उत्तराखण्ड
भाजपा ने उत्तराखण्ड में चुना संतुलन का रास्ता,
- दलित, ब्राह्मण और ठाकुर के बीच बनाया संतुलन।
- कल्पना सैनी को राज्यसभा भेजकर महिला और ओबीसी समुदाय को दी थी तरजीह।
- अब अजय टम्टा को मंत्री बना कर अनुसूचित जाति को दिया प्रतिनिधित्व।
संवादसूत्र देहरादून: लोकसभा चुनावों में उत्तराखंड में हैट्रिक बनाने के बावजूद भाजपा हाईकमान किसी भी क्षेत्र में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता। अब केंद्रीय मंत्रिमंडल में उत्तराखंड को प्रतिनिधित्व के बहाने पार्टी हाईकमान ने सभी वर्गों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की है। अल्मोड़ा के सांसद अजय टम्टा को मंत्रिमंडल में जगह देकर पार्टी ने अनुसूचित जाति को तरजीह दी है। इससे पूर्व कई दिग्गजों को दरकिनार कर पार्टी ने कल्पना सैनी को राज्यसभा भेजकर महिलाओं के साथ ही ओबीसी समुदाय का सम्मान किया था।
प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राजपूत और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ब्राह्मण जाति से हैं। राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा का कार्यकाल पूरा होने पर इस सीट पर कई दिग्गजों की मजबूत दावेदारी बताई जा रही थी, इसके बावजूद भाजपा हाईकमान ने कल्पना सैनी को राज्यसभा भेजकर महिलाओं और ओबीसी समुदाय को प्रतिनिधित्व दिया। अब सांसद अजय टम्टा को
को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देकर भाजपा हाईकमान ने ठाकुर, ब्राह्मण और अनुसूचित जाति के बीच संतुलन साधने का काम किया है।
अल्मोड़ा संसदीय सीट पर जीत की हैट्रिक लगाने वाले अजय टम्टा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में कपड़ा राज्य मंत्री का दायित्व संभाल चुके हैं। उन्होंने वर्ष 1996 में जिला पंचायत सदस्य के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था। इसके बाद वह जिला पंचायत अध्यक्ष और 2012 में सोमेश्वर सीट से विधायक चुने गए। अल्मोड़ा सीट पर 2014 से अब तक लगातार सांसद चुने गए हैं।
पार्टी उत्तराखंड में अपनी जमीन को और मजबूती देने के लिए लगातार काम कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पार्टी के संकल्प को पूरा करने के लिए सभी धर्म समुदाय और वर्गों को पूरा सम्मान दिया है। सभी वर्गों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य में नई नई योजनाओं की शुरूआत की गई है।