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साइबर अपराध से जुड़े भरतपुर गैंग के दो शातिर गिरफ्तार
*ओएलएक्स पर फर्जी आइडी बना करते थे ठगी
*खुद को सैन्य अधिकारी बता सस्ते में स्कूटी बेचने का झांसा दे महिला को बनाया शिकार
*अल्मोड़ा पुलिस ने राजस्थान के गोपालगढ़ थाना क्षेत्र में दबिश देकर दबोचे
अल्मोड़ा : उत्तराखंड में साइबर अपराध का जाल फैलाने में जुटे भरपतपुर गैंग का खुलासा कर पुलिस ने दो शातिरों को गिरफ्तार किया है। दो सप्ताह पूर्व ओएलएक्स की फर्जी आइडी बना महिला को सस्ते में स्कूटी बेचने का झांसा दे ठगी का मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद गठित विशेष टीम ने गोपालगढ़ थाना क्षेत्र (राजस्थान) में दबिश देकर उन्हें दबोचा। उनके पास से मोबाइल सेट, एक चालू जबकि 10 सीलबंद सिम व ठगे गए रुपये बरामद कर लिए हैं। गैंग से और कितने लोग जुड़े हैं। अब तक कहां किसे अपना शिकार बनाया है, खाकी ने तहकीकात शुरू कर दी है। इधर न्यायालय के आदेश पर दोनों ठगों को जेल भेज दिया गया है।
नगर स्थित सोल्जर्स कार्नर दुगालखोला के किशन सिंह बिष्ट की पत्नी राजुल नागर ने बीती 23 जनवरी को कोतवाली में एक अनजान व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया था। महिला के अनुसार संदिग्ध ने इंटरनेट मीडिया पर खुद को सैन्य अधिकारी बताया। तबादला होने के कारण सस्ते में स्कूटी बेचने की मजबूरी बताई। इस पर राजुल ने ओएलएक्स पर बनी आइडी में दिए गए खाते में गूगलपे के जरिये तीन बार में अनजान शख्स के खाते में 19200 रुपये पहुंचाए। जब तय समयावधि के भीतर स्कूटी नहीं मिली तो उसे ठगी का अहसास हुआ।
सर्विलांस से पता की लोकेशन
साइबर अपराध से जुड़े मामले में कप्तान पंकज भट्ट ने त्वरित कदम उठाते हुए विशेष टीम गठित की। सर्विलांस में तैनात कांस्टेबल मोहन बोरा ने ठगों की लोकेशन पता कर ली। एसआई रजत सिंह कसाना, कांस्टेबल संदीप सिंह व नारायण सिंह ने भरतपुर (राजस्थान) में डेरा डाल मुखबिर तंत्र तैयार किया। बीती गुरुवार को सटीक सूचना पर साइबर अपराध का भरतपुर गैंग चला रहे दोनों ठगों को पकड़ लिया। एसएसपी पंकज ने अज्ञात में दर्ज मुकदमे के बावजूद बेहतर काम के लिए टीम को नकद पुरस्कार दिया है।
कड़ी पूछताछ में उगले अहम राज
पुलिस के हत्थे चढ़े हैवतका थाना गोपालगढ़ जिला भरतपुर के राहुल पुत्र सुल्तान व तौफीक पुत्र लियाकत निवासी कठौल थाना पहाड़ी जिला भरतपुर (दोनों राजस्थान) ने कुछ अहम राज भी खोले। कहा कि ओएलएक्स पर फर्जी आइडी बना स्कूटी का फोटो अपलोड किया। खुद को सैन्य अधिकारी बताया ताकि खरीदार जल्द भरोसा कर ले। स्कूटी की कीमत देख महिला खरीदने को तैयार हो गई। राहुल व तौफीक अरसे से फेसबुक, ओएलएक्स व अन्य इंटरनेट साइट्स पर फर्जी एकाउंट और आइडी बना ठगी करते आ रहे। राजुल के बाद वह एक और को शिकार बनाने की फिराक में थे।
साइबर क्राइम में भरतपुर गैंग उत्तर भारत खासतौर पर उत्तराखंड में खासा सक्रिय है। पता लगा रहे हैं कि इनके गिरोह में कहां कितने संदिग्ध जुड़े हैं। गैंग के सदस्य उत्तराखंड में रेकी कर चुके। सैनिकों के प्रति लोगों में सहानुभूति होने का पता लगाने के बाद ही ठगों ने खुद को फौजी अधिकारी बता महिला को झांसे में ले लिया। पूछताछ में मिले महत्वपूर्ण सुराग के आधार पर जांच कर कर रहे हैं।