णरूप से अस्तित्व में लाने सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान के लिए आपातकालीन परिचालन केन्द्रों को सक्रिय कर प्रबन्ध केन्द्रों को मजबूत किया है।
सम्प्रेषण व सूचनाओं के निर्बाध आदान-प्रदान हेतु समस्त जिला व तहसीलों में 180 सैटेलाइट फोनों एवं तहसील व थाना स्तर पर ड्रोन, खोज बचाव, प्रकाश व्यवस्था व अन्य उपकरण पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराये हैं।
मौसम संबंधी आंकड़ों के एकत्रीकरण हेतु राज्य के विभिन्न स्थानों पर ऑटोमेटिक वैदर स्टेशन, 25 सरफेस फील्ड आब्जरवेटरी, 28 रेन गेज व 16 स्नोगेज उपकरणों तथा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की के सहयोग से कुमाऊ एवं गढ़वाल मण्डल में 184 भूकम्प पूर्व चेतावनी तंत्रों (सेंसर) की स्थापना की गयी है।
मौसम संबंधी पूर्वानुमानों की प्रभाविकता व सटीकता हेतु भारतीय मौसम विज्ञान के सहयोग से मुक्तेश्वर में डॉप्लर रडार की स्थापना का कार्य अन्तिम चरण में है।
राज्य में जल संसाधनों के नियोजन, विकास एवं प्रबन्धन हेतु उत्तराखण्ड राज्य जल नीति, 2019 प्रख्यापित की गयी है।
बहुप्रतीक्षित जमरानी बाँध बहुउद्देशीय परियोजना गोला नदी पर हल्द्वानी शहर से 10 कि.मी. अपस्ट्रीम में 136.50 मी. ऊँचा कंक्रीट ग्रेविटी बांध निर्मित किया जाना प्रस्तावित है।
देहरादून एवं उपनगरीय क्षेत्र में सुनिश्चित पेयजल आपूर्ति के लिए सौंग नदी पर एक हजार छः सौ अस्सी करोड़ (1680 करोड़) की लागत से सौंग पेयजल बाध योजना बनायी जानी प्रस्तावित है।
परियोजना के निर्माण से 50 वर्षों तक 150 एम०एल०डी० पेयजल की आपूर्ति ग्रेविटी द्वारा सुनिश्चित की जा सकेगी।
परियोजना के निर्माण से 3 किमी लम्बी झील बनने से मत्स्य पालन एवं पयर्टन क्षेत्र में भी अपार वृद्धि होगी।
संसाधनों के बेहतर उपयोग हेतु ऊधमसिंहनगर में स्थित हरिपुरा एवं तुमरिया जलाशय की खाली भूमि पर 40 एम.बी. क्षमता के सोलर पावर प्रोजेक्ट के स्थापना की योजना तैयार की गई है।
पिथौरागढ़ शहर को पेयजल हेतु स्वच्छ जल उपलब्ध कराये जाने हेतु उन्तीस करोड़ तिहत्तर लाख की लागत से थरकोट बैराज का निर्माण किया जा रहा है।
ऽ लोहाघाट शहर को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराये जाने हेतु सत्ताइस करोड़ चैदह लाख की लागत से कोलीढेक झील निर्माणाधीन है।
रानीखेत शहर में पेयजल हेतु गगास नदी पर एकत्तीस करोड़ आठ लाख की लागत से
जलाशय का निर्माण किया जा रहा है।
नदियों एवं झीलों के पुनर्जीवीकरण एवं वर्षा जल संग्रहण एवं भू-जल संवर्द्धन हेतु द्रुत गति से प्रयास किया जा रहा है। नैनीताल झील के पुनर्जीवीकरण हेतु सात करोड़ तिरानबे लाख की 4 संख्या योजनायें निर्माणाधीन है।
रिस्पना एवं बिंदाल नदियों को पुनर्जीवित करने हेतु NATIONAL INSTITUTE OF HYDROLOGY, ROORKEE की रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। नदियों के पुनर्जीवीकरण हेतु शीघ्र प्रभावी कार्य योजना तैयार की जा रही है।
प्रायोगिक योजना (PILOT PROJECT) के रूप में विकासनगर में स्पजि ैबीमउम में स्प्रिंकलर प्रणाली विकसित करते हुए सिचाई सुविधा हेतु सोलह करोड़ बारह लाख की योजना निर्माणाधीन है, योजना के निर्माण से 423 हैक्टेयर कृषि भूमि में सिंचाई सुविधा प्रदान होगी।
राज्य के अन्य पर्वतीय जनपदों में भी असिंचित कृषि भूमि की सिंचाई हेतु स्पजि ैबीमउम में स्प्रिंकलर प्रणाली विकसित करने के लिये सर्वेक्षण कराया जा रहा है।
नाबार्ड वित्त पोषित योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष में 12 चैक डेम, 8 सिंचाई हौज, 13.15 किलोमीटर सिंचाई गूल का निर्माण कर 8334 हैक्टेयर सिंचन क्षमता का सृजन किया गया है।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना हर खेत को पानी मद में वित्तीय वर्ष हेतु तीन अरब उन्चास करोड़ उन्तालिस लाख तीस हजार मात्र की 422 कलस्टर/योजनाओं के प्रस्ताव वित्तीय स्वीकृति हेतु भारत सरकार को प्रेषित किये गये हैं।
मेरी सरकार द्वारा आबकारी की मौलिक नीति मादक पदार्थों के अनौषधीय उपयोग के निषेध UPGRADE उन्नयन, प्रवर्तन करते हुए माइक पदार्थों की वैधानिक बिक्री के अधिकतम राजस्व प्राप्त कर वित्तीय वर्ष हेतु कुल 3461.37 करोड़ का राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
मदिरा की तस्करी एवं अवैध मद्यनिष्कर्षण के व्यवसाय पर प्रभावी रोक लगाने के लिए गया है। विभागीय मंडलीय संयुक्त आबकारी आयुक्त, उपायुक्त परिक्षेत्र, जिला आबकारी अधिकारी, सहायक आयुक्त, प्रवर्तन एवं आबकारी निरीक्षकों को वाहन, कम्प्यूटर एवं ट्रैकिंग हैंड डिवाइस उपलब्ध कराये जाने की प्रक्रिया गतिमान है।
बाहरी प्रदेशों से अवैध रूप से मदिरा की तस्करी के व्यवसाय पर प्रभावी रोक लगाने हेतु ट्रैक एण्ड ट्रैस प्रणाली लागू की गयी है।
आयुष चिकित्सा पद्धति विश्व भर में अपनी स्वीकारिता एवं प्रभावकारिता दोनों दृष्टि से एक अग्रणी चिकित्सा विज्ञान पद्धति के रूप में उभरी है। भारत में इन चिकित्साओं की सुलभता, क्षमता, औषधियों की सरलता एवं प्रचुर मात्रा में उपलब्धता होने के दृष्टिगत आयुष चिकित्सा पद्धति का विकास किया जा रहा है।
राज्य में जड़ी-बूटियों का भण्डार होने तथा आयुर्वेद का अधिक महत्व होने के दृष्टिगत उत्तराखण्ड को हर्बल राज्य घोषित किया गया है। राज्य में 826 आयुर्वेदिक चिकित्सालयों आयुष विंगों के द्वारा चिकित्सा सुविधाये प्रदान की गयी है।
भारत सरकार द्वारा हैल्थ एवं वैलनेस सेंटर हेतु तीन करोड अट्ठाइस लाख चैबीस हजार की धनराशि अवमुक्त की गयी है राज्य के 60 आयुर्वेदिक चिकित्सालयों में योग एवं वैलनेस चिकित्सा प्रारम्भ की जा रही है।
मेरी सरकार सभी जनसामान्य को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु प्रतिबद्ध है।
प्रदेश में स्थापित समस्त राजकीय चिकित्सा इकाइयों का पुनर्गठन प्च्भ्ै मानकानुसार किया जा रहा है। चिकित्सा अधिकारियों के पदों तथा पैरा मेडिकल व अन्य संवर्ग के पदों के चिन्हीकरण की प्रक्रिया गतिमान है।
राजकीय मानसिक चिकित्सालय, देहरादून को 100 शैय्यायुक्त चिकित्सालय के रूप में उच्चीकृत करते हुए दस करोड़ की धनराशि अवमुक्त की गयी है।
हर्रावाला, देहरादून में 300 शैय्यायुक्त कैंसर एवं मैटरनिटी हॉस्पिटल की स्थापना हेतु उप जिला चिकित्सालय के निर्माण का कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है। पं0 दीनदयाल उपाध्याय राजकीय कोरोनेशन चिकित्सालय का विस्तारीकरण कर 100 अतिरिक्त शैय्यायुक्त चिकित्सालय भवन के निर्माण का कार्य गतिमान है
उपचारिका के एक हजार बीस पदों (1020 पदों) का सृजन करते हुए प्रदेश में स्थापित विभिन्न चिकित्सा इकाइयों में तैनाती की कार्यवाही गतिमान हैं।
कार्डियक केयर यूनिट पं दीन दयाल उपाध्याय कोरोनेशन चिकित्सालय देहरादून, बेस चिकित्सालय हल्द्वानी, एल0डी0 भट्ट चिकित्सालय. काशीपुर में ऋण सहभागिता के माध्यम से कार्डियक केयर यूनिटों का संचालन कर बी०पी०एल० मरीजों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
राज्य के प्रत्येक परिवार को प्रतिवर्ष पाँच लाख तक निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने हेतु अटल आयुष्मान योजना का संचालन किया गया है राजकीय कार्मिकों एवं पेंशनर्स का एस०जी०एच०एस० के अन्तर्गत असीमित उपचार किया जा रहा है।
योजना में 175 चिकित्सालयों को अनुबन्धित किया गया है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रमों के संचालन हेतु चार सौ सतहत्तर करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है।
COVID-19 महामारी के दौरान एक समर्पित हेल्पलाइन प्रारम्भ की है, जिससे एक लाख से अधिक मामलों का सफलतापूवर्क निस्तारण किया गया है।
राज्य में वैक्सीन टीकाकरण प्रणाली सेवा को संचालित करते हुए वैक्सीन स्टोर कीपर, कोल्ड चेन हैंडलर्स को मोबाइल ऐप एवं वेब आधारित इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इन्टैलीजेन्स नेटवर्क evin application द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किये जाने की प्रक्रिया चालू है।
राज्य व्याधि निधि से बी०पी०एल० श्रेणी के परिवार के रोगियों को गम्भीर चिन्हित रोगों के उपचार हेतु एक लाख पचास हजार तक की आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। व्याधि निधि से 1043 लाभार्थी लाभान्वित किये गये हैं।
