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रूस का ऐलान-ए-जंग: यूक्रेन पर किया हमला,बाइडेन बोले- पूरी दुनिया हमारे साथ, इस कदम का जवाब देंगे।
सँवादसूत्र: रूस के राष्ट्रपति ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने नाटो को धमकी दी है कि अगर यूक्रेन का साथ दिया तो नतीजे भुगतने होंगे। हालांकि, पुतिन ने साफ कर दिया है कि उनका यूक्रेन पर कब्जा करने का इरादा नहीं है। रूसी राष्ट्रपति का कहना है कि यूक्रेनी सेना हथियार डाले और वापस जाए। यूक्रेन की सेना ने रूस को डराया है और यह सब कुछ नियो न लोगों के इशारे पर हो रहा है। पूर्वी यूक्रेन में 2014 में बने अलगाववादी इलाकों ने हमसे मदद मांगी थी, उनके कहने पर ही हम यह कदम उठा रहे हैं।
पुतिन के ऐलान के तुरंत बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस कदम की निंदा की। बाइडेन बोले- पुतिन के फैसले का बहुत बुरा नतीजा निकलेगा। पूरी दुनिया हमारे साथ है, इस कदम का जवाब देंगे। रूसी हमले के बाद यूक्रेन में मार्शल लॉ लगा दिया गया है। यूक्रेन की तरफ से युद्ध रोकने की अपील की गई है। राजधानी कीव के एयरपोर्ट के खाली कराया गया है।
पुतिन के बयान के तुरंत बाद ही यूक्रेन में विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके, राजधानी कीव में बड़े धमाकों की
रिपोर्ट्स सामने आई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्रमातोस्क में 2 धमाके सुने गए हैं। रूसी सिपाही क्रीमिया के रास्ते यूक्रेन में घुस रहे हैं। बॉर्डर पर दो लाख से ज्यादा रूसी सिपाही तैनात हैं। पुतिन ने ये ऐलान UNSC की बैठक की बीच किया है। यह बैठक रूस- यूक्रेन तनाव पर ही चल रही है, अब रूस पर कड़ी कार्रवाई का फैसला लिया जा सकता है।
यूएस सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी के पूर्व निदेशक डेविड पेट्रियस का कहना है कि कोल्ड वॉर खत्म होने के बाद पुतिन ने नाटो को सबसे बड़ा तोहफा दे दिया है। इस खतरे की वजह से नाटो फिर से एकजुट हो गया है। पुतिन रूस को महान बनना चाहते है, लेकिन उन्होंने अपनी हरकत से नाटो को फिर से महान बना दिया।
यूएन की तरफ से शांति की अपील की गई है। युद्ध के खतरे के बीच फ्रांस ने बुधवार को अपने नागरिकों से बिना देरी किए यूक्रेन छोड़ने को कहा है। फ्रांस के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि यूक्रेन की सीमाओं पर रूसी सैनिकों के जमा होने की वजह से गंभीर तनाव पैदा हो गया है। साथ ही दो अलगाववादी क्षेत्रों को रूस ने मान्यता दी है और यूक्रेन ने इमरजेंसी लागू कर दी है। इसलिए यूक्रेन में मौजूद फ्रांसीसी नागरिकों को बिना देरी के देश छोड़ देना चाहिए ।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की। इस मुलाकात में रूस- – यूक्रेन संकट, इंडो-पैसिफिक में आपसी सहयोग, भारत और फ्रांस के बीच डिप्लोमैटिक, आर्थिक और रक्षा संबंधों को मजबूत पर चर्चा हुई। भारत ने पूर्वी यूरोप में तनाव कम करने के लिए मैक्रों की कोशिशों की सराहना की। इससे एक दिन पहले जयशंकर ने फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस में बोलते हुए फ्रांस की तारीफ करते हुए उसे वर्ल्ड सुपर पावर बताया था।
रूस के खिलाफ रणनीति तय करने के लिए यूरोपीय यूनियन की गुरुवार यानी आज बेहद अहम मीटिंग करेगा। वैसे खास बात यह है कि यही मीटिंग बेलारूस में होगी, जो पहले ही रूस के साथ है और रूसी फौज बेलारूस की धरती पर मौजूद है। वहीं, आज यूक्रेन मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में एक बार फिर बैठक होगी। इस मसले पर एक हफ्ते में UNSC की यह दूसरी मीटिंग है।
बॉर्डर पर लगातार बढ़ते तनाव के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की टीवी पर लाइव आकर युद्ध को टालने की भावुक अपील की। उन्होंने रूसी लोगों को रूस-यूक्रेन के साझा इतिहास और संस्कृति की भी याद दिलाई। जेलेंस्की ने बताया कि उन्होंने व्लादिमीर पुतिन को फोन भी किया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा उनका देश शांति चाहता है।
रूस के साथ संभावित युद्ध के खतरे को देखते हुए यूक्रेन की संसद ने आम लोगों के हथियार रखने का कानून पास कर दिया है। वहीं, जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज आज G7 नेताओं की एक वर्चुअल मीटिंग करेंगे।
रूसी हमले के मद्देनजर यूक्रेन की संसद ने नेशनल इमरजेंसी की घोषणा कर दी है। इमरजेंसी के ऐलान के साथ ही यूक्रेन ने अपने 30 लाख लोगों को तुरंत रूस छोड़ने के लिए कहा है। रूस ने बुधवार को यूक्रेनी बैंकों और रक्षा, विदेश, आंतरिक सुरक्षा जैसी अहम वेबसाइट पर साइबर अटैक किया। डिप्टी पीएम फेदोरोव ने कहा रूस को मुंहतोड़ जवाब देंगे।