उत्तराखण्ड
विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में चरम पर पहुंची गुटबाजी।
संवादसूत्र देहरादून/हल्द्वानी: उत्तराखंड में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद से हरीश रावत सबसे अधिक निशानें पर हैं। लगातार उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा रहा है। इन आलोचनाओं से आहत हरदा सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। अब उन पर टिकट बेचने का आरोप लगाया गया।
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर चुनाव में टिकट के नाम पर बड़ी रकम जुटाने का आरोप लगाया था। अब हरदा ने फेसबुक पोस्ट के जरिये पलटवार करते हुए खुद के ही निष्कासन की मांग कर दी। हरीश रावत ने कहा कि पद और पार्टी टिकट बेचने का आरोप बेहद गंभीर है। यह आरोप ऐसे व्यक्ति पर लगा है जो कि मुख्यमंत्री रहा, प्रदेश अध्यक्ष रहा। साथ ही कांग्रेस कार्यसमिति का सदस्य भी है। लिहाजा, कांग्रेस पार्टी मेरे पर लगे इस आरोप की वजह से मुझे निष्कासित कर देना चाहिए।
कांग्रेस को पूरी उम्मीद थी कि वह चुनाव में बहुमत पाकर सत्ता में पहुंचेगी। लेकिन मोदी मैजिक ने इन उम्मीदों पर पानी फेर दिया। हार के बाद संगठन की कमजोरियों और अन्य कारणों की समीक्षा करने की बजाय कांग्रेसी दिग्गज आपस में लडऩे में लगे हैं। सोमवार को प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत ने पूर्व सीएम पर बड़ा आरोप लगाया था। कहा कि हरीश रावत ने चुनाव में टिकट बांटने के नाम पर एक बड़ी धनराशि एकत्र की थी। टिकट नहीं मिलने पर कुछ लोगों के पैसे वापस कर दिए गए। जबकि बाकी हरदा के मैनेजरों के पास चक्कर काट रहे हैं। अब फेसबुक पोस्ट के जरिये हरदा ने भी जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि मुझ पर आरोप लगाने वाला व्यक्ति खुद कांग्रेस के एक बड़े पद पर हैं। इसलिए मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि पार्टी इस आरोप की वजह से मुझे निष्कासित कर दे। हरदा ने यहां तक कहा कि हरीश रावत जैसी बुराई का पार्टी को इस होलिका में दहन कर देना चाहिए।