-
“इन पहाड़ों की कुछ छोटी नदियाँ”
17 Sep, 2021रचना :- हरदेव नेगी इन पहाडों से निकलती कुछ छोटी नदियाँ,जो अज्ञात सा जीवन जी रही...
-
पहाड़ भी रोते हैं।
02 Sep, 2021कविता राहुल गोस्वामी(अचेतन) पहाड़ भी रोते हैंजब मेघ लहराता हैविकराल रूप दिखलाता हैतब अस्तित्व पहाड़ भी...
-
“धुएं वाली ट्रेन”
28 Aug, 2021(ध्रुव गुप्त) इन दिनों सपनों में ट्रेनें बहुत आ रही हैडीजल या बिजली वाली नहींबेतहाशा धुएं...
-
“बड़ा त्योहार राखी का”
22 Aug, 2021गीत निशा”अतुल्य” बड़ा ही प्यार है लाया,बड़ा त्योहार राखी का।मिला सम्मान भाई से,बड़ा उपहार राखी का।।...
-
“नदी एक स्त्री”
04 Aug, 2021कविता रत्नेश अवस्थी नदी जिसका पिता पर्वत,और प्रियतम समुन्दर होता है,जो हमेशा जीती है परहित के...
-
सावन संग खुशियाँ रोपती।
30 Jul, 2021कविता दीपशिखा गुसांईं सावन की फुहारें थीं,दूर धान रोपती महिलाएं थीं,भीगती ,गाती अपनी ही धुन में...
-
“मुट बौटि ले”
25 Jul, 2021हरदेव नेगी गढ़वाली कविता नौंळा पंदेरों मा पंदेरी ब्वनी छन,बाटा घाटों मा बट्वे,सैरु बाजारु मा छापा...
-
“संट्यै फूल”
10 Jul, 2021गढ़वाली कविता रचनाकार – हरदेव नेगी तौं बिठा पाखौं डाळ्यूं का फांगों कु चा हैंसड़ू मुलमुल?तौं...
-
ग़ालिब छूटी शराब..
26 Jun, 2021प्रतिभा की कलम से अंतरराष्ट्रीय शराब उन्मूलन दिवस “कौन कमबख्त बर्दाश्त करने को पीता है …...
-
तू हिकमत नि हार,
16 Jun, 2021गढ़वाली कविता हरदेव नेगी स्यूं जोत कमर कस,मिस्यो कुछ कमौंणा की सार,अळसु छ्वोड़ मुकन्याळ जगौ,पर तू...