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  • ऊँका औंण से पैलि

    By 22 Mar, 2022

    (गढ़वाली कविता) हरदेव नेगी ऊँका औंण से पैलि स्यूँद पाटि सजै द्योंकखि बटि क्वी कसर नि...

  • मैं गौरैया!

    By 20 Mar, 2022

    (डॉ भारती वर्मा बौड़ाई) घर हैंघर में आँगन भी हैंपर दिखते नहीं पेड़,रखे हैंकुछ गमलेसीधी लाइनों...

  • कहाँ गई हो तुम गौरैया…

    By 20 Mar, 2022

    निशा गुप्ता “कविता“ कहाँ गई हो तुम गौरैयालौट कभी तो आओ जीमेरा आँगन सुना लगताथोड़ा तो...

  • ‘होरि एैग्ये”…

    By 17 Mar, 2022

    हरदेव नेगी फागुंण चैत कि रंगीली बहार फूलु मा सौरी गे,रंगों कु सजीलु त्यवार होरि एैग्ये।।होरी...

  • रंगों की बौछार।

    By 13 Mar, 2022

    “मुक्तक“ निशा”अतुल्य” रंगों की बौछार में , भीगी सुन्दर नार ।भागी बचने के लिए , पिचकारी...

  • होली: “जोगी जी वाह जोगी जी”

    By 09 Mar, 2022

    निशा गुप्ता(अतुल्य) होली के हुलियारे आए , चंग बजाते आज ।पी कर भंग हुए मतवाले, खोले...

  • भोले की बारात

    By 28 Feb, 2022

    कविता (निशा गुप्ता) भोले ने बारात चढ़ाईबाघाम्बर पोशाक सजाई ।तन पर अपने भस्म रमाईचन्द्र सुशोभित गंगा...

  • “डोली”

    By 22 Feb, 2022

    निशा गुप्ता सपनो की डोली सजीलेकर चले कहार ।तन मन डूबा प्रेम मेंउतरी साजन द्वार ।।...

  • “प्रेम”

    By 18 Feb, 2022

    “कविता“ (राघवेंद्र चतुर्वेदी) प्रेम अनभिज्ञ रहाअपनी मनोदशा परवो चाहता था चिंतनपर मिली पीड़ा दायक मुक्ति..! असमय...

  • याद आती रही …

    By 17 Feb, 2022

    (कविता) “अनिता मैठाणी“ अप्राप्य ही रहेकरीब रहकर भी,कितने यकीन सेबुनते थे भविष्य;जैसे माँ सलाइयों मेंधागों के...

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