विश्व बैंक के स्तर से ब्व्टप्क्-19 के अन्तर्गत नवीन हस्तक्षेत्र के रुप में टेलिमेडिसन, प्राइवेट लैब द्वारा ब्व्टप्क्-19 जांच की प्रतिपूर्ति, ठैस्.3 प्रयोगशालाओं का विकास तथा विभिन्न चिकित्सालयों एवं मेडिकल कॉलेजों में 180 शैययाऐं प्ब्न् विकसित किए जाने की कार्यवाही प्रगति पर है।
टेलीमेडिसिन ई-संजीवनी का एक पैनल तैयार किया गया है पोर्टल कोर्ड पर नियन्त्रण हेतु पर्याप्त धनराशि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं आपदा निधि से उपलब्ध करायी गयी है।
संक्रमण पर नियंत्रण के लिये 5 कोविड चिकित्सालय, 12 कोविड हैल्थ सेन्टर तथा 420 ब्व्टप्क् केयर सेन्टर एवं आईसोलेशन ऑक्सीजनयुक्त बनाये गये हैं।
महामारी पर नियंत्रण के लिये 528 आई.सी.यू. एवं 570 वैन्टीलेटर्स क्रियाशील एवं 214 एम्बुलेंस तैनात की गयी हैं तथा 162 अतिरिक्त एम्बुलेंस क्रय की प्रक्रिया गतिमान है।
उपचार के दौरान ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति के लिये नौ हजार नौ सौ सत्रह ऑक्सीजन सिलेण्डर, 1275 ऑक्सीजन संकेन्द्रक, 2 ऑक्सीजन प्लान्ट तथा 16 चिकित्सालयों में केन्द्रीकृत ऑक्सीजन पाइपलाईन का कार्य प्रक्रियाधीन है । इसके अतिरिक्त निजी क्षेत्र के चिकित्सालयों में 6 कोविड हैल्थ सेन्टर, 15 कोविड केयर सेन्टर, 287 आई.सी.यू. बेड एवं 874 आईसोलेशन बेड सुरक्षित रखे गये हैं।
संक्रमण के उपचार हेतु 378 चिकित्सक, 113 नर्स, 32 फार्मासिस्ट, 27 टेक्नीशियन तथा 97 चतुर्थ श्रेणी सहायक नियुक्त किये गए हैं।
केन्द्र पोषित योजनान्तर्गत राज्य के हरिद्वार, रुद्रपुर एवं पिथौरागढ़ में तीन नये राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एम.बी.बी.एस. की 100 सीटों के संचालन हेतु स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।
विश्वबैंक के वित्त पोषित राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी, रुद्रपुर, पिथौरागढ़ देहरादून एवं श्रीनगर में अत्याधुनिक सीटी स्कैन मशीन की स्थापना की जा रही है।
राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में सात विशेषज्ञताओं में POST MBBS डिप्लोमा कार्यक्रम किये जाने की प्रक्रिया गतिमान है।
मेरी सरकार द्वारा समस्त राशनकार्डो (NFSA/SFY) को शतप्रतिशत ऑनलाइन डिजिटाइजेशन करते हुये 94 प्रतिशत राशनकार्डों को आधार नम्बर से लिंक कर एण्ड-टू-एण्ड कम्प्यूटराइजेशन सप्लाई चेन (एफ.सी.आई ध्बेस गोदाम से आन्तरिक गोदाम तक) रियल टाइम क्रियान्वयन प्रारम्भ कर दिया गया है।
एफ.पी.एस. ऑटोमेशन राज्य के समस्त 9304 राशन की दुकानों को सी.एस.सी. सिस्टम इन्टिग्रेटर के रूप में ऑटोमेट किया जा रहा है।
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना राज्य में लागू कर दी गयी है।
लॉकडाउन की अवधि में राज्य खाद्य योजना के परिवारों को 12.50 कि.ग्रा. प्रति राशन कार्ड अतिरिक्त खाद्यन्न का वितरण किया गया है।
मुख्यमंत्री दाल पोषित योजना के अन्तर्गत 23 लाख राशन कार्डधारकों को सब्सिडाइज्ड दरों पर 2 कि0ग्रा0 दाल प्रति माह प्रति कार्ड उपलब्ध करायी जा रही है।
शिकायतों के निस्तारण हेतु कन्ज्यूमर हेल्पलाइन न0 1800-180-4188 टोल फ्री नम्बर संचालित किया गया है।
जिला देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर एवं नैनीताल की समस्त राशन की दुकानों को ऑटोमेट करते हुए आधार प्रमाणीकरण द्वारा काइन्ड डी०बी0टी० किये जाने का कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।
ऽ प्रधानमंत्री उज्जवला योजना से वंचित निर्धन परिवारों के लिए राज्य उज्जवला योजना के अन्तर्गत निःशुल्क गैस कनेक्शन वितरित की कार्यवाही प्रारम्भ कर दी गयी है।
समर्थन मूल्य योजना के अन्तर्गत कृषकों से गेहूँ एवं धान की ऑनलाइन खरीद का सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से पाँच लाख अट्ठाइस हजार परिवारों को रोजगार दिया गया है।
एक करोड़ सड़सठ लाख सैतीस हजार सृजित मानव दिवस के सापेक्ष एक लाख छ हजार प्रवासियों को रोजगार दिया गया है।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में वित्तीय वर्ष में छियालिस करोड़ अठारह लाख की धनराशि स्वीकृत कर 1590 समूह, 590 ग्राम संगठन तथा 39 कलस्टर स्तरीय संगठन गठित किये गये हैं 4321 समूहों को रिवोल्विंग फण्ड एवं 1166 समूहों को सामुदायिक निवेश निधि उपलब्ध करायी गयी है।
आजीविका गतिविधियों के संचालन हेतु 2721 समूहों का बैंक लिंकेज कर सत्ताइस करोड़ एक्कीस लाख का ऋण उपलब्ध कराया गया है।
समूहों द्वारा उत्पादित उत्पाद के बाजारीकरण हेतु 13 जिलों में 33 नैनों पैकेजिंग यूनिट, 13 सरस सेन्टरों को जिला स्तर पर आउटलेट के रूप में तैयार किया जा रहा है।
कोविडकाल में उत्तराखण्ड लौटने वाले प्रवासियों हेतु भोजन व्यवस्था के साथ-साथ विभिन्न समूहों के माध्यम से एक लाख चैहत्तर हजार नौ सौ खाद्य पैकेट वितरित किये गये तथा पन्द्रह लाख अट्ठासी हजार मास्क की आपूर्ति की गई।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी अर्बन मिशन योजनान्तर्गत राज्य में 6 कलस्टरों का कार्य प्रगति पर है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) SECC 2011 में पात्र पाये गये बारह हजार तीन सौ सत्तर परिवारों के आवास पूर्ण कराये गये है निर्माणाधीन आवासों का कार्य प्रगति पर है। योजनान्तर्गत 539 भूमिहीन परिवारों को भूमि पट्टा आवंटित करते हुए लाभान्वित किया गया है।
वित्तीय वर्ष में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत 1872 बसावटों के सापेक्ष 1547 बसावटों को संयोजित किया गया है।
मार्गों का अनुरक्षण महिला मंगल दलों के माध्यम से भी कराये जाने की पहल की गई है।
एकीकृत आजीविका सुधार परियोजना (आईफैड) 3568 LDPE घनत्व पोलीथाईलीन टैंकों के निर्माण के फलस्वरूप परियोजना क्षेत्र में 467 हैक्टर सिंचाई क्षेत्र में बढ़ोतरी की गयी है।
परियोजना के अन्तर्गत 9 जिलों में 122 किसान बाजार एवं 20 साप्ताहिक हाट बाजार स्थापित किये गये हैं। राज्य स्तर पर भी उत्तराहाट नामक किसान बाजार को स्थापित किया गया है। ग्रामीण उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराया गया है।
मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के अन्तर्गत पलायन प्रभावित 474 गांवों में आवासित परिवारों, बेरोजगार युवाओं, रिवर्स माइग्रेन्ट्स आदि को स्वरोजगार वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी गयी है।
रूरल विजनेस इन्क्यूबेटर्स राज्य में गठित विभिन्न सामुदायिक संगठनोंध् बेरोजगार युवाओं तथा स्थापित किये जा रहे सूक्ष्म उद्यमों को तकनीकी तथा ज्ञान आधारित सहयोग, वित्तीय लिंकेज, वित्तीय समावेशन में सहायता करने हेतु आइफेड के वित्तीय सहयोग से दो रूरल विजनेस इन्क्यूबेटर्स कोटद्वार तथा अल्मोड़ा के हवालबाग में स्थापना की जा रही है।
मेरी सरकार द्वारा महिलाओं एवं बालक बालिकाओं के विकास हेतु एक सौ पाँच बाल विकास परियोजनाएं संचालित की गई है।
मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों में आने वाले एक लाख सत्तर हजार बच्चों को सप्ताह में चार दिन फोर्टीफाइड दूध दिया जा रहा है।
राज्य में कुपोषण से मुक्ति हेतु ष्बाल पालाशष् योजना के अन्तर्गत अतिरिक्त पोषाहार के रूप में सप्ताह में दो दिन केला एवं दो अण्डे उपलब्ध कराये जा रहे है।
प्रोबेशन सेक्टर की योजनाओं के अन्तर्गत देख रेख एवं आवश्यकता की श्रेणी तथा विधि विरूद्ध श्रेणी के बालक-बालिकाओं तथा निराश्रितध् पीड़ित महिलाओं को निःशुल्क आवास,
भोजन, वस्त्र, चिकित्सा आदि सुविधाए प्रदान करते हुए उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़े जाने एवं उनके पुनर्वास के उद्देश्य से राजकीय सम्प्रेक्षण गृह, विशेष गृह, सुरक्षा का स्थान, महिला कल्याण एवं पुनर्वास केन्द्र, महिला कर्मशाला एवं प्रशिक्षण केन्द्र आदि संस्थान संचालित किये गये हैं।
अल्मोड़ा में उत्तर रक्षा गृह तथा ऊधमसिंह नगर में राजकीय सम्प्रे्षण गृह के भवन का निर्माण कराया जा रहा है।
मेरी सरकार द्वारा उच्च शिक्षा की गुणवत्ता एवं उच्च कोटी व्यवस्था सुलभ कराये जाने हेतु राजकीय महाविद्यालयों में ई-ग्रंथालय की स्थापना की गयी है।
