उत्तराखण्ड
हाई कोर्ट ने निदेशक खनिकर्म को व्यक्तिगत रूप से किया तलब।
संवादसूत्र देहरादून/नैनीताल: हाई कोर्ट ने कोटद्वार में संचालित सिद्धबली स्टोन क्रशर को हटाए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने मामले में निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म को 23 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पूछा था कि भुदेवपुर यानी जहां स्टोन क्रशर संचालित है वह स्थान पर्वतीय क्षेत्र में आता है या मैदानी। निदेशक ने अपने शपथपत्र में इसका कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया।
कोटद्वार निवासी देवेंद्र सिंह अधिकारी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि कोटद्वार में राजाजी नेशनल के रिजर्व फारेस्ट में सिद्धबलि स्टोन क्रशर लगाया गया है। यह क्रशर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को पूरा नही करता है। गाइडलाइन में कहा था कि कोई भी क्रशर नेशनल पार्को के 10 किलोमीटर एरियल डिस्टेंस के भीतर स्थापित नहीं किया जा सकता। जबकि यह क्रशर 6.5 किलोमीटर की दूरी पर संचालित है। पूर्व में सरकार ने अपनी रिपोर्ट पेश कर कहा था कि यह स्टोन क्रशर सड़क से 13 किलोमीटर दूर है। जबकि याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया था कि दूरी मापने के लिए पैमाना एरियल डिस्टेंस है न कि सड़क मार्ग से। यह क्रशर पीसीबी के मानकों को भी पूरा नही करता है। क्रशर स्थापित होने से वन्यजीव भी प्रभावित हो रहे हैं। लिहाजा इसे हटाया जाए या इसके संचालन पर रोक लगाई जाय।