राजकीय महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों में ऑनलाइन कक्षाओं के सुचारू रूप से संचालन हेतु इण्टरनेट कनेक्टिविटी, वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग की सुविधा प्रारम्भ की गयी है।
उत्कृष्ट शिक्षकों को भक्त दर्शन उच्च शिक्षा गौरव पुरस्कार के अधीन पाँच हजार रूपये प्रति शिक्षक पुरस्कार प्रदान किया गया है।
चमोली, नारायणबगड़ में नवीन राजकीय महाविद्यालय की स्थापना की गयी है।
आवासीय विश्वविद्यालय अल्मोड़ा में एस०एस०जे0 परिसर को सम्मिलित करते हुए सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय की स्थापना तथा जिला हरिद्वार के अधीन रूड़की डिग्री कॉलेज को अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान का दर्जा प्रदान किया गया है।
वित्तीय वर्ष में राज्य सेक्टर हेतु राजकीय महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों के निर्माण कार्यों हेतु पैंतीस करोड़ सैंतीस लाख चैंतीस हजार की धनराशि दी गयी है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति को राज्य के परिप्रेक्ष्य में लागू किये जाने की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी है।
राज्य लोक सेवा आयोग एवं संघ लोक सेवा आयोग की प्रारम्भिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले राज्य के बी.पी.एल. छात्र, छात्राओं को मुख्य परीक्षा की कोचिंग हेतु विशेष वित्तीय सहायता योजना संचालित की गयी है।
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रूद्रपुर को सेन्टर ऑफ एक्सलेंस बनाने जाने की योजना प्रस्तावित है।
राज्य स्तरीय विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी महाविद्यालय की स्थापना एवं देहरादून, हल्द्वानी एवं हरिद्वार में नवीन राजकीय महाविद्यालय की स्थापना तथा राजकीय महाविद्यालयों में व्यवसायिक एवं रोजगार परक पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे है।
अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने के उददेश्य से प्रदेश के प्रत्येक विकासखण्ड में कक्षा छः से आठ तक अटल आदर्श उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी है।
प्रदेश में प्रवक्ता के 571 एवं एल०टी0 के 1431 रिक्त पदों पर सीधी भर्ती हेतु विज्ञप्ति प्रकाशित की गयी है।
400 सहायक अध्यापक प्राथमिक शिक्षक के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया गतिमान है।
मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना प्रारम्भ कर कक्षा एक से आठ तक अध्ययनरत छात्र-छात्राओं के पोषण, स्वास्थ्य में सुधार एवं नामांकन में सुधार की दृष्टि से विद्यार्थियों को मीठा सुगन्धित दुग्ध सप्ताह में एक दिन उपलब्ध कराया जा रहा है। कोरोना महामारी से विद्यालयों के बन्द रहने से कक्षा-6 से कक्षा 12 तक अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं को शिक्षण अधिगम को दूरस्थ माध्यम से जारी रखने के लिए दूरदर्शन से ज्ञानदीप कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
राजकीय विद्यालयों में डिजिटल शिक्षण अधिगम को प्रभावी बनाये जाने हेतु 500 विद्यालयों में वर्चुअल कक्षाएं स्थापित की है।
कोविड काल में छात्रों के सत्त सीखने सीखाने के लिए विद्यार्थियों हेतु संदर्शिका शैक्षिक अनुसमर्थन कार्यक्रम तैयार किया गया है।
मेरी सरकार द्वारा कोरोना महामारी के दृष्टिगत राज्य के युवाओं को रोजगारपरक तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से प्रदेश में विशेषतः पर्वतीय क्षेत्रों के पालिटेक्निकों में अवस्थापना सुविधाओं को समृद्ध करते हुए प्रवेश क्षमता में वृद्धि की गयी है। रानीपोखरी में नवीन पॉलिटेक्निक केन्द्र की स्थापना की गयी है।
उद्योगों की मांग के अनुरुप पॉलिटेक्निक संस्थाओं में राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत शिक्षा और योग्यता आधारित ढाँचा (एन०एस०क्यू०एफ०) के अनुसार पाठ्यचर्या तैयार की गयी है जो आधुनिक उद्योंगो की मांग के अनुरूप एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के समतुल्य है।
शैक्षणिक स्टाफ को समय-समय पर उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप एवं नई शैक्षणिक प्रणाली तथा नवीन संशोधित पाठ्यचर्या के अनुरूप प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर उनका शैक्षिक उन्नयन किया गया है।
रोजगार सृजन हेतु जिला स्तर पर प्लेसमेंट सेल की स्थापना की गयी है। छात्रों के कैम्पस साक्षात्कार हेतु विशेष प्रयास किये गये है 40 प्रतिशत छात्र छात्राओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
अल्पकालीन रोजगारपरक प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है । छात्र-छात्राओं के लिये वर्चुअल लैब के माध्यम से प्रयोगात्मक प्रशिक्षण आरम्भ किया गया है।
आई०आई0टी0, एन0आई0टी०, आई0आई०एम० संस्थानों में चयनित राज्य के मेधावी छात्रों को पचास हजार प्रतिमाह प्रोत्साहन राशि वितरित की जा रही है ।
मेरी सरकार राज्य में संस्कृत भाषा को बढ़ावा दे रही है प्रेवेशिका से उच्चतर माध्यमा एवं शास्त्री आचार्य तक की शिक्षा दी जा रही है।
संस्कृत विद्यालयों में अध्ययनरत पूर्व मध्यमा एवं उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष की परिषदीय परीक्षा में राज्य स्तरीय सम्पूर्ण पाठ्यक्रम में प्रथम स्थान प्राप्त 20-20 छात्र, छात्राओं को छात्रवृत्ति दी गयी है।
प्रदेश के 46 संस्कृत महाविद्यालयों के छात्र छात्राओं की सुविधा के लिए पुस्तकालय हेतु पाठ्य-पुस्तकें निःशुल्क प्रदान की गयी हैं। 12 जिलों में संस्कृति ग्राम निर्माण योजना प्रारम्भ की जा रही है।
राज्य में संस्कृत शिक्षा को प्रोत्साहन दिये जाने हेतु गढ़वाल एवं कुमाऊँ मण्डल में एक-एक राजकीय आदर्श आवासीय संस्कृत विद्यालय प्रवेशिका से उत्तर मध्यमा तक खोला जाना प्रस्तावित है।
संस्कृत के प्रचार-प्रसार हेतु संस्कृत अकादमी हरिद्वार परिसर में संस्कृत चैनल की स्थापना किये जाने की कार्यवाही गतिमान है।
चार-धाम चार-वेद केन्द्र की स्थापना की योजना प्रस्तावित है पायलट प्रोजेक्ट के रूप में श्री बद्रीनाथ वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय जोशीमठ, चमोली में वेदशाला स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
सचिवालय सेवा संवर्ग के विभिन्न सेवा संवर्गों में रिक्त पदों को भरे जाने की प्रक्रिया गतिमान है।
कार्यप्रणाली में गुणात्मक सुधार लाने, शासकीय कार्यों में गति प्रदान करने, समयबद्धता. पारदर्शिता तथा जनता के प्रति जबावदेही सुनिश्चित किये जाने के उद्देश्य से पत्रावलियों का संचरण ई-ऑफिस के माध्यम से किये जाने हेतु SOFTWARE LAUNCH किया गया है। 714 कार्मिकों की DSC तैयार कर दी गयी है एवं 57 विभागों में E OFFICE के माध्यम से कार्य सम्पादित किया जा रहा है।
मेरी सरकार स्थानीय भाषाओं को प्रोत्साहित कर रही है। परिवहन व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ ई-गवर्नेस के माध्यम से जनता को ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
वाहनों के पंजीयन सहित लाइसेन्स से सम्बन्धित 13 सेवाओं को ऑनलाइन करते हुए जन-सुविधा केन्द्रों को अधिकृत किया गया है।
डिजीलॉकर एवं एम-परिवहन ऐप (प्रामाणिक प्रमाण) पर उपलब्ध अभिलेखों डी.एल., आर.सी., बीमा प्रमाणपत्र एवं कर भुगतान को मूल अभिलेख की भाति मान्यता दी गयी है।
व्यवसायिक वाहनों को जारी की जाने वाली फिटनेस सम्बन्धी कार्य में पारदर्शिता हेतु एम-फिटनेस ऐप से निरीक्षण एवं फिटनेस किया जा रहा है।
सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से सड़क सुरक्षा कोष की स्थापना की गयी है। पर्वतीय मार्गों पर वाहन चालकों की दक्षता बढाने के उद्देश्य से आई0डी०टी0आर०, देहरादून में 317.29 लाख की लागत से हिल ट्रैक का निर्माण किया गया है।
नशे की हालत में वाहन संचालित करने वाले चालकों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु एल्कोमीटर प्रवर्तन दलों को आवंटित किये गये हैं।
ओवरस्पीडिंग के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर रोक लगाने हेतु 84 हजार व्यवसायिक वाहनों में गति नियन्त्रक उपकरण संयोजित किये जा चुके हैं।
सार्वजनिक सेवायान से होने वाली दुर्घटनाओं में मृत व्यक्ति के आश्रितों, गम्भीर घायल व्यक्तियों, साधारण घायल को दी जाने वाली आर्थिक सहायता को दोगुना करते हुए मृतक आश्रित को एक लाख गम्भीर रुप से घायल व्यक्ति को चालीस हजार रूपये एवं सामान्य रुप से घायल व्यक्ति को दस हजार रुपये की राहत राशि प्रदान की जा रही है।
राज्य में पंजीकृत सभी प्रकार के सार्वजनिक सेवायानों बस, टैक्सी, मैक्सी कैब, ऑटो, विक्रम एवं ई-रिक्शा आदि को 6 माह के लिए तथा भारी वाहनों को 3 माह के लिए मोटरयान कर के भुगतान से छूट प्रदान की गयी है।
ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक्स की स्थापना हेतु राज्य में 11 स्थानों पर ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक्स के निर्माण का निर्णय लिया गया है।
प्रथम चरण में हल्द्वानी एवं हरिद्वार में ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्टिंग लेन के निर्माण हेतु 16.50 करोड़ की धनराशि भारत सरकार द्वारा स्वीकृत कर दी गयी है।
हल्द्वानी में वृहद् चालक प्रशिक्षण संस्थान के निर्माण हेतु 8 हैक्टेयर भूमि का चयन कर लिया गया है।
संस्थान के निर्माण हेतु 20.86 करोड़ का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है।
मेरी सरकार राज्य में पर्यटन विकास हेतु सहस्त्रधारा हैलीपैड से चिन्यालीसौड, श्रीनगर तथा गौचर हैली सेवायें संचालित कर आपदा क्षेत्रों में प्रभावित व्यक्तियों को राहत उपलब्ध कराने व दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों को तत्काल राहत पहुंचाने का कार्य संचालित कर रही हैं
सड़क दुर्घटनाओं में गम्भीर रुप से घायल यात्रियों को अस्पताल तक पहुंचाने का कार्य भी यूकाडा द्वारा किया जा रहा है। सरकार द्वारा आवश्यकतानुसार निशुल्क हैली सेवायें सुलभ करवायी गयी हैं।
24 विभागीय हैलीपैड तथा एण्डी0बी0 के सहयोग से पी0आई०यू0 द्वारा निर्मित 27 हेलीपैड का उपयोग भी रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के अन्तर्गत किया जा रहा है।
राज्य में प्रधानमंत्री महत्वपूर्ण उडान योजना (आर०सी०एस०) के अधीन जन सामान्य को सस्ती दरों पर हेली एवं वायुयान सेवा दी जा रही है।
मेरी सरकार सात लाख बत्तीस हजार वृद्धजनों, विधवाओं, दिव्यांगों, किसानों व परित्यक्ता महिलाओं को उनके भरण पोषण हेतु त्रैमासिक पेंशन दे रही है।
राज्य में वृद्धावस्था, दिव्यांग, विधवा एवं परित्यक्ता पेंशन एक हजार से बढाकर एक हजार दो सौ प्रतिमाह कर दी गयी है।
पेंशन की धनराशि ऑनलाइन डी.बी.टी. के माध्यम से लाभार्थियों को प्रदान की जा रही है।
वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पैकेज के अधीन एक्कीस करोड़ एक्यावन लाख दस हजार की धनराशि वितरित की गयी है।
दिव्यांगजनों हेतु विशिष्ट पहचान पत्र (UDID) बनाये जाने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी है। 4245 दिव्यांगजनों को विशिष्ट पहचान पत्र (UDID) बनाकर उपलब्ध कराये गये हैं।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (PMAGY) के अधीन 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति की जनसंख्या वाले 238 ग्रामों को आदर्श ग्राम हेतु चयनित किया गया है।
अनुसूचित जाति के 2000 निर्धन व्यक्तियों की पुत्री के विवाह हेतु दस करोड़, 525 निराश्रित विधवा महिलाओं की पुत्री के विवाह हेतु दो करोड़ बासठ लाख पचास हजार तथा 666 अनुसूचित जनजाति के परिवारों तथा उनकी पुत्रियों के विवाह हेतु तीन करोड़ तिरासी लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी।
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के उत्पीड़न से रोकथाम योजना में उत्पीडित परिवारों को एक करोड़ एक लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी है।
मेरी सरकार विकास कार्यों का सम्पादन ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायतों के माध्यम से कर रही है, जिसकी गुणवत्ता, कार्यपूर्ति आदि के लिए विकास खण्ड स्तर पर खण्ड विकास अधिकारी, सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) तथा जिला स्तर पर जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला पंचायत के कार्यों के लिए अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत को कार्यदायी अधिकारी बनाया गया है।
15वें वित्त आयोग की संस्तुतियों के अनुसार धनराशि का आवंटन त्रिस्तरीय पंचायतों को किया जा रहा है। अवमुक्त किये जाने वाले अनुदान को 50 प्रतिशत बेसिक तथा 50 प्रतिशत टाईड फण्ड के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
बेसिक फण्ड को ग्राम पंचायतें उनकी स्थानीय विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप जबकि टाईड फण्ड को ओ0डी0एफ0 से संबंधित स्वच्छता एवं मरम्मत कार्य, पेयजल की आपूर्ति, वर्षाजल संरक्षण एवं जल पुनर्चक्रण के कार्यों हेतु उपयोग किया जा रहा है।
त्रिस्तरीय पंचायतों हेतु पाँच सौ चैहत्तर करोड़ की संस्तुति की गयी है, जिसके सापेक्ष प्रथम किस्त के रूप में दो सौ सत्तासी करोड़ त्रिस्तरीय पंचायतों को पी०एफ०एम०एस० के माध्यम से स्थानान्तरित की गयी है।
वित्तीय वर्ष में ग्राम पंचायतों को सैंतालिस करोड़ बासठ लाख, क्षेत्र पंचायतों को सैंतीस करोड़ बहत्तर लाख तथा जिला पंचायतों को एकहत्तर करोड़ आठ लाख का आवंटन किया गया है। वित्त आयोग की संस्तुतियों के अनुरूप इस राशि का उपयोग जलापूर्ति, सीवरेज, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, सेप्टेज प्रबन्धन सहित जल निकासी, सामुदायिक परिसम्पत्तियों का रख-रखाव, स्ट्रीट लाईट, सामुदायिक भवन, आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण कक्षा -कक्ष इत्यादि का निर्माण किया जा रहा हैं।
अल्पसंख्यक मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजना हेतु वित्तीय वर्ष में प्राविधानित धनराशि दो करोड़ के सापेक्ष वित्तीय वर्ष में 1241 छात्राओं को एक करोड़ नवासी लाख नब्बे हजार की धनराशि आवंटित की गयी है।
अल्पसंख्यक विकास निधि की स्थापना हेतु वित्तीय वर्ष में 24 विभिन्न विकास संबंधी कार्यों हेतु रूपया तीन करोड़ अनुदान स्वीकृति की कार्यवाही अन्तिम चरण में है। अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में वित्तीय वर्ष में पाँच करोड़ की प्राविधानित धनराशि के सापेक्ष 85 निर्माण कार्यों की स्वीकृति की कार्यवाही गतिमान है ।
प्रधानमंत्री जनविकास कार्यक्रम योजना के अन्तर्गत (90ः10) वित्तीय वर्ष में प्राविधानित धनराशि पचीस करोड़ मात्र के सापेक्ष भारत सरकार द्वारा स्वीकृत कर नये-निर्माणाधान 19 कार्यों हेतु एक्कीस करोड़ तेरह हजार की धनराशि स्वीकृत की गयी है।
मेरी सरकार द्वारा शहीद सैनिकों के 19 आश्रित परिवारों को सेवायोजित किया गया है।
विभिन्न युद्धों व सीमान्त झड़पों तथा आन्तरिक सुरक्षा में शहीद हुए सैनिको/अर्द्धसैनिक बलांे की विधवाओ/आश्रितों को एक मुश्त सहायता 10 लाख से बढ़ाकर 15 लाख कर दी गयी है। तथा शहीद हुए सैनिकों की वीरांगनाओं/ माता-पिता एवं अपंगता के कारण सेवामुक्त हुए सैनिकों को एक मुश्त आवासीय के रूप में दो लाख रुपये दिये जाने का प्राविधान किया गया है।
राज्य में 95 ब्लाक प्रतिनिधियों के मानदेय एवं यात्रा भत्ता देय धनराशि में वृद्धि की गई है।
पूर्व सैनिकों, सैनिक विधवाओं एवं उनके 1416 आश्रितों को तीन करोड़ अठारह लाख सैंतालिस हजार की धनराशि दी गयी है।
राज्य में विकास की अपार सम्भावनायें है। विभिन्न खेलों हेतु अवस्थापना सुविधाओं का सृजन एवं खिलाड़ियों के प्रोत्साहन हेतु कई लाभकारी योजनाएं संचालित की गयी है।
खेलों में उल्लेखनीय योगदान के दृष्टिगत देवभूमि उत्तराखण्ड खेल रत्न पुरस्कार देवभूमि उत्तराखण्ड द्रोणाचार्य पुरस्कार एवं लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्रदान किया गया है।
विभिन्न अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक अर्जित करने वाले खिलाड़ियों को नकद पुरस्कार स्वरूप चौदह लाख छियानबे हजार दो सौ पचास मात्र की धनराशि वितरीत की गयी है।
ऊधमसिंह नगर के पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी मनोज को सरकार द्वारा बैडमिटन खेल में उल्लेखनीय सफलता अर्जित करने के दृष्टिगत भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
खेल अवस्थापना सुविधाओं हेतु एक करोड उनसठ लाख बाइस हजार की धनराशि स्वीकृत की गयी है।
सभी के लिए खेल-सभी के लिए स्वास्थ्य के मूल मंत्र को प्राप्त करने हेतु खेल नीति-2020 के अधीन पदक विजेता खिलाड़ियों के भविष्य को सुरक्षित करने हेतु राज्य की समूह ‘क‘ ‘ख‘ ‘ग‘ की सेवाओं में नियुक्ति में प्राथमिकता दी जायेगी।
राज्य में परम्परागत खेलों को चिहितकर अन्य राज्यो के साथ साझा कर पहचान दिलायी जायेगी।
खेलों के लिए क्षेत्र विशेष को हब के रूप में विकसित किया जायेगा खिलाड़ियों को तकनीकी जानकारी हेतु खेल विज्ञान केन्द्र की स्थापना की जायेगी।
पौड़ी गढ़वाल के सतपुली क्षेत्र की विविधता पूर्ण पारम्परिक लोक सांस्कृतिक विरासत एवं लोक कला को एकत्रित कर उन्हें भावी पीढ़ी के लिए संजोये रखने के उद्देश्य से सतपुली में वृहद सांस्कृतिक केन्द्र की स्थापना की जायेगी।
गंगा एवं हिमालय पर आधारित हिमालयन संग्रहालय, ऋषिकेश का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
धार्मिक आस्था के 100 वर्ष पुराने महत्वपूर्ण केन्द्र देवालयों, मन्दिरों, स्थलों एवं स्मारकों का वृहद सर्वेक्षण कराकर उनके विकास हेतु विरासत की अंगीकार योजना में लिया गया है।
मेरी सरकार द्वारा चारधाम यात्रा को और अधिक सुव्यवस्थित एवं सुचारू रूप से संचालित एवं आयोजित किये जाने के उद्देश्य से चारधाम देवस्थानम् बोर्ड बनाया गया है।
केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों के अन्तर्गत तीन सौ करोड़ के कार्य प्रथम चरण पूर्ण कर द्वितीय चरण में एक सौ सात करोड़ के कार्य गतिमान है। श्री केदारनाथ उत्थान चैरिटेबल ट्रस्ट की स्थापना की गयी है।
बद्रीनाथ के सुनियोजित विकास हेतु मास्टर प्लान तैयार किये जाने का कार्य प्रगति पर है।
15वें वित आयोग के अन्तर्गत प्रदेश में पर्यटन सम्बन्धित विकास हेतु आठ हजार आठ सौ तीन करोड़ के प्रस्ताव प्रस्तावित किये गये है।
तीन सौ करोड़ की लागत से देहरादून से मसूरी तक रोपवे पीवपीवपी० मोड में विकसित किये जाने हेतु निजी निवेशक का चयन किया गया है। यह रोपवे विश्व के सबसे लंबे पाँच रोपवे में से एक होगा।
पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन रोकने हेतु दीन दयाल उपाध्याय गृह आवास (होम स्टे) विकास योजना प्रारम्भ की गयी है। होम स्टे निर्माण हेतु प्रदेश के मूल/स्थाई निवासियों को अनुदान दिया जा रहा है। एवं दीन दयाल उपाध्याय गृह आवास (होम स्टे) विकास योजना के अन्तर्गत 2551 होम स्टे पंजीकृत किये गये है।
ऋषिकेश में अन्तर्राष्ट्रीय कन्वेन्सन सेन्टर तथा वैलनेस सिटी विकास हेतु तकनीकी कन्सलटेन्ट से प्लान तैयार किये जाने की कार्यवाही गतिमान है।
वीरचन्द्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत प्रदेश के मार्गों पर संचालन हेतु वित्तीय वर्ष में 50 बसों/इलेक्ट्रॉनिक बसों के क्रय हेतु पूंजी संक्रम की लागत के 50 प्रतिशत अधिकतम पन्द्रह लाख सब्सिडी का प्राविधान किया गया है।
मेरी सरकार द्वारा पत्रकारों की सुविधा के लिए पत्रकार कल्याण कोष की स्थापना की गयी है मान्यता प्राप्त श्रमजीवी पत्रकारों एवं सक्रिय पत्रकारों को पत्रकार कल्याण कोष से आर्थिक सहायता तथा राजकीय चिकित्सालयों में सरकारी कर्मचारियों की भांति चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है।
असाध्य रोगों से पीडित पत्रकारों को उनके इलाज के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है तथा मृत्यु होने की दशा में उनके आश्रितों को एक मुस्त आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।
मेरी सरकार ने जनमानस को सुलभ न्याय उपलब्ध कराये जाने हेतु बाजपुर एवं किच्छा में सिविल जज (जूडी) न्यायालयों की स्थापना की है।
लोक अदालतों के माध्यम से हजारों वादों का निस्तारण किया गया है एवं निःशुल्क कानूनी सहायता दी जा रही है।
मेरी सरकार मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत दुधारु पशु (गाय, भैंस पालन) भेड़ बकरी पालन कुक्कुट पालन खच्चर पालन एवं सूअर पालन हेतु पाँच सौ रोइस लाभार्थियों को बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध किया गया है।
गाय एवं भैसों के कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से बछिया ही उत्पन्न किये जाने हेतु ऋषिकेश में सैक्स सोर्टड सीमेन उत्पादन प्रयोगशाला की स्थापना की गई है। वर्तमान तक 355 लाख सैक्स सोर्टेड सीमेन स्ट्रा का उत्पादन किया जा चुका है।
सैक्स सोर्टड सीमेन से अभी तक 62 हजार से अधिक पशुओ में कृत्रिम गर्भाधान किया जा चुका है।
भारत सरकार द्वारा स्वदेशी नस्ल की गायों के भूण प्रत्यारोपण तकनीकी से संरक्षण एवं संवर्धन हेतु कालसी प्रक्षेत्र को सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स के रूप में मान्य किया गया है।
पशुपालकों की सुविधा हेतु टोल फ्री नम्बर (1800-120-8862) प्रारम्भ किया गया है।
आस्ट्रेलिया से आयातित उच्च गुणवत्ता के मैरीनों भेड़ों से उत्तराखण्ड राज्य के भेड़ों में कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से नस्ल सुधार किया गया है।
आयातित मैरीनों के जर्म प्लाज्म को शीघ्रता से व्यापक स्तर पर राज्य के भेड़ पालकों के भेडो में प्रसारित करने के उद्देश्य से भेड़ों में गर्मी समकालीन और कृत्रिम गर्भाधान (Heat Synchronization and Artificial Insemination) योजना प्रारम्भ की गयी है।
सहकारिता के माध्यम से राज्य के भेड़ पालकों को संगठित करते हुये आत्मनिर्भर करना राज्य के दस हजार से अधिक भेड़ बकरी पालकों, जिनमे पाँच हजार से अधिक महिला पशुपालक है को प्राथमिक सहकारी समिति के रूप में संगठित करते हुए भेड़, बकरी पालन को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री Flagship कार्यक्रम ऊन ग्रोथ योजना के अन्तर्गत ऊन विकास राज्य के 10 सीमान्त पर्वतीय भेड़ बाहुल्य क्षेत्रों में ऊन ग्रोथ सेन्टर स्थापित कर भेड़ पालको को मशीन शियरिंग, ऊन की ग्रेडिंग, गुणवत्ता की जांच एवं ऊन जैविक प्रमाणीकरण कर ऊन उत्पादकों की आजीविका में सुधार लाया जा रहा है।
मेरी सरकार मात्स्यिकी विकास कार्यों को और गति प्रदान करने एवं आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना प्रारम्भ की गयी है।
यह क्षेत्र खाद्य और पोषण के साथ मत्स्य पालकों की समाजिक-आर्थिक समृद्धि में भी योगदान दे रहा है।
प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) में वित्तीय वर्ष में तैंतालिस करोड़ दस लाख साठ हजार के प्रोजेक्ट की स्वीकृत दी गयी है प्रथम किस्त के रूप में केन्द्रांश धनराशि तीन करोड़ प्राप्त हुई है।
एन.सी.डी.सी से स्वीकृत वृहद योजना एक सौ चौसठ करोड़ की लागत से राज्य में संचालित की जा रही है।
मछलियों के विपणन हेतु हरिद्वार एवं देहरादून में मत्स्य विपणन आउटलेटस् प्रारम्भ किया गया है।
मत्स्य पालकों के हितों हेतु किसान क्रेडिट कार्ड KCC की व्यवस्था की गयी है।
रसायन एवं पैट्रो रसायन विभाग (DCPC) भारत सरकार के सहयोग से प्लास्टिक पार्क की स्थापना हेतु आई0आई0ई० सितारगंज में 40 एकड़ भूमि चिन्हित कर ली गयी है। प्लास्टिक पार्क की स्थापना की कार्यवाही गतिमान है।
एकीकृत औद्योगिक आस्थान, काशीपुर में लगभग 41 एकड़ भूमि पर एरोमा पार्क पॉलिसी के अन्तर्गत एरोमा पार्क विकसित किया जा रहा है।
भारत सरकार की डिपार्टमेन्ट ऑफ फार्मासिटिकल की मेडिकल डिवाइस पार्क योजना के अन्तर्गत एकीकृत औद्योगिक आस्थान, हरिद्वार में लगभग 100 एकड भकति मेडिकल डिवाइस पार्क विकसित किया जा रहा है।
विकास नगर के समीप छरबा स्थित लगभग 75.28 एकड़ भूमि को फार्मासिटी फेज-2 के रुप में विकसित किया जा रहा है।
केन्द्र सरकार की अमृतसर कोलकाता इण्डस्ट्रीयल कोरिडोर (AKIC) परियोजना के अन्तर्गत एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (IMC) स्थापित करने हेतु खुरपिया फार्म में 1002 एकड़ भूमि प्रस्तावित करने की कार्यवाही की जा रही है।
भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा औद्योगिकरण और इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण के विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से (Electronic System Design and menufacturing (ESDM) क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए विश्व स्तरीय ढाँचे के निर्माण में सहायता प्रदान करने हेतु इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण क्लस्टर योजना लागू की गयी है।
एकीकृत औद्योगिक आस्थान, काशीपुर में लगभग 102 एकड़ भूमि पर इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर (EMC) की स्थापना प्रस्तावित है।
जीवनयापन तथा रोजगार को बढ़ावा देने हेतु मदन नेगी, टिहरी गढ़वाल में 25 एकड़ भूमि पर विश्वस्तरीय होटल रिसोर्ट वेलनेस रिसोर्ट की स्थापना हेतु निविदा आमंत्रित की जा रही है। उक्त क्षेत्रों को राज्य एवं देश के एक प्रमुख टूरिज्म केन्द्र के रुप में विकसित करने की योजना प्रगति पर है।
मेरी सरकार द्वारा खनिज सम्पदा, भण्डारों का अन्वेषण कर उनकी मात्रा, गुणवत्ता का मूल्यांकन करते हुये वैज्ञानिक विधियों से विदोहन करने एवं खनिज उद्योगों की स्थापना हेतु तकनीकी मार्गदर्शन कर राज्य के औद्योगिक विकास में वृद्धि की गयी है।
खनिज परिवहन, खनन सर्विलांश हेतु प्रचलित ई-रवन्ना वेब एप्लीकेशन के सुचारू रूप से क्रियान्वयन के दृष्टिगत ई-रवन्ना पोर्टल के उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण का कार्य गतिमान है। खनिज क्षेत्रों के आवंटन हेतु ऑनलाइन किये जाने की कार्यवाही गतिमान हैं।
खनन से प्रभावित क्षेत्रों के विकास एवं कल्याण हेतु जनपदों में विकास से सम्बन्धित 572 योजनाओं की स्वीकृत दी गयी है।
राज्य में खनिज भण्डारों के समुचित खोज हेतु भारत सरकार का उपक्रम MECL Bipartite Agreement किये जाने की कार्यवाही गतिमान है।
सिलिका सैण्ड, सोपस्टोन खनिज के भण्डारों की खोज कर उनके विकास की समुचित व्यवस्था का कार्य प्रगति पर है।
राज्य के आर्थिक विकास में उद्योग क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। राज्य गठन के पश्चात् देश के उच्च विकास दर पाने वाले शीर्षस्थ राज्यों में उत्तराखण्ड राज्य सम्मिलित है। राज्य में निवेश को आकर्षित करने एवं उद्योगों में अनुकूल वातावरण का सृजन मेरी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति से क्षेत्र के विकास के लिये आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहनों के साथ-साथ समुचित इको-सिस्टम विकसित किया गया है।
ईज आफ डूइंग बिजनेस के अन्तर्गत राज्य का प्रदर्शन देश के शीर्ष राज्यों में रहा है।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से प्रवासियों को विनिर्माणक, सेवा तथा व्यवसाय की स्थापना लिए बैंकों के माध्यम से ऋण सुविधा के साथ-साथ स्वीकृत परियोजना पर 15 से 25 प्रतिशत तक मार्जिन मनी के रूप में अनुदान सहायता दी जा रही है।
कृषि आधारित क्रियाकलापों एवं संरक्षित कृषि Agriculture allied activities & Protected Agriculture) योजना में नौ हजार नौ सौ सात आवेदन प्राप्त हुये जिसमें से जिला स्तरीय समिति द्वारा छः हजार सात सौ अड़तालिस आवेदन को बैंकों को स्वीकृति हेतु भेजा गया है।
पात्र आवेदन पत्रों के सापेक्ष विभिन्न बैंको के माध्यम से दो हजार पचहत्तर आवेदन पत्रों पर एक सौ बाइस करोड का ऋण स्वीकृत किया गया है। 1024 आवेदन पत्रो पर बत्तीस करोड़ सत्तासी लाख का ऋण वितरित किया जा चुका है।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य को आवंटित कुल मार्जिन मनी उन्तालिस करोड़ सतहत्तर लाख के सापेक्ष पचहत्तर करोड़ तेतालिस लाख का ऋण विभिन्न बैंकों के माध्यम से वितरित किया गया है।
राज्य में स्टार्टअप ईको सिस्टम को बढ़ावा देने तथा निवेश के नवीन क्षेत्रों की पहचान हेतु स्टार्टअप नीति घोषित की गई है स्टार्टअप पोर्टल के माध्यम से स्टार्टअप को मान्यता (Recognition) दी गई है।
प्रदेश में भौगोलिक क्षेत्र विशेष में सम्भाव्य विशिष्ट चिन्हित आर्थिक गतिविधि को आवश्यक इनपुट्स एवं वित्तीय प्रोत्साहन देकर विकसित करते हुये इनके उत्पाद एवं सेवायें राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित कराने की कार्यवाही कर रही है।
रोजगार के व्यापक अवसर सृजित किये जाने के उद्देश्य से ग्रोध सेन्टर योजना लागू की गई है।
104 ग्रोथ सेन्टर के प्रस्ताव स्वीकृत किये गये हैं, जिनमें एग्री बिजनेस, स्थानीय प्रसाद, बेकरी उत्पाद, एरोमा आधारित उत्पाद, स्थानीय मसाले, फल प्रसंस्करण, मौन पालन, मशरूम उत्पादन, ए2 मिल्क, बद्री गाय का घी, सूचना प्रौद्य क्षेत्र लित है।
हरिद्वार फार्मासिटी के समीप 75 एकड़ भूमि में एक और फार्मासिटी के विस्तारीकरण कर रक्षा क्षेत्र में निवेश के प्रोत्साहन हेतु एरोस्पेस एण्ड डिफेन्स पॉलिसी प्रख्यापित की गई है।
खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की गतिविधियों को कलस्टर की चेन के रूप में विकसित किया गया है। स्थानीय स्तर पर ही स्थानीय संसाधनों एवं स्थानीय प्रतिभा का अधिकतम् उपयोग करते हुये कलस्टर के चिन्हीकरण कारीगरों के कौशल विकास उत्पादन के चिन्हीकरण एवं बाजार की व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है।
खादी उत्पादों के प्रचार प्रसार एवं विपणन हेतु अन्तर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय, एवं जिला स्तरीय प्रदर्शनियाँ/ई-मार्केटिंग की व्यवस्था की गई है।
मेरा सरकार द्वारा कार्बेट टाईगर रिजर्व के पाखरों क्षेत्र के अन्तर्गत 106.16 है क्षेत्र में छब्बीस करोड़ चैहत्तर लाख की धनराशि से प्रथम टाईगर सफारी की स्थापना की जायेगी। इस हेतु वन भूमि हस्तान्तरण की अनुमति प्राप्त की जा चुकी है।
गगोत्री राष्ट्रीय उद्यान के अन्तर्गत लंका नामक स्थान पर दो करोड़ बयासी लाख साठ हजार मात्र की धनराशि से स्नो लेपर्ड कन्जरवेशन सेन्टर की स्थापना की कार्यवाही प्रगति पर है।
वित्तीय वर्ष में वृक्षारोपण कार्यक्रम के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा आवंटित तीस हजार सात सौ उनहत्तर है क्षेत्र में दो करोड़ पौध लक्ष्य के सापेक्ष चैबीस हजार आठ सौ छः है, में एक करोड़ चैरासी लाख वृक्षारोपण किया जा चुका है। वित्तीय वर्ष में लगभग पन्द्रह हजार है. में विभागीय वृक्षारोपण किया जाना लक्षित है।
वित्तीय वर्ष में हरेला योजना के अन्तर्गत सात लाख पचास हजार पौध वितरित किये जाने का लक्ष्य है।
2006 की गणना में बाघों की संख्या 178 थी जो वर्तमान में बढ़कर 442 हो गयी है एवं हाथियों की संख्या 2020 से बढ़कर 2026 हो गयी है।
मेरी सरकार भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘जल जीवन मिशन‘ कार्यक्रम के अधीन राज्य में ग्रामीण क्षेत्र में 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की दर पर गुणवत्ता मानकों के अनुरूप पेयजल आपूर्ति कर रही है।
जल जीवन मिशन के अन्तर्गत जल संयोजन शुल्क दो हजार तीन सौ से घटाकर एक रुपया कर दिया गया है।
नमामि गंगे कार्यक्रम के अन्तर्गत राज्य में गंगा किनारे विभिन्न स्थानों पर 21 स्नानघाट एवं 23 मोक्षधामों का निर्माण किया गया है।
भारत सरकार की महत्वाकांक्षी नमामि गंगे योजना के अन्तर्गत गंगा नदी की मुख्य धारा पर स्थित 15 नगरों में गंगा नदी की स्वच्छता एवं प्रदूषण की रोकथाम हेतु आठ अरब तिरानवे करोड़ सात लाख की लागत से 15 योजनाओं के नये सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण पूर्ण किया गया है। शेष परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है।
कुम्भ मेला हरिद्वार में श्रद्धालुओं को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु 60 (MLD) पेयजल उत्पादन क्षमता प्रस्तावित की गई है।
देहरादून नगर के 86 शासकीय भवनों में वर्षा जल संचय (Roof Top Rain Water Harvesting) का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
वित्तीय वर्ष में लगभग 41 करोड़ लीटर क्षमता की विभिन्न संरचनायें तैयार की गयी है। राज्य सेक्टर, कैम्पा, नमामि गर्ग, जायका के अन्तर्गत लगभग 40 करोड़ लीटर वर्षा जल सचय की संरचनाओं का निर्माण किये जाने का लक्ष्य है।
भराडीसैण (गैरसैण) में सचिवालय के भवन निर्माण की डिजाइन, ड्राइंग तैयार किये जाने की कार्यवाही गतिमान है।
राज्य में प्रथम बार विकास क्षेत्रों में भूमि उपयोग निर्धारण किये जाने तथा नियोजित विकास हेतु जी आई.एस. आधारित विकास क्षेत्रों की महायोजना क्रियान्वयन किये जाने हेतु बेस मैप बनाये जाने का कार्य गतिमान है।
एकल आवास, व्यवसायिक भवनों, आवासीय भू-उपयोग में व्यवसायिक दुकान तथा आवासीय क्षेत्रों में नर्सिंग होम, क्लीनिक ओ पी.डी., पैथालॉजी लैब, डाइग्नोस्टिक सेंटर चाइल्ड केयर नर्सरी स्कूल, क्रेच प्ले स्कूल को विनियमित किये जाने हेतु प्रचलित भवन उपविधि मानको में शिथिलता प्रदान करते हुए एकल समाधान योजना लागू की गयी है।
प्रत्येक आवास विहीन परिवार को आवास उपलब्ध कराये जाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के अधीन शहरी में 464 इ.डब्लू.एस. भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण कर आवंटित किये गये है।
मनोरंजन एवं पर्यटन से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भू-उपयोग परिवर्तन हेतु भू-उच्चीकरण शुल्कों की दरों को कम किया गया है।
अवैध प्लाटिंग को नियंत्रित किये जाने हेतु सभी प्लाटिंग परियोजनाओं को ऑनलाइन किया गया है। समस्त भवन निर्माण में राज्य की पारम्परिक भवन निर्माण शैली को प्रोत्साहित किये जाने तथा स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा दिये जाने हेतु मुखौटा नीती (Facade Policy), निर्गत की गयी है।
राज्य में भू-सम्पदा नियामक प्राधिकरण का गठन किया गया है। रेरा के आधीन बिल्डरों व एजेन्टों के पंजीकरण किये जाने तथा आमजन द्वारा की गयी शिकायतों के निराकरण हेतु ऑनलाइन सिस्टम तैयार किया गया है।
अहमदाबाद, गुजरात की तर्ज पर देहरादून में रिस्पना व बिदाल रिवर फ्रंट योजना प्रारम्भ की गयी है। योजना में रिस्पना नदी के दोनों तटों पर एक कि.मी. लम्बाई तथा बिन्दाल नदी के दोनो तटों पर 1.7 किमी लम्बाई में रिटेनिंग वाल का निर्माण किया गया है।
भारत सरकार के निर्माण सामग्री एवं प्रौद्योगिकी संवर्द्धन परिषद द्वारा ई.डल्लू एस. निर्माण हेतु सुझायी गयी गोनोलिथिक कंस्ट्रक्शन तकनीक के माध्यम से रूद्रपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना में एक हजार आठ सी बहत्तर आवासों का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है।
मेरी सरकार द्वारा अटल नवीनीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) योजनान्तर्गत प्रदेश के 6 नगर निकायों हेतु पाँच सौ तिरानवे करोड़ की जलापूतिर्रू सीवरेज प्रबन्धन, स्ट्राम वॉटर ड्रेनेज एवं ग्रीन स्पेस पार्क की योजनायें भारत सरकार से अनुमोदित करायी गयी हैं।
स्वच्छ भारत मिशन के अधीन बीस हजार सात सौ पचास शौचालय निर्मित किये गरदे हैं, एवं पाँच हजार तीन सौ तिरपन शौचालय निर्माणाधीन हैं।
भारत सरकार द्वारा प्रारम्भ की गयी पीएम स्ट्रीट वेन्डर्स आत्मनिर्मण (पीएम स्वनिधि) योजना का क्रियान्वयन राज्य के समस्त शहरी स्थानीय निकायों किया जा रहा है।
मेरी सरकार भारत सरकार की महत्वाकांक्षी एकीकृत बिजली विकास योजना (IDPS) के तहत हरिद्वार (कुम्भ क्षेत्र) में तीन सौ एक करोड़ की लागत से विद्युत लाइनों को भूमिगत किये जाने का कार्य तथा इसके अतिरिक्त 182 मेगा बोल्ट एम्पियर क्षमता के 10 नये भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जी.आई.एस.) उपस्थानों का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।
होटल, रेस्टोरेन्ट तथा ढाबों जैसे व्यवसायिक उपभोक्ताओं को विद्युत खपत के सापेक्ष माह अप्रैल से माह जून, 2020 की अवधि में निर्गत विद्युत बिलों में फिक्सड चार्ज तथा निजी नलकूप उपभोक्ताओं को विलम्ब भुगतान अधिभार में पूर्ण छूट प्रदान की गयी है।
विद्युत बिलों के ऑनलाइन डिजिटल भुगतान पर 1 प्रतिशत की छूट दी गई है।
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (DDUGIY) के अन्तर्गत 94 अविद्युतीकृत ग्रामों के शत-प्रतिशत विद्युतीकरण का कार्य निर्धारित समयावधि में पूर्ण किया गया है। 6056 तोकों विद्युतीकरण एवं सुदृढीकरण किया गया है 309 तोकों को सुदृढीकरण का कार्य प्रगति पर है।
रूद्रप्रयाग में कालीगंगा-प्रथम (मे.वा.) की परियोजना का कार्य पूर्ण कर ऊर्जा उत्पादन प्रारम्भ किया गया है।
व्यासी जल विद्युत परियोजना 120 मे0वा0 का 85 प्रतिशत निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शेष कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिया जायेगा।
प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को निर्वाध रूप से चौबीस घण्टे विद्युत उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रदेश में गुणवत्तापूर्वक विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु 220 के०वी० रूद्रपुर ब्रहमवारी-श्रीनगर लाईन (150 सर्किट कि.मी.) एवं 220 के०वी० पिरान कलियर – पुहाना लाईन (15 सर्किट कि.मी.) का निर्माण कार्य पूर्ण कर ऊर्जीकृत कर दिया गया है।
प्रदेश के युवाओं, लघु एवं सीमान्त कृषकों को रोजगार के अवसर सुलभ कराने हेतु मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत अपनी स्वंय की भूमि लीज पर लेकर 25 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लाण्ट की स्थापना की जा सकती है। इसके अधीन कुल लागत का 70 प्रतिशत अंश, 8 प्रतिशत ब्याज दर पर राज्य ध्जिला सहकारी बैंक से ऋण के माध्यम से 15 वर्ष के लिए उपलब्ध कराया जायेगा।
महिलाओं, आई.टी.आई. डिप्लोमा धारकों को स्वरोजगार एवं आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से एल.ई.डी. ग्राम लाईट उपकरणों के निर्माण हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है।
सौर ऊर्जा नीति के अन्तर्गत प्रदेश में 276 में.वा. क्षमता की परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी है। प्रदेश के 283 विकासकर्ताओं को 203 मे.वा. क्षमता की परियोजनाएं आवंटित की गई है। 2.8 मे. व. क्षमता की 7 परियोजनाए स्थापित हो चुकी हैं। शेष पर कार्य प्रगति पर है।
पाईन निडिल एवं अन्य बायोमास आधारित ऊर्जा उत्पादन नीति-2018 के अधीन, 1060 किलोवाट क्षमता की 36 योजनाओं तथा 2 ब्रिकेटिंग प्लाण्ट योजनाओं को स्थापना हेतु आवंटित किया गया है। तृतीय चरण में परियोजनाओं के आवंटन की प्रक्रिया गतिमान है।
कोविड-19 से ग्रसित कर्मचारियों या जो कोविड-19 से संदिगा रूप से प्रभावित हो और पृथक्करण में रखे गये हो को उनके नियोजकों द्वारा 28 दिन का भुगतान युक्त अवकाश प्रदान किये जाने का प्राविधान किया गया है।
व्यवसायों को सुगम बनाने हेतु महिला कर्मकारों को भी कारखानों में तीनों पालियों में कार्य करने की छूट दी गई है, महिलाओं के रोजगार के अवसर बढे है, साथ ही महिला श्रमिक बाहुल्य कारखानों के व्यवसाय को भी बढ़ावा मिला है।
देहरादून में 100 बेड चिकित्सालय का निर्माण तथा हरिद्वार में आगामी 3 वर्षों में कर्मचारी राज्य बीमा निगम के माध्यम से 300 बेड चिकित्सालय का निर्माण कराया जायेगा
ओ.पी.डी. पजीकरण, संदर्भण, मेडिसिन स्टॉक, चिकित्सा प्रतिपूर्ति दादों के निस्तारण, सभी को पारदर्शिता व्यवस्था बनाये रखने के लिए ऑनलाइन किया गया है।
कर्मकार कल्याण बोर्ड के अन्तर्गत दो करोड़ अट्ठाईस हजार चार सौ तेइस पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को Covid&19 के दौरान 2000 प्रति श्रमिक आर्थिक सहायता प्रदान की गयी है।
पजीकृत निर्माण श्रमिकों को 2.50 लाख राशन किटो का वितरण किया गया है।
400000 निर्माण श्रमिकों को टूलकिट 46108 श्रमिकों को सिलाई मशीन, 2577 श्रमिकों को साईकिल, 44947 श्रमिकों को कम्बल, 55640 महिला श्रमिकों/आश्रित महिलाओं को सैनेटरी नैपकीन, 71806 श्रमिको को छाता, 39182 श्रमिकों को सोलर लालटेन वितरण की गई है।
मेरी सरकार द्वारा राज्य में 2522 कि.मी. मार्गों का नवनिर्माण, 2700 मार्गों का पुनः निर्माण तथा 241 सेतुओं का निर्माण पूर्ण किया गया है। 456 ग्रामों को सड़क यातायात से जोड़ा गया है। 2676 किमी. पक्के मार्गों का नवीनीकरण कार्य सम्पादित किया गया है।
पूंजीगत एवं राजस्व मदों में सात हजार एक सी बासठ करोड़ की धनराशि अवमुक्त की गयी है, जिसके सापेक्ष छ हजार तीन सौ एकसठ करोड़ की धनराशि व्यय की जा चुकी है।
टिहरी गढ़वाल में डोबरा-चांठी भारी वाहन झूला मोटर सेतु तथा मुनि की रेती में कैलाश गेट के समीप गंगा नदी के ऊपर जानकी सेतु का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है।
चारधाम सड़क परियोजना के अन्तर्गत 889 कि.मी. राष्ट्रीय राजमार्गो का चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण कार्य हेतु ग्यारह हजार सात सौ करोड़ के सापेक्ष 540 कि.मी. सडको का चौडीकरण व 380 कि मी. में सतह लेपन स्तर तक का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। शेष कार्य प्रगति पर है।
सेतु भारतम परियोजना के अधीन काशीपुर शहर में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 74 एवं 121 में 2 आर ओ.बी. के निर्माण के लिए छप्पन करोड़ छिहतर लाख एवं छिहत्तर करोड़ बावन लाख की स्वीकृति प्रदान की गयी है। परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है।
राज्य में 15745 राजस्व ग्रामों में से 13186 ग्रामों को सड़क मार्ग से संयोजकता प्रदान की जा चुकी है। 1794 ग्रामों हेतु मार्ग स्वीकृत किये गये हैं। शेष 765 ग्रामों को सड़क मार्गों से जोड़ने की प्रक्रिया गतिमान है।
मेरी सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष में 104 नव निर्माण मोटर मार्गों का कार्य पूर्ण कर लिया गया है, 325 ग्रामों को मुख्य मार्गों से जोड़ते हुए एक लाख पचपन हजार जनसंख्या लाभान्वित की गयी है।
कुम्भ मेला, 2021 के निर्माण कार्यों हेतु अठारह करोड़ छाछठ लाख अठहत्तर हजार स्वीकृत किये गये है। निर्माण कार्य पूर्णता की ओर है।
मेरी सरकार द्वारा किसान सम्मान निधि से आठ लाख सतावन हजार कृषक लाभान्वित किये जा चुकें है।
जैविक कृषि क्षेत्र में वृद्धि हेतु 78000 हैक्टेयर में परम्परागत कृषि विकास योजना (PKVY) का संचालन किया जा रहा है।
कृषि क्षेत्र को नई दिशा एवं गति प्रदान किये जाने की दृष्टि से क्लस्टर आधारित एकीकृत कृषि ग्राम योजना (Integrated Model Agriculture Village&IMA Village) स्वीकृत की गई है।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अनुरूप गैप फिलिंग हेतु विशेष अतिरिक्त सहायता प्रदान किये जाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना प्रारम की गई है।
किसानों की आर्थिकी सुधारने हेतु कृषि कानूनों में संशोधन किया गया है किसान को अपनी उपज को अपनी मर्जी से किसी भी स्थान, समय और किसी भी क्रेता को बेचने की स्वतन्त्रता दी गई है।
किसानों को अधिक प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य दिलाने की व्यवस्था की गयी है ई-ट्रेडिंग से क्रय-विक्रय को बढ़ावा दिया गया है। एकीकृत लाइसेंस की व्यवस्था की गयी है।
बागवानी मिशन औद्यानिक गतिविधियों के अधीन 26500 काश्तकारों/उद्यमियों को लाभान्वित किया गया है। आगामी वित्तीय वर्ष में 31400 काश्तकारों/उद्यमियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। वित्तीय वर्ष में 5708 कीटपालक परिवारों द्वारा 96.72 मी० टन रेशम कोया उत्पादित किया गया है।
जड़ी-बूटी कृषिकरण से अब तक प्रदेश में 214.02 है. क्षेत्रफल में जड़ी-बूटी कृषिकरण से 853 कृषकों को लाभान्वित किया गया है।विभागीय योजनाओं के अधीन 1167 हैक्टर क्षेत्रफल विस्तार (फलदार वृक्षों का वृक्षारोपण), 11.49 लाख फल पौध वितरण, 44.73 लाख सब्जी पौध वितरण, 1095 कुन्तल सब्जी बीज वितरण, 1627 कुन्तल आलू बीज वितरण, 2430 कुन्तल अदरकबीज वितरण, 718 कुन्तल हल्दी बीज वितरण, लगभग 9447 हैक्टर में पौध सुरक्षा कार्य तथा 3656 व्यक्तियों को औद्यानिक संयत्र वितरित किये गये है।
फसल बीमा योजना के अन्तर्गत भारत सरकार के दिशा निर्देशन में प्रदेश में पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना खरीफ एवं रबी फसलों हेतु लागू की गयी है।
दो लाख पैंतालिस हजार आठ सौ उन्तीस कृषकों द्वारा अपनी फसलों का बीमा किया गया है बीमा से एक लाख अडसठ हजार आठ सौ एकसठ कृषकों को लाभान्वित किया गया है।
मेरी सरकार परम्परागत कृषि विकास योजना (पी.के.वी.वाई) के अन्तर्गत सगन्ध फसलों की जैविक खेती हेतु हरिद्वार, चमोली, पौडी एवं नैनीताल के 7 विकासखण्डों में 45 एरोमा कलस्टरों में 1525 कृषकों से 900 हैक्टेयर में जैविक खेती करायी गयी हैं।
मेरी सरकार द्वारा राज्य सरकार की सहकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिलों हेतु अवशेष गन्ना मूल्य के भुगतान हेतु एक सौ तिरानवे करोड़ चैबीस लाख की आर्थिक सहायता दी गयी है।
गन्ने की प्रति हैक्टेयर उत्पादन में वृद्धि, उन्नतशील व उच्च शर्करा युक्त गन्ना प्रजातियों की उपलब्धता के साथ-साथ प्रदेश की जलवायु एवं मृदा के अनुकूल प्रजातियों के गन्ना बीज कृषकों को उपलब्ध कराया जा रहा है।
सरकार गन्ने की नवीनतम तकनीक का प्रसार करने योजनाओं का लाभ कृषकों तक पहुँचाने, गन्ना उत्पादन में वृद्धि करने हेतु प्रयासरत है।
मेरी सरकार दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजनान्तर्गत अल्पकालीन फसली ऋण के रूप में एक लाख, मध्यकालीन ऋण के रूप में तीन लाख एवं स्वंय सहायता समूह को पाँच लाख की धनराशि का ब्याजरहित ऋण सुलभता से उपलब्ध करा रही है।
व्यक्तिगत योजना के अन्तर्गत चार लाख छियासी हजार पाँच एवं स्वयं सहायता समूह के अन्तर्गत एक हजार तीन सौ तीस लाभार्थियों को दो हजार बासठ करोड़ का ऋण वितरित किया गया है।
राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के अन्तर्गत चम्पावत अल्मोडा, उत्तरकाशी, देहरादून एवं हरिद्वार में ष्सहकारी सामूहिक खेती के माध्यम से कलस्टरवार विभिन्न व्यवसायिक गतिविधियों संचालित की गयी है।
प्रदेश की बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियों (एमपैक्स) को डिजिटल रूप से सशक्त कर, बैंकिंग कार्यों में पारदर्शिता लाये जाने के उद्देश्य से एमपैक्सों का कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है।
प्रदेश के उद्यमशील युवाओं, प्रवासियों को स्वरोजगार हेतु मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत राज्य जिला सहकारी बैंकों द्वारा आठ प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण तथा जिला सहकारी बैंकों द्वारा मोबाइल वैन के माध्यम से खाता धारकों को सुलभ बैकिंग सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
नाबार्ड की सहायता से प्रदेश की 102 बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समिति (एमपैक्स) को बहु-सेवा केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है।
प्रदेश में एन.सी.डी.सी. के माध्यम से एक समान उपज, उत्पाद के उत्पादन व विपणन हेतु कलस्टरवार कृषक उत्पादक संगठनष् (FPO) का गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजनान्तर्गत मोटर साइकिल टैक्सी योजना संचालित कर दो वर्षों तक प्याज मुक्त ऋण की व्यवस्था की गयी है।
मेरी सरकार जलागम प्रबन्ध योजनाओं एवं कृषि विविधीकरण के साथ कृषकों के आय में वृदि हेतु कृषि उत्पादों के मूल्य सवंर्धन व वितरण के लिए आगामी वित्तीय वर्ष में 10 अतिरिका ग्रोथ सेन्टर की स्थापना करेगी।
1367 करोड वाह्य वित्त पोषित एवं 150 करोड केन्द्र पोषित जलागम विकास योजनायें प्रदेश के 151 सूक्ष्म जलागमों के 4343 वर्ग कि.मी. क्षेत्र में क्रियान्वित की जा रही हैं।
संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के वित्त पोषण से पौडी गढवाल में 41 करोड़ की लागत से जैफ-6 ग्रीन एग्रीकल्चर परियोजना का कार्यान्वयन वित्तीय वर्ष में किया जाना प्रस्तावित है।
मैने अपनी सरकार के विगत वर्ष में किये गये विकास कार्यों का संक्षिप्त विवरण के साथ-साथ आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की प्राथमिकताओं का संक्षिप्त विवरण आपके समक्ष रखा है। सरकार निष्ठापूर्वक अपने संकल्पों एवं लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए प्रतिबद्ध है।
सरकार की प्राथमिकता राज्य में विकेन्द्रीकृत विकास तथा सबका साथ, सबका विकास की अवधारणा को लेकर राज्य को विकसित राज्य की श्रेणी में ले जाना है। इस महत्वपूर्ण संकल्प को पूर्ण करने के लिए आपके द्वारा दिये गये सहयोग के लिए आपका आभार व्यक्त करती हैं।
आप सभी महानुभावों को आगामी वित्तीय वर्ष हेतु वित्तीय व विधायी कार्यों में सक्रिय द सकारात्मक भागीदारी के लिए शुभकामनाएं अर्पित करती है।